April 27, 2024

मेरठ: लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिमी यूपी में गूंजेगा जाट आरक्षण मुद्दा, सम्मेलन की तैयारी में जुटे रालोद नेता
मेरठ
लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिमी यूपी में जाट आरक्षण की सियासी बिसात बिछाई जाएगी। इसके लिए जाट समुदाय अखिल भारतीय जाट महासभा की तैयारी कर रहा है। वहीं राष्ट्रीय लोकदल के नेता भी आयोजन की तैयारियों में जुटे हैं।

लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय सेवाओं में जाट आरक्षण का मुद्दा उठाकर वेस्ट यूपी की राजनीति को गरमाने की तैयारी है। इसके लिए अखिल भारतीय जाट महासभा 24 सितंबर को मेरठ में बड़ा सम्मेलन करने जा रही है।

जाट महासभा के इस आयोजन की तैयारी में रालोद के नेता भी जुट गए हैं। यह सम्मेलन इसलिए भी अहम हो गया है कि 1 अक्तूबर को जाट संसद प्रस्तावित है। इसमें आरक्षण का मुद्दा शामिल नहीं होने से जाट महासभा ने इससे एक सप्ताह पहले ही सम्मेलन बुलाया है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति का प्रमुख आधार माना जाने वाला जाट समुदाय मेरठ की क्रांति भूमि से राजनीति की दशा और दिशा तय करने जा रहा है। एक अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद में राजनीति, कला, शिक्षा, साहित्य, संस्कृति, रोजगार, सृजन व गौरवशाली जाट इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य को लेकर चर्चा होगी।

इसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड सहित गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, मध्यप्रदेश व पश्चिम बंगाल आदि सभी राज्यों में निवास कर रहे जाट समाज के प्रतिनिधियों के साथ देश व दुनिया भर से जाट समाज के लोग इस अधिवेशन का हिस्सा बनेंगे।

ठीक एक सप्ताह पहले मेरठ में ही जाट आरक्षण सम्मेलन की घोषणा ने नई सियासी पिच तैयार करनी शुरू कर दी है। अखिल भारतीय जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व विधायक प्रताप चौधरी के नेतृत्व में जाट समाज के लोग गांव-गांव जाकर जनसंपर्क कर रहे हैं। गांव दबुथवा, पथौली, सरूरपुर, मीरपुर, भदौड़ा, रोहटा आदि गांव के लोगों से जाट आरक्षण सम्मेलन का हिस्सा बनने की अपील की।

राष्ट्रीय लोकदल के वरिष्ठ नेता डॉ. राजकुमार सांगवान भी अखिल भारतीय जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप चौधरी के साथ जनसंपर्क में कूद पड़े। बुधवार को जनसंपर्क के दौरान केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि लगातार जाट समाज की अनदेखी कर रही है। चौधरी अजित सिंह के प्रयासों से जाट समाज को केंद्र में आरक्षण मिला था। जिसे साजिश के तहत, भेदभाव पूर्ण सोच के चलते, व कमजोर पैरवी करके भाजपा सरकार ने ख़त्म कराया है।
महासभा के पदाधिकारी सुधीर चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार की दमनकारी नीति के चलते आज जाट समाज की आर्थिक स्थिति उन्नत नहीं है। आज जाट समाज के युवाओं को केंद्र सरकार की नौकरियों में आरक्षण अत्यधिक आवश्यक है। इसके चलते आगामी 24 सितंबर को खिर्वा रोड स्थित शगुन फार्म में अखिल भारतीय जाट महासभा का प्रांतीय सम्मेलन प्रस्तावित है l
इंजीनियर सत्येंद्र चौधरी ने लोगों से अपील की गई कि इस सम्मेलन में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर सत्ता के नशे में चूर इस अहंकारी सरकार को अपनी ताकत का एहसास कराना आवश्यक है। जाट संसद से पहले जाट आरक्षण सम्मेलन में रालोद नेताओं का उतरना और भाजपा सरकार की नीतियों के विरोध में अधिवेशन को सफल बनाने के लिए एक नया सियासी संदेश मेरठ से देने की तैयारी हो गई है।

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