November 15, 2024
हरियाणा के सोनीपत में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का एक बार फिर नया रूप देखने को मिला। रविवार को राहुल गांधी हरियाणा में ट्रैक्टर चलाते नजर आए। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से इसका एक वीडियो भी साझा किया है। जिसमें वह किसानों के साथ धान रोपते हुए भी नजर आ रहे हैं। बीते कुछ दिनों में राहुल अलग-अलग ढंग से आम लोगों के बीच जा रहे हैं। इसमें कभी वह ट्रक पर सवार होकर उनके ड्राइवरों से बातचीत करते नजर आए तो कभी किसानों के बीच खेतों में दिखे। वहीं छात्रों के बीच पहुंच जाते हैं तो कभी कॉलेज कैन्टीन में खाना खाते नजर आते हैं। राहुल गांधी ने वीडियो साझा करते हुए लिखा है कि ‘धान की रोपाई, मंजी पर रोटी- किसान हैं भारत की ताकत’। राहुल आगे लिखते हैं कि सोनीपत, हरियाणा में मेरी मुलाकात दो किसान भाइयों, संजय मलिक और तसबीर कुमार से हुई। वो बचपन के जिगरी दोस्त हैं, जो कई सालों से एक साथ किसानी कर रहे हैं। उनके साथ मिल कर खेतों में हाथ बटाया, धान बोया, ट्रैक्टर चलाया, और दिल खोल कर कई बातें हुईं’। किसानों से बातचीत का पूरा वीडियो भी किया साझा राहुल गांधी ने ट्विटर में किसानों से पूरी बातचीत का वीडियो लिंक भी साझा किया। यू-ट्यूब पर 11 मिनट 54 सेकेंड के उस वीडियो में राहुल गांधी किसानों से उनकी फसल को तैयार करने में आने वाली लागत और मौजूदा समय में सरकार की नीतिओं से हो रही परेशानियों पर बात करते नजर आए।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान के 18 जुलाई को भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की बैठक में भाग लेने की संभावना है। मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट होने के विपक्ष के व्यस्त प्रयासों के बीच सत्तारूढ़ दल शक्ति प्रदर्शन करने के लिए पूरी ताकत लगा रहा है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को पत्र लिखकर 18 जुलाई को दिल्ली में होने वाली एनडीए की बैठक में आमंत्रित किया है। नड्डा ने हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी को भी बैठक के लिए आमंत्रित किया है। चिराग के शामिल होने की संभावना चिराग पासवान ने नड्डा की चिठ्ठी को लेकर अपनी बात कही है। उन्होंने कहा कि हम पार्टी नेताओं से सलाह-मशविरा करने के बाद अंतिम फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि हमने समय-समय पर विभिन्न मुद्दों पर बीजेपी का समर्थन किया है, लेकिन एनडीए की बैठक में जाना है या नहीं, इस पर अंतिम फैसला पार्टी नेताओं के साथ बैठक के बाद लिया जाएगा। बिहार में एक और चाचा-भतीजे की जोड़ी-केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान के बीच लड़ाई देखी जा रही है। लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) की स्थापना करने वाले राम विलास पासवान के छोटे भाई और बेटे उस राजनीतिक पूंजी के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा में हैं जो दिवंगत दलित नेता ने अपने जीवनकाल में बनाई थी। अब चिराग को महत्व क्यों अक्टूबर 2020 में राम विलास की मृत्यु के तुरंत बाद चिराग और पारस के बीच अनबन हो गई और सभी संकेत मेल-मिलाप की संभावना कम होने का संकेत देते हैं। पारस केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हैं, यह विभाग नरेंद्र मोदी सरकार में राम विलास के पास था। पारस खुद को राम विलास के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में पेश करते हैं, यह तर्क देते हुए कि उनके भाई ने 2019 के आम चुनाव में हाजीपुर का लोकसभा क्षेत्र उन्हें दिया था – न कि चिराग को। हालाँकि, ऐसा लगता है कि पारस हाल के घटनाक्रमों की पृष्ठभूमि में परेशानी में पड़ गए हैं, जिससे पता चलता है कि भाजपा, बिहार पर नज़र रखते हुए, लोकसभा चुनाव गठबंधन के लिए चिराग से संपर्क कर रही है। चिराग को लगा था झटका चर्चा है कि मोदी सरकार चिराग को केंद्र सरकार में शामिल करने पर भी विचार कर सकती है। अगर ऐसा हुआ, तो यह भाजपा की योजना में पारस की प्रासंगिकता पर सवालिया निशान लगा देगा। 2024 में चिराग के हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की भी संभावना है। मौजूदा सांसद पारस को यह अस्वीकार्य लगेगा जबकि उनके भतीजे हाजीपुर छोड़ने को तैयार नहीं हैं क्योंकि उनके पिता यहां से आठ बार जीते हैं। चिराग फिलहाल जमुई से सांसद हैं। पारस ने जून 2021 में खुद सहित छह लोकसभा सांसदों में से पांच को हटाकर एलजेपी संसदीय दल को विभाजित कर