May 19, 2024

किसान सुसाइड: भाजपा नेता की तलाश में पुलिस ने लखनऊ में डाला डेरा, चालक समेत अन्य के परिजनों को हिरासत में लिया

कानपुर जेसीपी ने बताया कि जालसाजों ने वर्ष 2018 में बाबू सिंह से एग्रीमेंट कराया था। पुलिस अब इस बिंदु पर जांच कर रही है कि आरोपियों रजिस्ट्री से पहले एग्रीमेंट निरस्त कराया था या नहीं। वहीं, राहुल जैन द्वारा बाबू सिंह की जमीन को इतनी जल्दी क्यों बेचा, इसकी भी जांच की जा रही है।

किसान बाबू सिंह यादव की आत्महत्या के मामले में पुलिस टीमें अलग-अलग स्तरों पर सबूत इकट्ठा करने में जुटी रहीं। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कानपुर समेत चार अलग-अलग शहरों में दबिश दी। वहीं भाजपा नेता डॉ. प्रियरंजन आशू दिवाकर की गिरफ्तारी के लिए एक टीम लखनऊ में डेरा जमाए हुए है। ज्वाइंट सीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि बीजेपी नेता की लोकेशन लखनऊ में मिली थी। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम और सर्विलांस की टीमें लखनऊ में हैं।

वहीं फरार अन्य अभियुक्तों की तलाश में पुलिस ने नोएडा, दिल्ली, गाजियाबाद, मैनपुरी, फतेहपुर में संभावित ठिकानों पर दबिश, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। इस दौरान पुलिस की टीमें 200 से अधिक लोगों से भी पूछताछ की है। इधर फरार आरोपी मैनपुरी निवासी शिवम चौहान की कई बड़े भाजपा नेता के साथ फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। पुलिस अधिकारियों का दावा है कि शिवम को जो सरकारी गनर मिला हुआ था, उसे घर पर छोड़कर फरार है। उसकी तलाश में टीमें जुटी हैं।
एग्रीमेंट की जांच शुरू, भाजपा नेता की संपत्ति खंगाल रही है पुलिस
जेसीपी ने बताया कि जालसाजों ने वर्ष 2018 में बाबू सिंह से एग्रीमेंट कराया था। पुलिस अब इस बिंदु पर जांच कर रही है कि आरोपियों रजिस्ट्री से पहले एग्रीमेंट निरस्त कराया था या नहीं। वहीं, राहुल जैन द्वारा बाबू सिंह की जमीन को इतनी जल्दी क्यों बेचा, इसकी भी जांच की जा रही है। पुलिस की एक टीम बीजेपी नेता डॉ. प्रियरंजन की संपत्तियों का ब्योरा जुटा रही है। इसके साथ ही उसके बैंक खातों की डिटेल भी एकत्रित करने में जुटी है। इन संपत्तियों को भी अवैध तरीके से खरीदा गया होगा, तो उसकी भी जांच की जाएगी।
प्रियरंजन के घर कब चलेगा बुलडोजर
किसान बाबू सिंह की बेटियों ने बुधवार को जिलाधिकारी विशाख जी. से मुलाकात की। बेटियों ने डीएम से कहा कि पिता के मौत के जिम्मेदारों के घर कब बुलडोजर चलेगा। इस पर डीएम ने उन्हें भरोसा दिया कि परिवार के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। नियमानुसार कार्रवाई करके कब्जा ली गई जमीन भी मुक्त कराई जाएगी। इस दौरान संघर्ष समिति के संयोजक और सपा नेता अभिमन्यु गुप्ता, फतेहबहादुर सिंह गिल, किसान बाबू सिंह की पत्नी बिट्टन देवी, बेटियां रूबी व काजल व अन्य लोग मौजूद रहे। वहीं सपा नेता ने डीएम से पीड़ित परिवार को 50 लाख का मुआवजा और घर से किसी एक को नौकरी देने की मांग की।
पहले सपा नेता ने कब्जाई थी किसान की जमीन
पुलिस की जांच में पता चला कि सपा सरकार में 10 साल तक ब्लाॅक प्रमुख रहीं सपा नेत्री के पति सपा नेता नरेंद्र सिंह यादव ने पहले फर्जी तरीके से बाबू सिंह की जमीन का गोदनामा निरस्त कराया था। इसके बाद जमीन को अपने नाम करा लिया था। वर्ष 2023 में जमीन बाबू सिंह के नाम हुई थी। इसके बाद उस जमीन पर बीजेपी नेताओं की नजर पड़ गई। नरेंद्र सिंह यादव और उसका बेटा भू माफिया की सूची में भी शामिल हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *