November 22, 2024
download (26)

गोल्ड मेडलिस्ट का संघर्ष: फौजी पिता का बचपन में उठा साया, टॉपर बन बेटे ने नाम किया रोशन

गोरखपुर
बीटेक सिविल से टॉपर संदीप का आईईएस बनना लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि वह इसकी तैयारी में जुट गए हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय मां और बहन के साथ शिक्षकों को दिया है। संदीप ने 10वीं एवं 12वीं की पढ़ाई आर्मी स्कूल गोरखपुर से की है।

बचपन में ही फौजी पिता की हादसे में मौत हो गई थी। पिता के साहस व बलिदान की कहानी सुनकर बड़े हुए संदीप ने बीटेक सिविल इंजीनियरिंग में ओवरऑल टॉपर बन पिता का नाम रोशन कर दिया। एमएमएमयूटी के दीक्षांत समारोह में उनको कुलाधिपति मेडल समेत छह गोल्ड राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने प्रदान किए। इस ऐतिहासिक पल की साक्षी बनने पहुंचीं उनकी मां और बहन की आंखें खुशी से भर आईं।

 

 

देवरिया जिले के गौरीबाजार क्षेत्र के पथरहट गांव निवासी ज्ञान बहादुर सिंह फौज में शिक्षा कोर में तैनात थे। वर्ष 2007 में ड्यूटी के दौरान मार्ग दुर्घटना में उनकी मौत हो गई। हादसे के समय संदीप महज छह साल के थे। उनकी बड़ी बहन जाह्नवी आठ साल की थीं। बचपन में ही पिता का साया उठने के बाद मां ने दोनों को अच्छे संस्कार दिए। वह बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए गांव से देवरिया शहर के नाथनगर मोहल्ले में रहने लगीं।

संदीप ने 10वीं एवं 12वीं की पढ़ाई आर्मी स्कूल गोरखपुर से की है। 10वीं में उन्होंने 10 सीजीपीए और 12वीं की परीक्षा में 96 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। इसके बाद प्रवेश परीक्षा के माध्यम से एमएमएमयूटी से सिविल इंजीनियरिंग करने लगे।

इसे भी पढ़ें: एकांश को मिला 42 लाख पैकेज, एक ही सपना-पिता की आंखों की रोशनी लौटाना
एमएमएमयूटी में बीटेके सिविल से ओवरऑल टॉपर होने पर उनको दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। संदीप की इस उपलब्धि की साक्षी बनने मां और बहन भी पहुंची थीं।

 

आईईएस बनना है संदीप का लक्ष्य
बीटेक सिविल से टॉपर संदीप का आईईएस बनना लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि वह इसकी तैयारी में जुट गए हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय मां और बहन के साथ शिक्षकों को दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *