November 23, 2024

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मणिपुर में महिलाओं की नग्न परेड की घटना मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी समेत चार लोगों को 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। 4 मई की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिसमें राज्य में दो समुदायों के बीच अशांति के बीच मणिपुर में 2-3 महिलाओं को नग्न घुमाया जा रहा है। उनके साथ छेड़छाड़ की जा रही है और कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया जा रहा है। मोदी ने की थी निंदा इस घटना की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निंदा की है और कहा है कि यह देश के लोगों के लिए शर्म की बात है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा है कि आरोपियों से सख्ती से निपटा जाएगा और वे मौत की सजा पर भी विचार कर रहे हैं। यह वीडियो, जो बुधवार को सामने आया, कथित तौर पर 4 मई को कांगपोकपी इलाके में एक बैठक के दौरान राज्य में हुए हंगामे के एक दिन बाद शूट किया गया था। पुरुषों के एक समूह ने दो कुकी-ज़ोमी महिलाओं का यौन उत्पीड़न जारी रखा, जबकि उन्हें वीडियो में नग्न परेड कराया गया था। थौबल के मैतेई शासित घाटी क्षेत्र में हुई घटना के बाद, सीमावर्ती कांगपोकपी जिले के एक पुलिस मुख्यालय में एक आपत्ति दर्ज की गई और एक शून्य प्राथमिकी दर्ज की गई। इसके बाद मामला थौबल स्थित पुलिस मुख्यालय को भेजा गया। आरोपी का घर फूंका मणिपुर में भीड़ द्वारा दो महिलाओं को नग्न घुमाए जाने के वीडियो के दो दिन बाद, स्थानीय लोगों ने वायरल वीडियो में देखे गए कथित आरोपियों में से एक ह्यूरिम हेरादास सिंह के घर में आग लगा दी। 20 जुलाई को इंफाल में महिलाओं ने मणिपुर वायरल वीडियो मामले के एक आरोपी का घर जला दिया। मामले में अब तक चार गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। यह घटना पूर्वोत्तर राज्य में 3 मई को जातीय हिंसा भड़कने के एक दिन बाद कांगपोकपी जिले के एक गांव में हुई। दूसरी ओर, भयावह फुटेज बुधवार को सामने आया और इंटरनेट प्रतिबंध हटने के बाद वायरल हो गया।
बिलासपुर। साथ लगती बंदलाधार में बंदला और चनालग गांव के बीच भूस्खलन से सड़क के पूरी तरह बंद होने का खतरा पैदा हो गया है। समय पर इसकी मरम्मत नहीं हुई तो यहां बड़ा हादसा भी हो सकता है। पंचायत और ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग से इस स्थान पर शीघ्र मरम्मत करने की मांग की है। बारिश के कारण जिले भर में नुकसान हो रहा है। बंदला सड़क पर चनालग के पास रात के समय भूस्खलन से सड़क ढहने का खतरा बन गया है। मलबा करीब 100 फीट नीचे जा पहुंचा है। यदि शीघ्र कदम नहीं उठाया गया तो बड़ा हादसा हो सकता है। जिस जगह मलबा गिर रहा है, वहां पर लोग घास काटते हैं और आते-जाते रहते हैं। इस कारण किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। बता दें कि इस सड़क पर एचआरटीसी के कई रूट चलते हैं। साथ ही कुछ एक निजी बसें भी जाती हैं। जिस स्थान पर भूस्खलन हुआ है, यदि वहां पर और भूस्खलन होता है तो पूरी सड़क ढह जाएगी। इससे यह सड़क पूरी तरह बंद हो जाएगी। लोगों को मुख्यालय के लिए वाया ब्रह्मपुखर से सफर करना पड़ेगा। स्थानीय लोगों ने प्रशासन और लोक निर्माण विभाग से इसे शीघ्र सही करने की मांग की है। पंचायत प्रधान सतीश ठाकुर ने कहा कि भूस्खलन वाले स्थान पर खतरा बहुत बढ़ गया है। यदि कोई मालवाहक वाहन यहां से गुजरता है तो भारी वजन के कारण तो बड़ा हादसा हो सकता है। इसलिए विभाग को शीघ्र इसका समाधान करना चाहिए। अधिशासी अभियंता मनोहर लाल शर्मा ने बताया कि उन्होंने इसके लिए सहायक अभियंता से बात की है, शीघ्र ही समस्या का समाधान किया जाता है।
नई दिल्ली पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके में बृहस्पतिवार देर रात पुरानी रंजिश को लेकर दो गुट आपस में भिड़ गए। दोनों गुटों ने एक दूसरे पर पथराव कर दिया। मौके पर पहुंचे हवलदार ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो हमलावरों ने उनपर भी पत्थर फेंके। थाने से अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर पहुंचा तो सभी आरोपी फरार हो गए। मौके पर पुलिस को दो लोग घायल अवस्था में मिले, जिन्हें पुलिस ने पास के अस्पताल में भर्ती कराया। मयूर विहार थाना पुलिस दंगा फसाद और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज कर आरोपियों की पहचान करने में जुटी है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि बृहस्पतिवार देर पथराव होने की जानकारी मिली। मौके पर पहुंची टीम को बीट हवलदार अजय यादव मिले। साथ ही पुलिस को नितिन चौहान और अमित घायल अवस्था में मिले। पुलिस ने दोनों को लाल बहादुर अस्पताल में भर्ती कराया। हवलदार ने बताया कि नितिन चौहान और अमित अपने दोस्तों के साथ दूसरे गुट से मारपीट कर रहे थे। दोनों गुट एक दूसरे पर ईंट पत्थर फेंक रहे थे। पुलिस दोनों पक्षों में शामिल हमलावरों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।
ऊना/शिमला उद्योग से माल ढुलाई विवाद मामले में हरोली ब्लॉक इंडस्ट्री एसोसिएशन को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। न्यायमूर्ति संदीप शर्मा की पीठ ने याचिका का निपटारा करते हुए डीसी और एसपी ऊना को उद्योगों से निर्बाध माल ढुलाई सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं। पीठ ने पूर्व में सुनाए एक फैसले का इस मामले में जिक्र करते हुए इसे लागू करने को कहा है। अदालत ने बीते 19 जुलाई को आदेश जारी करते हुए दो याचिकाओं का निपटारा किया है। अदालत ने पारित आदेश में कहा है कि ट्रक यूनियनों को माल ढुलाई दरें तय करने और उद्योगों के परिवहन में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। परिवहन में हस्तक्षेप करने को अवमानना माना जाएगा। इसी के साथ डीसी, एसपी को निर्देश दिए हैं कि ऐसी गतिविधियां ध्यान में आती हैं तो तुरंत पीठ के ध्यान में लाया जाए। निजी प्रतिवादी (ट्रक यूनियनों) को वाहनों के संचालन या माल ढुलाई शुल्क के निर्धारण के मामले में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। आदेश में मैसर्ज मेट ट्रेड इंडिया लिमिटेड बनाम राज्य सरकार मामले का जिक्र करते हुए इस मामले सुनाए गए फैसले को लागू करने के लिए कहा गया है। इसके साथ डीसी और एसपी ऊना से इस मामले में दो सप्ताह के भीतर अनुपालना रिपोर्ट तलब की है। बता दें कि हरोली क्षेत्र के तहत आने वाले विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में माल ढुलाई को लेकर विवाद था। ट्रक यूनियन उद्योग पर उनके ट्रकों से माल ढुलाई का दवाब बना रहे थे। उद्योगों की तरफ से सस्ते भाड़े पर बाहरी ऑपरेटरों से माल ढुलाई पर स्थानीय यूनियन बाधा पहुंचाती थी। इसी को लेकर एसोसिएशन ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और अब यहां एसोसिएशन को राहत मिली है। उधर, जजमेंट आने के बाद एसोसिएशन ने सभी सदस्यों के लिए एक सर्कुलर भी जारी कर दिया है। इसमें पीठ की जजमेंट का उल्लेख करते हुए बिना हस्तक्षेप परिवहन होने की बात कही है।
शिमला हिमाचल प्रदेश में पहली बार जुलाई में बादल झमाझम बरस रहे हैं। 1 से 21 जुलाई तक प्रदेश में अभी तक सामान्य से 115 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है। कुल्लू, किन्नौर, शिमला, सोलन, सिरमौर में भारी बारिश दर्ज हुई है। बीते 19 वर्षों में 16 बार जुलाई में सामान्य से कम बरसात हुई है। सिर्फ तीन बार वर्ष 2005, 2021 और 2022 में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। इस दौरान सामान्य से सिर्फ चार से सात फीसदी अधिक बादल बरसे हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार बीते कई वर्षों के दौरान जुलाई के पूरे माह में इतनी बारिश नहीं हुई है। जितनी इस बार 21 जुलाई तक हो गई है। इस माह के अंत तक बारिश का आंकड़ा और अधिक पहुंचने के आसार हैं। इस माह के दौरान किन्नौर में सामान्य से 274 फीसदी, कुल्लू में 242, शिमला में 222, सिरमौर में 187, सोलन में 179, बिलासपुर में 135, चंबा में 99, हमीरपुर में 82, लाहौल स्पीति में 71, मंडी में 73, ऊना में 66 और कांगड़ा जिला में 41 फीसदी अधिक बादल बरसे हैं। एक से 21 जुलाई तक प्रदेश में 354 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। जबकि इस अवधि के लिए 165 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि इस बार जुलाई के दौरान मानसून सक्रिय रहा है। आने वाले एक सप्ताह तक भारी बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है। मानसून सीजन में अभी तक 78 फीसदी अधिक बारिश दर्ज प्रदेश में 24 जून को मानसून ने प्रवेश किया है। 24 जून से 21 जुलाई तक प्रदेश में सामान्य से 78 फीसदी अधिक बारिश दर्ज हो चुकी है। प्रदेश में 475 मिलीमीटर बारिश हुई है। सितंबर अंत तक मानसून प्रदेश में सक्रिय रहेगा। ऐसे में बारिश की मात्रा और अधिक बढ़ने का पूर्वानुमान है। पुराने मानसून सीजनों का रिकॉर्ड टूटने का पूर्वानुमान प्रदेश में इस बार पुराने मानसून सीजनों का रिकॉर्ड टूटने का पूर्वानुमान है। प्रदेश में मानसून को आए सिर्फ एक माह हुआ है। पूरे सीजन की करीब 40 फीसदी बारिश इस दौरान हो चुकी है। आने वाले ढाई माह में और अधिक बारिश होने पर पुराने रिकॉर्ड टूटने की संभावना बन गई है। साल 2011 से 2022 तक हर बार मानसून सीजन के दौरान सामान्य से कम बारिश ही हुई है।