बांग्लादेश में पहले शिकार को बेताब महिला क्रिकेटर राशि, गेंदबाजी से रचे हैं कई इतिहास
आगरा
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व मुख्य चयनकर्ता हेमलता काला ने वुमेंस टीम इंडिया की लेफ्ट ऑर्म स्पिनर राशि कन्नौजिया की आंखों में हार नहीं मानने का जुनून 10 साल की उम्र में देख लिया था। हेमलता काला कहती हैं कि बांग्लादेश में खेली जाने वाली टी-20 और एकदिवसीय शृंखला में दुनिया को पहली बार उनकी अपराजिता की छवि देखने को मिलेगी।
राशि मूल रूप से आगरी की रहने वाली हैं। इनके कोच मनोज कुशवाहा कहते हैं कि अंतिम क्षणों तक जीत के लिए मैदान में डटे रहना राशि ने 12 साल की उम्र में सीख लिया था। घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन का परिणाम है कि वेस्टर्न रेलवे में उन्हें अपने यहां नौकरी दी।राशि कन्नौजिया ने बताया कि काफी मेहनत की है। बांग्लादेश में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करूंगी।
राशि के पिता अशोक कुमार कहते हैं कि जिस दिन कोच मनोज कुशवाहा ने बेटी की प्रतिभा को मेरे से साझा किया, उसी दिन मैंने उसे क्रिकेटर बनाने का फैसला कर लिया। राशि की मां राधा कन्नौजिया टीम में चयन का श्रेय हेमलता काला और कोच मनोज कुशवाहा को देती हैं।