May 5, 2024

साउथ डिस्ट्रिक्ट के साइबर थाना की पुलिस टीम ने आरटीओ एजेंट बनकर लोगों से चीटिंग करने वाले दो आरोपी चीटर को गिरफ्तार किया है। जिसकी पहचान अजय मिश्रा और सर्वेश कुमार शर्मा के रूप में हुई है। इनके पास से तीन मोबाइल, आठ पासबुक, चेक बुक, पैन कार्ड, डेबिट कार्ड, सिम, रजिस्टर इत्यादि बरामद किया गया है। डीसीपी अंकित चौहान ने बताया कि यह आरटीओ का एजेंट बनकर लोगों से संपर्क करते थे और फिर उनसे चीटिंग की वारदात को अंजाम देते थे।
मामले के अनुसार एक शख्स ने सराय काले खा आरटीओ ऑफिस में अपनी गाड़ी का डुप्लीकेट एनओसी जारी करने का रिक्वेस्ट दिया था। उसके आवेदन देने के चार दिन बाद उस शख्स के पास एक कॉल आया। जिसने अपने आपको जनकपुरी आरटीओ ऑफिस का क्लर्क बताया। उसने डुप्लीकेट NOC जारी करवाने की मदद की बात कही और उनसे 7500 रुपया चार्ज के नाम पर ले लिया। कुछ दिनों के बाद उन्हीं के पास आरटीओ इंस्पेक्टर की तरफ से एक और कॉल आया। उसने अपनी बातों में फंसाकर 43,300 ले लिए। लेकिन उस शख्स को गाड़ी का NOC नहीं मिला। इसके बाद उसने मामले की शिकायत पुलिस में की।
एसएचओ अरुण कुमार वर्मा की देखरेख में एसआई प्रीति मान की टीम ने जांच शुरू की। पता चला कि पीड़ित के पास जिस नंबर से कॉल आया था वह लखनऊ का था। जो अमाउंट इनसे चीटिंग किया गया था, वह भी लखनऊ के रहने वाले एक सख्स के नाम पर खुला हुआ था। पुलिस ने फिर बैंक के डॉक्यूमेंट इत्यादि से और जांच की। टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पता लगाना शुरू किया और लखनऊ में छापा मारकर अजय मिश्रा और सर्वेश कुमार शर्मा को पकड़ा।
पूछताछ हुई तो पूरे मामले का उन्होंने खुलासा किया। उनके पास से मोबाइल, चेक बुक, पासबुक, पैन कार्ड, डेबिट कार्ड, सिम कार्ड इत्यादि बरामद किया गया। पुलिस को उन्होंने बताया कि वह बेरोजगार हैं। मिलकर प्लान बनाया की आरटीओ एजेंट बनकर चीटिंग करने के लिए। अजय मिश्रा ने जस्ट डायल पर अपना प्रोफाइल बनाया “मिश्रा आरटीओ सर्विस” के नाम से। सुमित मेहरा ने चीटिंग के अमाउंट को ट्रांसफर करने के लिए बैंक अकाउंट का इंतजाम किया था।

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