November 15, 2024
मछली पकड़ने गया युवक गोमती नदी में डूबा,  गोताखोरों द्वारा तलाश जारी सुलतानपुर, हलियापुर...
अधिवक्ताओं के चेंबरो में घुसा पानी ,,कार्य अस्त व्यस्त शावेज़ अहमद रामपुर। ज़िला मुख्यालय...
पोषण शिविर एवं किशोरियों में एनिमिया के रोकथाम एवं प्रबन्धन कार्यक्रम का किया जायेगा...
खटारा वैन का जानलेवा सफर – जिंदगी के लिए हर दिन मौत से लड़ते मुसाफिर, जुगाड़ पर चल रहा धंधा दिल्ली   दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में लोगों को मजबूरन खटारा वाहनों से जानलेवा सफर करना पड़ रहा है। बगैर इजाजत से धड़ल्ले से दौड़ रहे निजी वाहनों की हेड लाइट, इंडीकेटर से लेकर सीट तक उखड़ी दिख जाती है। जुगाड़ पर क्षमता से दो गुना ज्यादा सवारी लेकर संचालक अपना धंधा चला रहे हैं। जबकि अपनी जिंदगी चलाने के लिए मुसाफिर हर दिन मौत से लड़ते नजर आते हैं। हैरानी की बात यह कि दो से तीन जिलों को पार करते इन वाहनों को पुलिस नजरअंदाज किए रहती है। पुलिस के साथ आपसी तालमेल से इनका वाहन सड़कों पर हवा से बात करता नजर आता है। यह ट्रैफिक व परिवहन के हर नियम कायदों की धज्जियां उड़ाते हैं। इसी तरह के लापरवाही का नतीजा बृहस्पतिवार लोनी गोल चक्कर के हादसे के तौर पर रहा, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई थी और नौ लोग घायल हुए थे।   दबी जुबान से दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वैन को सवारी के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दिल्ली में कही भी नहीं है। लोग प्राइवेट वैन खरीद रूट पर चलाना शुरू कर देते हैं। ना तो यह वैन वैध हैं और न ही इनके द्वारा वसूल किया जा रहा किराया वैध है। चालक किराया ज्यादा वसूलने का विरोध करने पर सवारियों के साथ मारपीट भी करते हैं। आनंद विहार से लोनी बॉर्डर के लिए एक सवारी का 50-100 रुपये तक वसूल लेते हैं। जबकि बस का किराया 10-20 रुपये के बीच है। दिल्ली में सभी जगह चल रही हैं अवैध वैन दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार प्राइवेट वैन खरीदकर कर्मिशियल गतिविधियों के लिए चलाने की अनुमति कही नहीं है। इसके वाबजूद यह पूरी दिल्ली में बड़े पैमाने पर चल रही है। दूसरी वैन से आगे निकलने व ज्यादा सवारी बैठाने की होड़ में वैन चालक आए दिन सड़क दुर्घटनाएं करते हैं। सार्वजनिक परिवहन सेवा ठीक नहीं होने से लोग वैन में बैठते हैं ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी बताते हैं कि जरूरत के हिसाब से सार्वजनिक परिवहन सेवा नहीं होने के कारण लोग अवैध रूप से चल रही इन वैनों में बैठते हैं। इनमें बैठना लोगों की मजबूरी है। लोगों का कहना है कि आबादी बढ़ रही और सार्वजनिक परिवहन सेवा है नहीं, उसका फायदा ये वैन चालक उठा रहे हैं।    
डीआरडीओ वैज्ञानिक कुरुलकर पाक एजेंट के प्रति आकर्षित हुआ था, मिसाइल प्रणाली की बात की डीआरडीओ का वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर ‘ज़ारा दासगुप्ता’ नाम का इस्तेमाल करने वाली पाकिस्तानी खुफिया एजेंट की ओर आकर्षित हो गया था और उसने खुफिया रक्षा परियोजनाओं के अलावा भारतीय मिसाइल प्रणालियों के बारे में उससे बातचीत की थी। यह आरोप कुरुलकर के खिलाफ दायर आरोप पत्र में हैं। महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने पिछले सप्ताह यहां एक अदालत में कुरुलकर के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। वह पुणे में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक प्रयोगशाला का निदेशक था। उसे तीन मई को शासकीय गोपनीयता अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था और अब वह न्यायिक हिरासत में है। आरोप पत्र के मुताबिक, कुरुलकर और ‘ज़ारा दासगुप्ता’ व्हाट्सऐप के जरिए संपर्क में रहने के साथ-साथ वॉयस और वीडियो कॉल के जरिए भी बातचीत किया करते थे।एटीएस ने आरोप पत्र में कहा, दासगुप्ता ने दावा किया था कि वह ब्रिटेन में रहती है और सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और उसने कुरुलकर को अश्लील संदेश और वीडियो भेजकर उससे दोस्ती की। जांच के दौरान उसका ‘आईपी एड्रेस’ पाकिस्तान का पाया गया। आरोप पत्र के मुताबिक, पाकिस्तानी एजेंट ने ब्रह्मोस लॉन्चर, ड्रोन, यूसीवी, अग्नि मिसाइल लॉन्चर और मिलिट्री ब्रिजिंग सिस्टम समेत अन्य के बारे में खुफिया और संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की। उसमें कहा गया है, “कुरुलकर उसके प्रति आकर्षित हो गया था और उसने डीआरडीओ की खुफिया और संवेदनशील जानकारी को अपने निजी फोन में लिया और फिर कथित तौर पर ज़ारा के साथ साझा किया।“ एटीएस के मुताबिक, दोनों जून 2022 से दिसंबर 2022 तक संपर्क में थे। कुरुलकर की गतिविधियां संदिग्ध पाए जाने के बाद डीआरडीओ द्वारा आंतरिक जांच शुरू करने से ठीक पहले, उसने फरवरी 2023 में ज़ारा का नंबर ब्लॉक कर दिया था।इसके बाद उसे एक अज्ञात भारतीय नंबर से व्हाट्सऐप पर संदेश मिला कि ‘आपने मेरा नंबर क्यों ब्लॉक कर दिया।’ आरोप पत्र के मुताबिक, बातचीत के रिकॉर्ड से पता चला है कि कुरुलकर ने पाकिस्तानी एजेंट के साथ अपना निजी और आधिकारिक कार्यक्रम और स्थान साझा किए जबकि उसे पता था कि उसे ऐसा किसी के साथ नहीं करना है।    
दिल्ली एनसीआर में यलो अलर्ट, नोएडा-गाजियाबाद में झमाझम बारिश; अगले दो दिन ऐसा रहेगा मौसम नई दिल्ली दिल्ली एनसीआर में झमाझम बारिश का सिलसिला जारी है। शनिवार सुबह से ही दिल्ली-नोएडा और गाजियाबाद के कई इलाकों में बारिश हो रही है। मौसम विभाग की ओर से दो दिन का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने शनिवार शाम के लिए बारिश का यलो अलर्ट जारी किया था। मगर दिल्ली-एनसीआर में दरम्यानी रात ही झमाझम शुरू हो गई। बारिश करीब दो घटे चली। इससे तापमान में गिरावट होगी। मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट वैसे मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। साथ ही अंदेशा जताया है कि दिन में तेज हवाएं चल सकती हैं। शाम को बारिश का अंदेशा है। प्रादेशिक मौसम विज्ञान केंद्र, नई दिल्ली के मुताबिक शुक्रवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 35 व न्यूनतम तापमान 26.7 डिग्री दर्ज किया गया। दिल्ली में सुबह साढ़े आठ बजे तक दो एमएम बारिश दर्ज हुई। सबसे ज्यादा बारिश रिज क्षेत्र में 9.7 एमएम बारिश हुई। वहीं पालम क्षेत्र में 9.4 एमएम, लोदी रोड, आया नगर, पूसा में चार एमएम दर्ज हुई। विभाग के अनुसार बारिश से पारा गिरकर 32 डिग्री तक आने की उम्मीद है। रविवार को भी पारा 32 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है। प्रदूषण स्तर में मामूली बढ़त शुक्रवार को मौसम में सुधार के बाद प्रदूषण स्तर में मामूली बढ़त दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार शुक्रवार को प्रदूषण का स्तर 77 दर्ज किया गया जो बृहस्पतिवार को 72 सूचकांक दर्ज किया गया था। बोर्ड के अनुसार शनिवार को दिल्ली में प्रमुख सतही हवा पूर्व दिशाओं से आने की संभावना है। हवा की गति 10 – 25 किमी प्रति घंटा हो सकती है। सुबह के समय आसमान में बादल छाए रहेंगे। दिन में तेज हवाएं चलने की उम्मीद है। शाम को मध्यम स्तर पर बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की उम्मीद है।   ReplyForward
मोबाइल व टैबलेट पर भी कांवड़ मार्ग की निगरानी करेगी पुलिस गाजियाबाद। कांवड़ यात्रा के लिए कमिश्नरेट पुलिस ने पूरी तैयारी कर ली है। कांवड़ मार्ग समेत आसपास के रास्तों पर करीब 1000 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इनमें से अधिकांश कैमरे आईपी एड्रेस पर आधारित हैं। ऐसे में इस बार पुलिस कांवड़ मार्ग की निगरानी अपने मोबाइल व टैबलेट पर भी करेगी। यह बात पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने कांवड़ संबंधी प्रेसवार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद सुरक्षित कांवड़, सुविधाजनक कांवड़ है, जिसमें कांवड़ियों के साथ स्थानीय लोगों की सुरक्षा व सुविधा हमारी जिम्मेदारी है। पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने कहा इस बार कांवड़ियों की संख्या अधिक होने की उम्मीद है। ऐसे में पिछले साल की तुलना में अधिक सुरक्षा बल के साथ सुरक्षा के लिए अतिरिक्त व्यवस्थाएं की गई हैं। उन्होंने बताया कि कांवड़ यात्रा के लिए इस बार जिले को 12 जोन, 26 सेक्टर, 105 सब-सेक्टर में बांटा गया। जिसमें डीसीपी के अलावा एसीपी भी भ्रमण पर रहेंगे। कांवड़ मार्ग पर 581 ड्यूटी प्वाइंट बनाए गए हैं। जहां अपने-अपने थाना क्षेत्र में थाना पुलिस के अतिरिक्त 53 इंस्पेक्टर, 574 सब-इंस्पेक्टर, 1339 हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल तैनात रहेंगे। साथ ही एक कंपनी पीएसी और 144 एसएसएफ के जवानों की भी ड्यूटी लगाई जाएगी। अभी तक 192 आवेदन कांवड़ शिविर लगाने के लिए आए हैं। इनमें से 133 को अनुमति के दी गई है। कांवड़ शिविर की अनुमति के लिए स्थान का निरीक्षण करके कई बिंदुओं को देखा जा रहा है। इसमें विवादित स्थान या मिश्रित आबादी में शिविर लगाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। वीडियोग्राफी कर मंगवाया गया 1200 लीटर गंगाजल पुलिस आयुक्त ने बताया कि कांवड़ यात्रा...
अमेरिका से वापस लाई जाएंगी 100 बेशकीमती मूर्तियां – जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रदर्शित करने की योजना नई दिल्ली देश से चोरी हुई बहुमूल्य मूर्तियों को अमेरिका से वापस लाने की कवायद तेज हो गई है। इनमें 2100 साल पुरानी मूर्तियां भी शामिल हैं। इसमें यक्षिणी, भगवान विष्णु-लक्ष्मी, कुबेर, सूर्य भगवान की प्रतिमा, भगवान गणेश की नृत्य करती समेत कई तरह की प्रतिमाएं हैं। सांस्कृतिक धरोहर में शामिल 100 से अधिक बेशकीमती मूर्तियां देश में वापस आएंगी। यह अभी तक के इतिहास में सांस्कृतिक धरोहर वापस आने की सबसे बड़ी खेप बताई जा रही है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) अमेरिका की एजेंसी के साथ संपर्क में है। जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठक को देखते हुए उम्मीद है कि इन्हें एक माह के अंदर देश में लाया जाएगा। विदेश से आने वाले मेहमानों को इनसे भारतीय प्राचीन संस्कृति से रूबरू कराया जाएगा। देश के अलग-अलग राज्यों से चोरी हुईं इन बेशकीमती मूर्तियों को सहेजा जाएगा। इनमें कुछ प्रतिमाएं धार्मिक भी हैं और गैर धार्मिक भी। इसमें मुख्य रूप से ईसा पूर्व में द्वितीय-पहली शताब्दी की यक्षिणी की टेराकोटा की प्रतिमा, 11वीं शताब्दी की भगवान विष्णु-लक्ष्मी व गरूड़ की मिट्टी से बनी मूर्ति, 8वीं-9वीं शताब्दी की कुबेर की मिट्टी से बनी प्रतिमां, 11-12वीं शताब्दी के सूर्य भगवान की प्रतिमां, 9वीं शताब्दी के लाल पत्थर की बनी भगवान गणेश की मूर्ति व नंदी की प्रतिमा समेत कई मूर्तियां शामिल हैं। इसके अलावा तमिलनाडु के मंदिरों से चुराई गईं तीन मूर्तियां शामिल हैं। इनमें पूर्व चोल काल पत्थर की मूर्तियां शामिल हैं। ये मूर्ति 12 वीं- 13 वीं शताब्दी की हैं। इसमें धार्मिक मूर्तियां, कांसे और टेराकोटा की बनी प्राच्य वस्तुएं हैं। यह बहुमूल्य मूर्तियां चोरी चुपके बाहर भेजी गईं थीं। एएसआई के दल की पहचान एएसआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन मूर्तियों की छानबीन की गई है। इनकी जांच के लिए एएसआई का एक दल अमेरिका भी गया था। इसमें इन मूर्तियों की पहचान कर इनके काल का भी पता लगाया गया है। उन्होंने बताया कि यह मूर्तियां उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान व तमिलनाडु समेत कई राज्यों से चुराई गईं थी। वहीं, एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह मूर्तियां आने वाले एक माह के भीतर हमारे देश में आने की उम्मीद है। इनको वापस लाने के लिए सभी जरूरी प्रक्रिया चल रही हैं। यह मूर्तियां फिलहाल वहां के अलग-अलग संग्रहालयों में रखी गई हैं। सहेजी जाएगी धरोहर...