November 24, 2024
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 पहले ही जाम से जख्मी है शहर, अब नासूर बने हैं बेलगाम ई-रिक्शा, नियमों की उड़ाते हैं धज्जियां

Kanpur News: वीआईपी रोड के नाम से जानी जाने वाली रोड भी ई-रिक्शे के मकड़जाल से नहीं बच सकी है। सिर्फ नाम की वीआईपी रोड पर भी ई-रिक्शों की अराजकता व्याप्त है। इनकी वजह से वाहन वीआईपी रोड पर रफ्तार नहीं भर सकते।

कानपुर शहर में जाम की समस्या से लोगों को निजात मिलती नहीं दिख रही। बीते नौ सालों में तेजी से बढ़ी ई-रिक्शों की संख्या जाम की समस्या में नासूर बन गई है। वहीं, पुलिस कमिश्नरी और यातायात विभाग के पास फिलहाल इसका कोई तोड़ नहीं है। पूर्व में बनी प्लानिंग भी आज तक धरातल पर नहीं उतर सकीं। हालत यह है कि चौराहे हों या आम सड़कें, नुक्कड़ हों या गलियां सभी जगहों पर ई-रिक्शों का संजाल फैला हुआ है।

शुरुआत में ई-रिक्शों की संख्या महज कुछ सैकड़ा थी, जो वर्ष 2016 में 1004 हो गई। इसके बाद से ई-रिक्शों की संख्या लगातार बढ़ती चली गई। आलम यह हुआ कि वर्ष 2023 में इनकी संख्या बढ़कर 35 हजार 174 हो गई। अनियंत्रित रफ्तार से शहर की सड़कों पर इनके बढ़ने का असर आज हर चौराहे और गलियों में जाम का मुख्य कारण बनकर सामने आया।

धरी रह गई थी निराकरण की प्लानिंग
ई-रिक्शों की समस्याओं को देखते हुए पूर्व में यातायात विभाग की ओर से ई-रिक्शों के लिए कलर कोडिंग सिस्टम व रूट निर्धारित करने पर अधिकारियों और ई-रिक्शा एसोसिएशन की सहमति बनी थी। हालांकि यह प्लानिंग भी धरी रह गई। वर्तमान में घंटाघर चौराहा, जरीब चौकी चौराहा, बड़ा चौराहा, परेड चौराहा, कल्याणपुर चौराहा, गोल चौराहा, रेव मोती तिराहा, रावतपुर क्रासिंग, सीटीआई, बारह देवी चौराहा आदि जगहों पर ई-रिक्शों की अराजकता है।
र भी ई-रिक्शों का धब्बा
वीआईपी रोड के नाम से जानी जाने वाली रोड भी ई-रिक्शे के मकड़जाल से नहीं बच सकी है। सिर्फ नाम की वीआईपी रोड पर भी ई-रिक्शों की अराजकता व्याप्त है। इनकी वजह से वाहन वीआईपी रोड पर रफ्तार नहीं भर सकते। अचानक से कहीं भी मुड़ जाने के कारण आए दिन हादसे की वजह भी बन रहे हैं।

इस तरह बढ़ी ई-रिक्शों की संख्या…

वर्ष              आरटीओर में रजिस्टर्ड संख्या
2016                   1004
2017                   4035
2018                   4903
2019                   4275
2020                   2821
2021                   6013
2022                   8123
2023                   4000

जरीब चौकी से बजरिया तक आठ हजार ई-रिक्शे बने मुसीबत
ई-रिक्शों का बेतरतीब परिचालन शहर की प्रमुख बाजारों के लिए भी मुसीबत बना हुआ है। पी रोड और सीसामऊ बाजार में ई-रिक्शे जाम का प्रमुख कारण हैं। जरीब चौकी से बजरिया तक रोजाना करीब आठ हजार ई-रिक्शों की आवाजाही होती है। किसी भी जगह ई-रिक्शों को रोककर सवारियां भरना और उतारने और सड़क पर रिक्शों के खड़ा करने से जाम लग रहा है। वहीं, अचानक किसी गली मुहल्ले में मोड़ देने से पीछे से आ रहे वाहनों के भिड़ंत के मामले आ रहे हैं।

केंद्रीय मोटरयान नियमों की उड़ाते हैं धज्जियां
  • चालक को छोड़कर चार से अधिक सवारियां नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा रिक्शे पर सिर्फ 40 किग्रा भार का सामान होना चाहिए।
  • मोटर की शक्ति दो हजार वाट से अधिक नहीं है। वाहन की अधिकतम गति 25 किमी मीटर प्रति घंटा से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • यातायात विभाग की द्वारा निर्दिष्ट रूटों पर ई-रिक्शों का संचालन होना चाहिए। शहर में आज तक यह काम नहीं किया जा सका।

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