September 20, 2024

पहल टुडे

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रामपुर बुशहर शिमला जिले के रामपुर उपमंडल की सरपारा पंचायत के कंधार गांव में देर रात दो बार बादल फटने से सेब के बगीचों और मकानों को नुकसान पहुंचा है। कई मकान बह गए हैं। मकानों में पानी घुस गया है। जिससे लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार, रामपुर उपमंडल की सरपारा पंचायत के कंधार गांव में देर रात दो बार बादल फटने से सेब के बगीचों और मकानों को नुकसान पहुंचा है। बाढ़ आने से प्राथमिक पाठशाला का भवन, युवक मंडल का भवन और अन्य लोगों के मकान बह गए हैं। इसके अलावा बाढ़ में गाय, बैल, भेड़-बकरियां भी बह गईं। वहीं...
एस के श्रीवास्तव विकास:पहल टुडे वाराणसी।मिर्ज़ामुराद थाना क्षेत्र के लालपुर चट्टी गांव स्थित एक...
एस के श्रीवास्तव विकास:पहल टुडे वाराणसी।देश के वीर सपूतों को समर्पित 24वें ‘कारगिल विजय...
मुंबई। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और अन्य मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने से बुधवार को शुरुआती कारोबार में रुपया सात पैसे टूटकर 81.95 प्रति डॉलर पर आ गया। फॉरेक्स डीलरों ने कहा कच्चे तेल के दाम 83 डॉलर प्रति बैरल के पार हैं। इसके अलावा फेडरल रिजर्व के ब्याज दर निर्णय से पहले निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 81.89 पर खुला, और फिर बढ़त के साथ 81.87 के स्तर पर पहुंच गया। इसके बाद यह टूटकर 81.96 प्रति डॉलर के भाव पर आ गया। बाद में यह 81.95 प्रति डॉलर के स्तर पर कारोबार कर रहा था। यह पिछले बंद भाव की तुलना में सात पैसे की गिरावट है। रुपया मंगलवार को डॉलर के मुकाबले 81.88 के भाव पर बंद हुआ था। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.01 प्रतिशत गिरकर 101.34 पर आ गया। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.43 प्रतिशत की गिरावट के साथ 83.28 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।
स्किन की देखभाल करने के लिए हम सभी न जाने कितनी चीजों का उपयोग करते हैं। मानसून का सीजन शुरू होने के साथ ही हमारी त्वचा में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। ऐसे में कम कंफ्यूज हो जाते हैं और स्किन केयर रूटीन में बदलाव कर देते हैं। लेकिन मौसम चाहे जैसा भी हो स्किन केयर रूटीन को स्किप करने की भूल नहीं करनी चाहिए। स्किन केयर रुटीन को स्किप करने से भले ही उस समय त्वचा में कोई बदलाव न नजर आए। लेकिन कुछ समय बाद से ही आपको इसके परिणाम देखने को मिल सकते हैं। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको कुछ ऐसी गलतियां बताने वाले हैं, जो स्किन केयर करते समय करते हैं। बाद में पछताने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचता है। इस आर्टिकल में हम आपको मानसून में भी अपनी स्किन को हेल्दी और नैचुरली ग्लोइंग बनाने के कुछ टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं। मॉइस्चराइजर रोजाना सी.टी.एम रूटीन करना जरूरी होता है। वहीं मानसून में स्किन की नमी बढ़ जाती है। इससे स्किन तो हाइड्रेट नजर आती है, लेकिन मौसम में बदलाव होने की वजह से ऐसा लगता है। इसलिए मौसम चाहे जो हो, आपको स्किन केयर रूटीन में कभी भी मॉइश्चराइजर को स्किप करने की गलती नहीं करनी चाहिए। सनस्क्रीन बदलते मौसम में और मानसून में कभी ज्यादा धूप होती है तो कभी कम। ऐसे में कई बार हम सनस्क्रीन को अप्लाई करना स्किप कर देते हैं। आप घर में रहें या बाहर, लेकिन रोजाना चेहरे पर सनस्क्रीन जरूर अप्लाई करना चाहिए। इससे आपकी स्किन पर एक प्रोटेक्शन शील्ड बन जाती है। जो बाहरी प्रभाव से आपकी त्वचा को डैमेज होने से बचाती है। लिप केयर बदलते मौसम में होंठ जरूरत से ज्यादा फटने लगते हैं। या फिर कुछ ज्यादा ही हाइड्रेट हो जाते हैं। ऐसा इसलिए भी होता है कि डेली लिप केयर रूटीन पर ध्यान नहीं दिया जाता है। ऐसे में किसी भी मौसम में लिप केयर रूटीन को स्किप नहीं करना चाहिए। इसलिए सप्ताह में कम से कम 2-3 बार लिप स्क्रब का इस्तेमाल करने के साथ ही रोजाना लिप बाम लगाना चाहिए। शीट मास्क और सीरम स्किन में नमी बनाए रखने के लिए मौसम बदलने का इंतजार नहीं करना चाहिए। वहीं शीट मास्क और सीरम का इस्तेमाल आपके फेस को लंबे समय तदक एजिंग साइंस की समस्या से बचाता है। इसलिए आपको इन दोनों चीजों का इस्तेमाल करते रहना चाहिए। आप सप्ताह में 3 बार शीट मास्क लगा सकती हैं। तो वहीं रोजाना सीरम का इस्तेमाल फेस पर कर सकती हैं।
मुंबई। घरेलू बाजार में ऊंचे खुदरा मूल्य और विदेशी बाजारों में कच्चे तेल के दाम कमोबेश निचले स्तर पर रहने से पेट्रोलियम विपणन कंपनियों को चालू वित्त वर्ष में कम-से-कम एक लाख करोड़ रुपये का कर-पूर्व लाभ हासिल होने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। चालू वित्त वर्ष में अबतक कच्चे तेल की कीमत एक साल पहले की तुलना में 30 प्रतिशत से अधिक नीचे आ चुकी है। वहीं पेट्रोलियम कंपनियों ने इस दौरान दाम नहीं घटाए हैं। तेल कीमतों में मई, 2022 से कोई बदलाव नहीं हुआ है। क्रिसिल ने बुधवार को जारी एक नोट में कहा कि चालू वित्त वर्ष में पेट्रोलियम विपणन कंपनियां (ओएमीसी) एक लाख करोड़ रुपये का परिचालन लाभ कमा सकती हैं। वित्त वर्ष 2016-17 से 2021-22 के दौरान पेट्रोलियम कंपनियों का औसत परिचालन लाभ 60,000 करोड़ रुपये रहा था। पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में तो यह 33,000 करोड़ रुपये के निचले स्तर पर आ गया था। यह रिपोर्ट सार्वजनिक क्षेत्र की तीन पेट्रोलियम कंपनियों पर आधारित है। पेट्रोलियम कंपनियां दो कारोबार से पैसा कमाती हैं। पहला रिफाइनिंग है। इसमें उन्हें सकल रिफाइनिंग मार्जिन मिलता है। यह रिफाइनरी के गेट पर शोधित उत्पाद के दाम में से कच्चे तेल का दाम घटाकर निकाला जाता है। दूसरा कारोबार पेट्रोल पंपों के जरिये पेट्रोल, डीजल की बिक्री का है। इसमें उन्हें ईंधन उत्पादों पर मार्जिन मिलता है। वित्त वर्ष 2022-23 में पेट्रोलियम कंपनियों का सकल रिफाइनिंग मार्जिन औसतन 15 डॉलर प्रति बैरल था। इसकी वजह विशेषरूप से डीजल की मांग मजबूत रहना है। वैकल्पिक ईंधन मसलन प्राकृतिक गैस के दाम बढ़ने तथा यूक्रेन पर हमले के बाद रूसी उत्पादों पर यूरोपीय संघ के प्रतिबंध की वजह से डीजल की मांग मजबूत रही थी। हालांकि, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बावजूद इन कंपनियों को ऊंचा खुदरा दाम नहीं मिला। वित्त वर्ष के लिए कच्चे तेल का औसत दाम 94 डॉलर प्रति बैरल था। मई, 2022 से खुदरा कीमतों में बदलाव नहीं हुआ है। इसके चलते पेट्रोलियम कंपनियों को मजबूत रिफाइनिंग मार्जिन के बावजूद विपणन पर आठ रुपये प्रति लीटर का नुकसान हुआ, जिससे पूरे वित्त वर्ष के दौरान उनका मुनाफा प्रभावित हुआ। रिपोर्ट कहती है कि अच्छी बात यह है कि अब कच्चे तेल के दाम नीचे आ गए हैं। इसके चलते 2022-23 की पहली तिमाही में परिचालन नुकसान उठाने के बाद चौथी तिमाही तक इन कंपनियों ने ऊंचा परिचालन लाभ कमाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन पेट्रोलियम कंपनियों ने 2016-17 से 2022-23 के बीच अपने निवेश को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाकर 3.3 लाख करोड़ रुपये किया है। इससे उनका सकल कर्ज भी दोगुना होकर 2016-17 के 1.2 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2.6 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। हालांकि, इस दौरान उनका मुनाफा कमजोर रहा है। चालू वित्त वर्ष में पेट्रोलियम कंपनियों का निवेश 54,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी को 2023 को रिपोर्ट जारी कर अडानी ग्रुप की कंपनियों को ओवरवैल्यूड बताया था और अकाउंट्स में हेरफेर का आरोप लगाया था। रिपोर्ट के बाद से ही कंपनी में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। अडानी समूह ने आरोपों से इनकार किया, लेकिन इससे समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई। अमेरिका स्थित रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को अडानी ग्रुप पर एक रिपोर्ट जारी की। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक, मंगलवार को अडानी की नेटवर्थ 3.03 अरब डॉलर यानी 2,48,25,69,90,000 रुपये बढ़ गई। एक्सपर्ट्स का कहना है कि हिंडनबर्ग रिसर्च का इश्यू खत्म हो गया है और घरेलू निवेशकों ने अडानी ग्रुप के शेयरों में दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी है। मंगलवार को अडानी ग्रुप के शेयरों में 10 फीसदी तक की तेजी देखी गई. अरबपति गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी समूह के बाजार पूंजीकरण में मंगलवार को 50,606 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। समूह ने एक बयान में कहा कि अदानी समूह की 10 कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण लगभग 10.6 लाख करोड़ रुपये है, जो सोमवार को 10.1 लाख करोड़ रुपये था। इसने अपने बाजार पूंजीकरण में 50,606 करोड़ रुपये का आश्चर्यजनक इजाफा किया, जिससे इसकी शेयरहोल में अप्रत्याशित लाभ हुआ। इस समूह में अदानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड, अदानी टोटल गैस लिमिटेड और नई दिल्ली टेलीविज़न लिमिटेड थे, जिनमें से सभी ने ऊपरी सर्किट सीमा को छू लिया। समूह की प्रमुख कंपनी, अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड में 2 फिसदी की वृद्धि देखी गई, जिससे इसका बाजार पूंजीकरण 2,81,198 करोड़ रुपये हो गया। अदानी ग्रीन एनर्जी में 10 फिसदी की वृद्धि हुई और अदानी पावर लिमिटेड में 9.3 फिसदी की बढ़त हुई है।
नयी दिल्ली। कतर का सॉवरेन संपदा कोष मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज की खुदरा इकाई में करीब एक प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है। उद्योग सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि कतर निवेश प्राधिकरण (क्यूआईए) द्वारा रिलायंस रिटेल वेंचर्स लि. (आरआरवीएल) में एक प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण एक अरब डॉलर या 8,199 करोड़ रुपये में किया जाएगा। इस लिहाज से आरआरवीएल का मूल्यांकन करीब 100 अरब डॉलर बैठेगा। आरआरवीएल, रिलायंस इंडस्ट्रीज के खुदरा साम्राज्य की होल्डिंग कंपनी है। इस कदम से आरआरवीएल को अपने विस्तार को और तेज करने में मदद मिलेगी। इस बारे में संपर्क करने पर रिलायंस रिटेल के प्रवक्ता ने पीटीआई-से कहा, ‘‘कंपनी निरंतर आधार पर विभिन्न अवसरों का मूल्यांकन करती है। हमारा सिद्धान्त है कि हम बाजार में चल रही अटकलों पर टिप्पणी नहीं करते हैं।’’ इससे पहले इसी महीने मीडिया की खबरों में कहा गया था कि कंपनी द्वारा नियुक्त दो वैश्विक सलाहकारों ने आरआरवीएल का मूल्यांकन 92-96 अरब डॉलर के बीच निकाला है। आरआरवीएल कंपनियों का अधिग्रहण कर भारत में अपने कारोबार का तेजी से विस्तार कर रही है। इसके अलावा वह भारतीय बाजार के लिए प्रमुख अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के फ्रेंचाइजी अधिकार भी हासिल कर रही है। इस महीने की शुरुआत में रिलायंस रिटेल ने कहा था कि वह अपने प्रवर्तक और होल्डिंग कंपनी के अलावा अन्य शेयरधारकों के पास मौजूद इक्विटी शेयर पूंजी को कम कर रही है। कंपनी के निदेशक मंडल ने चार जुलाई, 2023 को पूंजी घटाने की योजना के तहत ऐसे शेयरधारकों की पूंजी को रद्द करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। आरआरवीएल ने 2020 में 10.09 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर वैश्विक निजी इक्विटी कोषों से 47,265 करोड़ रुपये (लगभग 6.4 अरब डॉलर) जुटाए थे। उस समय कंपनी का मूल्यांकन 4.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया था। कंपनी ने उस समय लगभग 57 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर सिल्वर लेक, केकेआर, मुबाडला, अबू धाबी निवेश प्राधिकरण, जीआईसी, टीपीजी, जनरल अटलांटिक और सऊदी अरब के सार्वजनिक निवेश कोष से धन जुटाया था।
नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) का एकल शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून की पहली तिमाही में चार गुना होकर 1,255 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। डूबे कर्ज में कमी तथा ब्याज आय बढ़ने से बैंक का मुनाफा बढ़ा है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक ने 308 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। शेयर बाजारों को भेजी सूचना में पीएनबी ने कहा कि पहली तिमाही में उसकी कुल आय बढ़कर 28,579 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 21,294 करोड़ रुपये थी। इस दौरान बैंक की ब्याज आय भी बढ़कर 25,145 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले की समान अवधि में 18,757 करोड़ रुपये थी। जून, 2023 के अंत तक बैंक की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) घटकर कुल ऋण पर 7.73 प्रतिशत रह गईं। जून, 2022 के अंत तक यह 11.2 प्रतिशत पर थीं। इसी तरह बैंक का शुद्ध एनपीए भी 4.26 प्रतिशत से घटकर 1.98 प्रतिशत रह गया। एनपीए के मोर्चे पर सुधार से बैंक का डूबे कर्ज के लिए प्रावधान भी अप्रैल-जून की तिमाही में घटकर 4,374 करोड़ रुपये रह गया। एक साल पहले समान अवधि में यह 4,814 करोड़ रुपये था। एकीकृत आधार पर तिमाही के दौरान बैंक का शुद्ध लाभ बढ़कर 1,342 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले समान तिमाही में 282 करोड़ रुपये रहा था। बैंक के एकीकृत नतीजों में पांच अनुषंगियों और 15 सहायक इकाइयों के परिणाम भी शामिल हैं। बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात भी 14.62 प्रतिशत से सुधरकर 15.54 प्रतिशत पर पहुंच गया।