सरकारी जमीन पर खड़े प्रतिबंधित प्रजाति के पेड़ों को काटकर बेच देने वाले होमगार्ड व खरीदने वाले होमगार्ड के विरुद्ध कार्यवाही करने से बचते नजर आ रहे लेखपाल
लखीमपुर खीरी एक तरफ जहां योगी सरकार धरा पर हरियाली को बढ़ाने के लिए वृहद वृक्षारोपण करवा रही है। वहीं दूसरी तरफ ग्राम प्रधान व होमगार्ड का पद संभाल रहे ग्राम प्रधान ने सरकारी जमीन पर खड़े पेड़ों को काटकर अपने साथी होमगार्ड गजेंद्र के हाथों बिकी कर दिए जाने का मामला चर्चा का विषय बना है। उक्त सरकारी पेड़ों पर कराए गए कटान के समक्ष साक्ष्यों के बावजूद तहसील प्रशासन द्वारा आरोपी ग्राम प्रधान व उसके सहयोगी खरीददार होमगार्ड के विरुद्ध कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई जा रही है। उक्त लोगों के विरुद्ध कार्यवाही न किया जाना क्षेत्रीय लेखपाल की संलिप्तता की ओर इशारा करने को काफी है। उक्त मामले की जानकारी देते हुए पहल टुडे समाचार पत्र की टीम ने तहसीलदार को उक्त मामले में संज्ञान लेने की बात कही है। जिस पर तहसीलदार द्वारा लेखपाल से रिपोर्ट तलब कर कार्यवाही किए जाने का आश्वासन भी दिया था इतना ही नहीं लेखपाल को सूचना दिए जाने से तत्काल मौके पर गए लेखपाल को 2 बोटा का अवैध तरीके से काटे गए पड़े मिले थे शेष जड़े भी मौके पर मौजूद मिली थी सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार ग्राम प्रधान व होमगार्ड द्वारा दूसरे होमगार्ड गजेंद्र के हाथों उक्त ग्राम समाज की जमीन की भी बिक्री कर दिया जाने की चर्चाओं का बाजार गर्म है। गजेंद्र के कहे अनुसार इस जमीन पर हम अपना मकान बनवा लेगे हमने इसे खरीदा है। यह जमीन चाहे ग्राम समाज की हो या किसी की हमने पैसा दिया है। इतना सब होने के बावजूद भी उक्त दोनों होमगार्डों के विरुद्ध आज 1 माह बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। तहसील प्रशासन का यह कृत्य भ्रष्टाचार में भागीदारी को दर्शित कर रहा है उपरोक्त मामले में सरकार के कोष को चूना लगाया जा रहा है। सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाने वाले लोगों के विरुद्ध कार्यवाही ना होने से आहत शिकायतकर्ता द्वारा मामले की शिकायत शासन प्रशासन से कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने की मांग किए जाने की बात कही है।