May 9, 2024

पहल टुडे

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मोदीनगर। नगर निवासी युवक को अज्ञात नंबर से वीडियो कॉल रिसीव करना महंगा पड़ गया। कॉल करने वाली युवती ने उसकी अश्लील वीडियो रिकॉर्डिंग कर ली। इसके बाद युवती ब्लैकमेल कर दो लाख रुपये की मांग कर रही है। युवती ने रुपये न देने पर वीडियो वायरल करने की धमकी दी है। शिकायत के बाद पुलिस मामले में जांच कर रही है। कॉलोनी निवासी युवक नोएडा स्थित एमएनसी कंपनी में नौकरी करता है। युवक ने बताया कि काम के सिलसिले में उसके पास अज्ञात नंबरों से कॉल आती रहती है। बीती दिनों भी एक अनजान नंबर से वीडियो कॉल आई। युवक ने कॉल रिसीव की तो कॉल करने वाली युवती ने उससे बात करते-करते अश्लीलता शुरू कर दी। युवक ने तुरंत कॉल काट दी। इसके बाद वह युवक को ब्लैकमेल करने लगी। युवक ने इन्कार किया तो उसके मोबाइल नंबरों पर वीडियो वायरल करने की धमकी देने लगी। युवक ने शनिवार को थाने पहुंचकर तहरीर दी। पुलिस का कहना है कि मामला साइबर सेल को भेज दिया गया है।
द्वारका सेक्टर 23 इलाके में निर्माणाधीन गोल्फ कोर्स में बने गड्ढे में डूबने से तीन युवकों की मौत हो गई। तीनों युवक अपने एक और साथी के साथ दीवार फांदकर यहां घुसे थे। आशंका है कि गड्ढे के पानी में नहाने के दौरान घटना हुई है। इनके साथ गए चौथे साथी ने घटना की जानकारी पुलिस और दमकल विभाग को दी। मौके पर पहुंची पुलिस तीनों युवकों को निकालकर पास के अस्पताल ले गई। यहां डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया। पुलिस मृत युवकों के दोस्त से पूछताछ कर जांच में जुटी है। मृतकों की पहचान कुतुब विहार निवासी अरुण, अनुज और अभिषेक के रूप में हुई है। तीनों की उम्र लगभग 20-25 वर्ष की बीच है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि शनिवार रात करीब आठ बजे पुलिस को सूचना मिली कि निर्माणाधीन गोल्फ कोर्स में बने गड्ढे में जमा पानी में घुसे तीन युवक वापस नहीं आये हैं। सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल कर्मी मौके पर पहुंचे और तीनों युवकों को गड्ढे से बाहर निकाला। तीनों अचेत थे। उन्हें पास के अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। छानबीन में पता चला कि तीनों युवक अपने एक अन्य साथी शोहेब के साथ सेक्टर 19 के एक मैदान में फुटबॉल खेलकर घर लौट रहे थे। इसी दौरान उन्होंने निर्माणाधीन गोल्फ कोर्स में घुसने का फैसला किया। चारों युवक दीवार फांदकर गोल्फ कोर्स में घुस गए। शोहेब ने पुलिस को बताया कि तीनों युवक अपने बैग और कुछ कपड़े किनारे घास पर छोड़ कर पानी के गड्ढे में चले गए जबकि उसने गड्ढे में जाने से मना कर दिया। तीनों को गड्ढे की गहराई का अंदाजा नहीं था। इसकी वजह से वे डूब गए। जिला पुलिस उपायुक्त एम हर्षवर्धन ने बताया कि शवों को बरामद कर लिया गया है। गोल्फ कोर्स में बीच-बीच में पानी के गड्ढे बने होते हैं। प्रथम दृष्टया मामला बारिश या बाढ़ से संबंधित नहीं है। मृतकों के दोस्त से पूछताछ कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर पर कट लेकर रहेंगे। यदि कट नहीं दिए गए तो किसान ट्रैक्टर चलाकर खुद कट बना लेंगे। बामनौली गांव में ब्लॉक प्रमुख कुलदीप तोमर के आवास पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए किसानों की सोने के भाव की जमीन को सरकार ने कोड़ियों के दाम में खरीद लिया और अब देहात क्षेत्र के किसानों को इसका लाभ देने से इंकार किया जा रहा है। चौगामा क्षेत्र में पुसार-बराल, दोघट-हिम्मतपुर सूजती मार्ग पर कट की मांग चल रही है। शामली जनपद में भी देहात क्षेत्र में कई जगह कट लेने की मांग भाकियू द्वारा की जा रही है। यदि कॉरिडोर पर कट नहीं दिए गए तो किसान ट्रैक्टर चलाकर खुद कट बना लेंगे। कहा कि बढ़ से बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर जनपदों में किसानों का बड़ा नुकसान हुआ है। भाकियू ने शिकारपुर, हड़ौली, माजरा, साटू नंगला आदि गांव का मुआयना किया। सरकार नुकसान की भरपाई करें। जल्द से जल्द बढ़ से प्रभावित लोगों को मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि भारत का किसान एक है। एमएसपी पर कानून लागू होना चाहिए। किसान जब तक आंदोलन नहीं करता तब तक उन्हे फसल भुगतान का भुगतान नहीं मिलता। किसानों को सरकार आतंकवादी, खालिस्तानी, टुकड़े-टुकड़े गैंग बताती है। एमएसपी पर फसलों को खरीदा जाए। कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाकियू किसी पार्टी के साथ नहीं रहेगी। किसान आजाद है, कहीं पर भी वोट दे सकते है। एक बार भाजपा का साथ दिया था, जो भाकियू की सबसे बड़ी भूल थी। कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री ने गन्ने भाव का 450 रूपये कुंतल भाव देने का वादा किया था, लेकिन भाजपा ने अपना वादा पूरा नहीं किया। इस मौके पर देश खाप चौधरी सुरेंद्र सिंह, राजेंद्र चौधरी, रामकुमार, राजीव कुमार प्रधान, गौरव बड़ौत, अरुण तोमर बॉबी, राजू तोमर सिरसली आदि मौजूद रहे। लेखपाल हत्याकांड का फर्जी खुलासा किया भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने टीकरी कस्बे के लेखपाल प्रवीण राठी हत्याकांड के खुलासे को फर्जी बताया है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने दबाव के चलते घटना का फर्जी खुलासा किया है। इसकी सही जांच होनी चाहिए। घटना में युवती का गलत फंसाया गया है। उन्होंने अपने स्तर से भी पता कराया है। युवती के हत्या से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि केस की गहराई से जांच की जाए। भाकियू जल्द की एसपी बागपत से मुलाकात कर घटना का सही खुलासा करने की मांग करेगी। वहीं लेखपाल हत्याकांड की आरोपी शिवानी की मां ने चौधरी नरेश टिकैत से मिलकर मदद की गुहार लगाई है।
एयरपोर्ट में यात्रियों को अब पैक्ड गंगाजल भी उपलब्ध होगा। महाकुंभ के पूर्व यात्रियों को यह सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। एक स्वयं सहायता समूह की मदद से यात्रियों को यह सुविधा आने वाले दिनों में उपलब्ध करवाने की तैयारी है। अगर ऐसा हुआ तो प्रयागराज देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट होगा, जहां यात्रियों को टर्मिनल बिल्डिंग में ही संगम का पवित्र गंगाजल उपलब्ध होगा। हर रोज सैकड़ों की संख्या में लोग देश के तमाम प्रांतों एवं शहरों से स्नान के लिए संगम आते हैं। अधिकांश लोग गंगा जल ले जाते हैं। ट्रेनों और बसों में तो इसे ले जाने मेें कोई समस्या नहीं रहती, लेकिन विमान यात्रियों की शिकायत रहती है कि वह उसे कैसे ले जाएं। यात्रियों के साथ हैंडबैग में एक लीटर की बोतल में गंगा जल ले जाने में समस्या नहीं आती, लेकिन सुरक्षा के मद्देनजर कभी कभार इसे ले जाने की इजाजत नहीं दी जाती। एयरपोर्ट सलाहकार समिति की बैठक में सदस्य शिवशंकर सिंह एवं अन्य सदस्यों ने यह मुद्दा उठाया तो सांसद एवं समिति की अध्यक्ष केशरी देवी पटेल ने यहां बोतल बंद गंगा जल की बिक्री करने को कहा। कहा कि प्रयागराज में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं इसे लेकर काम भी कर रही है। एयरपोर्ट प्रशासन इन महिलाओं से संपर्क कर उन्हें एयरपोर्ट में बोतल बंद गंगाजल की बिक्री सुनिश्चित कराए। सांसद के अनुसार क्योंकि एयरपोर्ट में काॅमर्शियल स्टॉल महंगे है। इस वजह से एयरपोर्ट प्रशासन से बीच का रास्ता निकालने को कहा है ताकि स्वयं सहायता समूह
तीन दिवसीय दौरे पर गोरखपुर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को जनता दर्शन में आए लोगों से मुलाकात की। इत्मीनान से उनकी समस्याएं सुनीं और उनके गुणवत्तापूर्ण, पारदर्शी निस्तारण के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि हर पीड़ित के साथ संवेदनशील रवैया अपनाया जाए और उसकी समस्या का समाधान कर उसे संतुष्ट किया जाए। इसमें किसी भी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए। गोरखनाथ मंदिर परिसर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के बाहर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार सुबह जनता दर्शन में करीब 400 लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं। मुख्यमंत्री एक-एक करके सबके पास खुद गए और उनकी बात सुनी। सभी लोगों को आश्वस्त किया कि किसी को भी चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। हर समस्या का समाधान कराया जाएगा। उन्होंने प्रार्थना पत्रों को विषयानुसार प्रशासन व पुलिस के अफसरों को हस्तगत करते हुए जरूरी निर्देश दिए। जनता दर्शन में कई लोग गंभीर बीमारियों के इलाज में आर्थिक सहायता की गुहार लेकर आए थे। उन्होंने मौके पर उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया कि इलाज संबंधी इस्टीमेट की प्रक्रिया पूर्ण करते हुए जल्द शासन को उपलब्ध कराया जाए। हर जरूरतमंद को इलाज के लिए भरपूर सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
 कोरोना काल में जिला जेल से पेरोल पर छोड़े गए 43 कैदी लापता हैं। ये कैदी पुलिस को खोजे नहीं मिल रहे हैं। इतना ही नहीं, जेल प्रशासन ने इनकी गिरफ्तारी के लिए कई पत्र लिखे। इसके बावजूद डेढ़ साल से लापता कैदियों को अभी तक पुलिस नहीं पकड़ पाई है। जेल प्रशासन ने एक बार फिर से लापता कैदियों की गिरफ्तारी के लिए कवायद शुरू की है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने पुलिस कमिश्नर को कैदियों की तलाश के लिए पत्र लिखा है। कोरोना संकट में कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को जेलों में बंद सात साल तक की सजा वाले सजायाफ्ता कैदियों को पेरोल पर छोड़ने के निर्देश दिए थे। लिहाजा शासन में गठित हाई पावर कमेटी की संस्तुति पर 20 मई 2021 को राजधानी की जिला जेल में बंद 122 कैदियों को 90 दिन की पेरोल पर छोड़ा था। हालांकि कोरोना के बढ़ते ग्राफ के चलते कैदियों की पेरोल अवधि बढ़ाई गई। शासन ने आदेश जारी कर 20 जुलाई 2021 तक सभी को जेल में वापस दाखिल होने के निर्देश दिए। पेरोल की अवधि पूरी होने पर सिर्फ 79 कैदी ही लौटकर आए। जबकि डेढ़ साल बाद भी 43 कैदी लापता हैं। जेल प्रशासन की रिपोर्ट पर लापता कैदियों की गिरफ्तारी के लिए शासन से पुलिस को कई बार निर्देश दिए, पर मामला सिफर है। जिला जेल लखनऊ के जेलर राजेंद्र सिंह ने बताया कि लापता कैदियों की गिरफ्तारी के लिए शासन के साथ ही संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा जा रहा है। जेलर के मुताबिक, हर दो माह पर पत्र भेजा जाता है।