जलमग्न हुआ अस्पताल का मुख्य द्वार मरीजों को हो रही समस्या, जिम्मेदार मौन
जनपद में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक पहली बारिश में जलभराव की बड़ी समस्या देखने को मिली। जल निकासी के लिये नाले तो बनाए गए हैं परंतु उन पर अतिक्रमण का जाल फैला होने के कारण उनकी पूरी तरह से साफ सफाई नहीं हो पाती। बारिश की बात तो दूर आम दिनों में भी मरीजों को गंदे जलभराव की समस्या से जूझना पड़ता है। वहीं सरकार द्वारा नालों के निर्माण तथा साफसफाई में हर साल करोड़ों रुपये खर्च किया जा रहा है। लेकिन यहां साफ-सफाई पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।ताजा मामला जनपद के मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खंडासा का है। जहां अस्पताल के ठीक सामने नाले की जमीन पर अवैध कबजेदारों का कब्जा कर लिया गया है। जिनमें कुछ दबंग कब्जेदारों द्वारा अवैध पक्का निर्माण भी करा लिया गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खंडासा के मुख्य गेट के बगल संदीप मिष्ठान भंडार के नाम से होटल संचालित किया जा रहा है। जिसने नाला निकासी व बारिश के पानी का रास्ता अवरुद्ध कर रखा है। जिससे अस्पताल के सामने दूषित जल भराव हो रहा है। इसी वजह तीमारदारों को आने जाने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खंडासा के सामने अवैध कब्जों के कारण उनकी सही तरीके से सफाई नहीं हो पाती है। कभी अभियान चलता भी है तो उसमें महज खानापूर्ति ही होती है। अस्पताल के सामने किये गये अवैध कब्जों को हटवाने के लिये सीएससी अधीक्षक खंडासा के द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। यदि बरसात होने से पहले अगर प्रशासन जाग गया होता तो यह नौबत नहीं आती। वहीं नाम ना बताने की शर्त पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खंडासा में तैनात एक डॉक्टर ने बताया कि अधीक्षक आकाश मोहन ने अतिक्रमण कारियों को बढ़ावा दे रखा है वह अपनी मनमानी करते हैं और अस्पताल के सामने ही पीपल के हरे पेड़ की डाल पर आरा चलवा कर लैब बनवा रहे है। अधीक्षक ने ही अस्पताल को अतिक्रमण से ढंकने का काम किया है।