November 25, 2024
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भदोही। रमजान का चांद निकलते ही उसी रात से तरावीह (विशेष नमाज) शुरू होती है। अल्लाह की मुकद्दस किताब कुरआन शरीफ रमजान में नाजिल हुई थी। ईशा की नमाज के बाद 20 रकआत तरावीह की नमाज अदा होती है। जिसे रमजान में अदा की जाती है, तरावीह की नमाज सुन्नते मोकेदा है। पूरे रमजान चलने वाली तरावीह में हाफिज पूरा कुरआन शरीफ सुनाते हैं। सोमवार को भदोही के उस्तादुल हुफ्फाज अल्हाज हाफिज परवेज उर्फ अच्छे मियां के शागिर्द हाफिज अब्दुर्रहमान ने मिर्जापुर पक्केघाट वाली मस्जिद में तरावीह मुकम्मल की। तरावीह मोकम्मल होने के बाद हाफिज साहब ने बारगाहे परवरदिगार में हांथ उठा कर दुआ मांगी कि या अल्लाह दुनिया मे जितने भी लोग परेशान हैं उनकी परेशानी दूर कर दे। इसके साथ ही मुल्क में अमन चैन कायम रहे। वहीं तरावीह मुकम्मल होने के बाद लोगों ने हाफिज साहब को फूल माला पहनाकर इस्तकबाल किया और मुबारकबाद दी। उस्ताद हाफिज परवेज अच्छे ने कहा कुरआन इंसानी जिंदगी का मोकम्मल आईना है। कुरआन को पढ़ो और सिखों। कहा कुरआन को पढ़ने वाला कभी ग़मज़दा नही होता। इस दौरान सभी मुक्तादियानो ने हाफिज साहब को मुबारकबाद दी।

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