
एक ओर जहां 2024 चुनाव को लेकर विपक्षी एकता की बड़ी बैठक बेंगलुरु में होनी है। तो वहीं दूसरी ओर भाजपा भी अपने कुनबे को लगातार मजबूत कर रही है। इसी कड़ी में आज लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता और बिहार की राजनीति के बड़े चेहरे चिराग पासवान की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई है। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब हाल में ही भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चिराग पासवान को एक पत्र लिखा था और उनसे एनडीए की बैठक में शामिल होने का आग्रह किया था। 18 जुलाई को दिल्ली के एक होटल में इंडिया की बड़ी बैठक होनी है।
क्या है रणनीति
पासवान 2024 के आम चुनावों के लिए बिहार में लोकसभा सीट के बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए भाजपा के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं। शाह से उनकी मुलाकात को इसी कवायद के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है। केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय इससे पहले चिराग से दो बार मुलाकात कर चुके हैं। चिराग के पिता और दिवंगत दलित नेता रामविलास पासवान के नेतृत्व में अविभाजित लोजपा ने 2019 में बिहार की छह लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा था और भाजपा के साथ सीट के बंटवारे के तहत उसे राज्यसभा की एक सीट भी मिली थी। चिराग चाहते हैं कि उनकी पार्टी में विभाजन के बावजूद भाजपा उसी व्यवस्था पर कायम रहे।
हाजीपुर पर चर्चा
चिराग पासवान हाजीपुर सीट पर अपना दावा ठोक रहे हैं। चिराग ने तर्क दिया है कि हाजीपुर से राम विलास पासवान जीते हैं और यह सीट उनकी विरासत मानी जाती है। लेकिन 2019 के चुनाव में हाजीपुर से पशुपति पारस और जमुई से चिराग ने जीत हासिल की। चिराग गुट की ओर से दावा किया जा रहा है कि हाजीपुर से दिवंगत राम विलास पासवान की पत्नी रीना पासवान चुनाव लड़ सकती है। इसको लेकर चिराग की ओर से तैयारी भी शुरू की जा चुकी है। केंद्रीय मंत्री और चिराग के चाचा पशुपति पारस ने कहा कि NDA में कई पार्टियां हैं। वैसे ही उन्हें(चिराग पासवान) बुलाया गया है, पर बुलाने से कुछ नहीं होगा। उनकी मांगे अलग हैं, वे कहते हैं कि हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगे। हाजीपुर में आपका क्या है।