July 27, 2024

नई दिल्ली  एक तरफ देश में लगातार डीजल और पेट्रोल से दाम आसमान छू रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर लोग घटतौली और खराब गुणवत्ता वाले फ्यूल से भी परेशान हैं। कई बार ऐसी खबरें आती हैं कि फला पेट्रोल पंप पर धोखाधड़ी का केस सामने आया है। ऐसे में हमें सावधान होने की जरूरत है। अपने इस लेख हम कुछ जरूरी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं। इन्हे ध्यान में रखकर आप इस जालसाजी से बच सकते हैं।

जीरो देखना है जरूरी है

गाड़ी को फ्यूल-अप कराते समय ये ध्यान देना बहुत जरूरी है कि जब कार, बाइक या अन्य मोटर वाहन में ईंधन डलवा रहा है, तो उसे सबसे पहले मशीन पर जीरो लिखा हुआ चेक करना है। इसका अलावा आप पेट्रोल पंप कर्मी से ये भी पूछें कि पंप की नोजल ठीक तरीके से काम कर रही है या फिर उसमें कोई दिक्कत है। इसके अलावा ये ध्यान रखें कि वाहन में ईंधन भरवाने से पहले उसका फ्यूल गेज कितनी मात्रा बता रहा था और इसके भरने के बाद अब कितना फ्यूल हो गया है। अगर आपको लगता है कि जितना तेल भराया है उतना फ्यूल गेज में भी दिखी रहा है तो सही है, नहीं तो फिर इसकी तुरंत जांच करें।

इस नए स्कैम से रहें सावधान

अगर आपको लगता है कि पेट्रोल या डीजल भराते समय केवल जीरो देखने से आपको सही तरीके से फ्यूल मिल जाएगा, तो आप पूरी तरह से गलत हैं। मौजूदा समय में मार्केट के अंदर एक नया खेल चल रहा है। होता क्या है कि पेट्रोल पंप ग्राहकों को फ्यूल तो सही मात्रा में मापते हैं,लेकिन इसकी शुद्धता में गड़बड़ी कर देते हैं। आपको बता दें कि तेल की शुद्धता को डेंसिटी में मापा जाता है। ऐसे में फ्यूल-अप करवाते समय आपको जीरो देखने के साथ ये भी ध्यान रखना है कि पेट्रोल और डीजल की डेंसिटी मानक के अनुरूप है या फिर नहीं।

क्या हैं शुद्धता के मापदंड?

जैसा कि हमने आपको बताया, डीजल और पेट्रोल की शुद्धता को डेंसिटी में मापते हैं। नियम के मुताबिक पेट्रोल की डेंसिटी (Petrol Density) 730 से 800 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होनी चाहिए, वहीं डीजल में ये 830 से 900 किलोग्राम प्रति क्लूबिक मीटर निर्धारित की गई है। अगर आपको इन मानक के हिसाब से फ्यूल मिलता है, तो समझ जाइए कि ये क्वालिटी और क्वांटिटी के हिसाब से एक दम परफेक्ट है।

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