माइक्रोफाइनेंस आर्थिक समृद्धि का वाहक:डीएम
देवरिया। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अन्तर्गत जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों के बैंक शाखा प्रबन्धकों का सूक्ष्म वित्त एवं वित्तीय समावेशन विषयक एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन विकास भवन परिसर स्थित गांधी सभागार में किया गया, जिसका औपचारिक शुभारम्भ जिलाधिकारी अखण्ड प्रताप सिंह के द्वारा किया गया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि महिलाओं एवं सामाजिक रूप से कमजोर वर्ग के आर्थिक उत्थान में स्वयं सहायता समूह महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं का वित्तीय समावेशन बढ़ा है, जो जीडीपी में बढ़े योगदान के रूप में परिलक्षित हो रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि स्वयं सहायता समूह की आर्थिक आवश्यकता अत्यंत छोटी-छोटी होती है, जिसे माइक्रो फाइनेंस के माध्यम से सरलता पूर्वक पूरा किया जा सकता है। माइक्रोफाइनेंस आर्थिक उन्नति का वाहक है। बैंकर्स स्वयं सहायता समूहों के प्रति सकारात्मक रुख अपनाए और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर लोन दें। लोगों को की गई छोटी-छोटी मदद बड़े बदलाव का वाहक बनती हैं। डीएम ने कहा कि जनपद में 16 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूह पंजीकृत हैं।
स्वयं सहायता समूह को अपने उत्पादों की गुणवत्ता बेहतर करने तथा मार्केटिंग के गुर सिखाने के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया जाएगा।
इस कार्यशाला में वित्तीय वर्ष 2023-24 का रिजर्व बैंक आफ इण्डिया के द्वारा जारी मास्टर सरकुलर एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन की बैंक से सम्बन्धित प्रक्रियाओं पर विस्तार से जानकारी दी गयी एवं उसके आधार पर स्वयं सहायता सदस्यों एवं बैंक शाखा प्रबन्धकगण के आने वाले समस्याओं के निस्तारण हेतु दिशा निर्देश दिये गये। उनके द्वारा पूछे गये प्रश्नों का निस्तारण किया गया। उक्त उन्मुखीकरण कार्यशाला का संचालन जिला कार्यक्रम अधिकारी कृष्ण कान्त राय के द्वारा किया गया। प्रतिभागी बैंकर्स को सेन्सेटाईज करते हुए, प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कार्यशाला की समाप्ति की घोषणा की गयी।