सतर्क रहें: तेजी से फैल रहा लंपी, सीएम ने हिसार से मंगाई वैक्सीन
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी जीके सिंह ने बताया कि अश्व अनुसंधान केंद्र हिसार में विकसित वैक्सीन लंपी प्रोवैक आईएनडी की 15000 डोज यहां मंगाई जा रही है। इसमें से 5 हजार डोज वैक्सीन जिले के लिए रहेगी। शेष देवरिया और कुशीनगर के अलावा जरूरत के अनुरूप मंडल के अन्य जिलों को भेजा जाएगा।
उमस भरी गर्मी में गायों में तेजी से फैलने वाली लंपी बीमारी ने जिले में भी पांव पसारना शुरू कर दिया है। ऐसे में पशुपालकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। गोरक्षनाथ मंदिर स्थित गोशाला समेत कई अन्य पशुपालकों की गायों में भी लंपी के लक्षण दिखे हैं। सीएम के आदेश पर पशुपालन विभाग ने सैंपल आईबीआरआई बरेली भेजा था, जिसमें बीमारी की पुष्टि हुई। राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र हिसार से वैक्सीन मंगवाकर संक्रमित गायों को गोशाला में अलग बांधकर इलाज कराया गया। यह वैक्सीन पशुपालकों को आवश्कता के हिसाब से दिलाई जा रही है।
राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र हिसार के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नवीन कुमार और डॉ. संजय बरुआ ने यहां आकर गायों का परीक्षण किया है। वैक्सीन लगने के बाद अब सभी गाय स्वस्थ हैं। उधर, संक्रमण रोकने के लिए पशुपालन विभाग ने 15000 डोज लंपी प्रोवैक आईएनडी वैक्सीन की मांग की है।
गोवंश में फैलने वाले चर्म रोग लंपी से पिछले साल राजस्थान और उत्तराखंड में बड़ी संख्या में पशुओं की मौत हुई थी। बाद में पश्चिम बंगाल में कुछ हिस्सों में भी बीमारी के लक्षण मिले थे। सर्दी में इसका असर खत्म हो गया था, लेकिन बरसात में यह बीमारी फिर फैलने लगी है। पिछले दिनों गोरखनाथ गोशाला की कुछ गायें बीमार पड़ीं तो उनकी जांच कराई गई। पता चला कि 49 गायों में लंपी के लक्षण हैं।