May 6, 2024

राजधानी दिल्ली के नजफगढ़ थाना इलाके में पहले गोली चलाकर घायल करने और उसके बाद उस कर्मचारी के मालिक के बेटे को कॉल करके दो करोड़ की रंगदारी मांगने वाले शूटर सहित पांच आरोपियों को द्वारका जिला के वाहन चोरी निरोधक दस्ता की पुलिस टीम ने गिरफ्तार किया है। डीसीपी अंकित सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सनी, निखिल, लक्ष्य, शिव और इंद्रजीत के रूप में हुई है। इनकी गिरफ्तारी से नजफगढ़ के अलावा अमर कॉलोनी थाना सहित तीन मामलों का खुलासा करने का पुलिस ने दावा किया है। इनके पास से कंट्री मेड पिस्टल, मोबाइल, स्कूटी इत्यादि बरामद किया गया है। यह सभी राणा जी एनक्लेव, मदनगीर और चिराग दिल्ली के रहने वाले हैं।
पुलिस के अनुसार 18 अप्रैल को नजफगढ़ थाना इलाके के इंदिरा पार्क इलाके में एक गोदाम पर फायरिंग हुई थी। जब सुबह-सुबह एक अनजान सख्स गोदाम पर पहुंचा और गोदाम के एम्पलाई पर गोली चला दी। बदमाश ने हेलमेट पहन रखा था, वह गोदाम पर पहुंचा और बिना कुछ पूछे गोदाम में काम करने वाले पर फायरिंग कर दी। उस कर्मचारी की किस्मत अच्छी थी कि इसकी जान बच गई। उसे घायल हालत में नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने मामला दर्ज करके छानबीन शुरू की।
इसी बीच उसके बाद उस कर्मचारी के मालिक के बेटे के नंबर पर एक गैंग के नाम से कॉल आया। इसमें घटना का जिक्र करते हुए 2 करोड़ की रंगदारी मांगी गई। नही तो जान से मारने की धमकी दी गई। मामले की जांच द्वारका जिला के आपरेशन सेल की टीम को सौंपा गया। डीसीपी ने बताया कि उसी जांच में एएटीएस के इंस्पेक्टर कमलेश कुमार, एएसआई तोपेश हेड कांस्टेबल जगत, राजेश, जयराम इत्यादि की टीम ने छानबीन शुरू की। सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया और उसके साथ साथ टेक्निकल सर्विलांस की भी मदद ली गई। इनफॉर्मर की मदद से पता लगाना शुरू किया गया।
आखिरकार पुलिस को उनके बारे में जानकारी मिल गई। पुलिस को गोली चलाने वाले शूटर की पहचान सनी के रूप में हुई और उसके साथ प्लान बनाने वाले और पिस्टल, स्कूटी, मोबाइल उपलब्ध करवाने वाले की भी पहचान कर ली गई। फिर पुलिस ने टीम ने एक एक करके सभी को दबोच लिया। पुलिस टीम ने छापा मार के शूटर सहित पांच लोगों को इसमें गिरफ्तार किया। पूछताछ हुई तो इन्होंने पुलिस को बताया कि शूटर सहित सभी एक गैंगस्टर से इंस्पायर हैं। उसी से सीख लेकर यह लोग गोली चलाकर मोटी रकम रंगदारी के रूप में मांगने की शुरूआत किया।
जिस बिजनेसमैन के गोदाम पर गोली चलाई थी, उनके बारे में इन्होंने पूरा पता करके जानकारी इकट्ठा की थी। इन्हें भरोसा था, की फायरिंग के बाद बिजनेसमैन दहशत में आ जाएगा और वह रंगदारी की रकम आसानी से इन्हें दे देगा। वारदात को अंजाम देने के लिए उन्होंने चोरी का मोबाइल, चोरी की स्कूटी का इंतजाम किया था। फायरिंग के बाद गुरुग्राम से कॉल करके बिजनेसमैन के बेटे को जान से मारने की धमकी देकर 2 करोड़ की रंगदारी मांगी थी।

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