भदोही। सरजमीने घोसियां अराकिने ताजूशरिया ट्रस्ट मदीना नगर वार्ड संख्या 3 में बीती रात फैजाने क़ुरआन कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। कांफ्रेंस की इब्तेदा तिलावते क़ुरआन पाक से हाफिज व कारी आफताब आलम ने की। उसके बाद मेम्बरे नूर पे जलवाबार हजरत अल्लामा व मौलाना सैयद अमीनुल कादरी ने इस्लाही तकरीर करते हुए कहा की आज हमारा मआशरा बद से बदतर होता जा रहा है। हमारी मां बहनें मुस्तफ़ा जाने रहमत सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की लाडली बेटी खातूने जन्नत हजरते फ़ातमतुजहरा की बताई हुई बातों पर अमल पैरा न होकर कलमा पढ़ने वालों की बेटियां मुनकीरो के हाथों खेलती हुई नजर आ रही हैं। इसकी वजह यही है कि वे पूरी-पूरी रात जाग कर गन्दी फिल्मों को देख कर गुजार रही हैं। पूरी-पूरी रात अय्याशियों में गुजार रही है। हमारे घर की लड़कियां टीवी सीरियल देख रही है जिसकी वजह से जीना तेजी के साथ बढ़ रहा है। घर का कोई अफ़राद उनको कुछ बोल नही रहा है एक दम बेलगाम हो गई है। यही वजह है कि हमारी नस्ले मजहबे इस्लाम से दूर हो गई है यही वजह है कि आज हमारी जिंदगी बद से बदतर हो गई। आज हम दुनिया मे जलिलो खार होते हुए नजर आ रहे है। यही वजह है कि हमारे ऊपर अल्लाह ने जालिम हुक्मरां मुसल्लत कर दिया है। कहा आज हमारी कौम बदतरीन हालात से गुजर रही है। हम दज्जाली नेजाम का हिस्सा बनते जा रहे हैं। कहा ऐ रातों को जाग कर गन्दी फिल्मों को देखने वाली बहनें अल्लाह के अजाब से डरो अब भी मौका है अल्लाह से अपने गुनाहों पर नादिम होकर तौबा करो उसकी बारगाह में झुक जाओ। कहा अल्लाह ने हमें बहोत अजीम मजहब अता किया बहोत ही अजीम दीन अता की है, अल्लाह ने रसूलो के सरदार का उम्मती में पैदा किया है, अल्लाह ने इनामात की बारिश कर दी है लेकिन हम उसका फायदा नही उठा रहे हैं। कहा याद रखो जो लोग जवानी को आवारगी में गुजारते है तो अल्लाह बुढापे को इबरतनाक बना देता है तो मौत मांगे से भी मौत नही आती। कहा हमको अल्लाह ने हाकिम बना कर दुनिया मे भेजा है आज हम ही मुजरिम बन बैठे है आज हमारा फैसला जाहिल कर रहे हैं। कहा अभी भी वक्त है तौबा का दरवाजा खुला है तौबा करो। अल्लाह और उसके रसूल के बताए हुए रास्ते पर चल कर दुनिया व आख़ेरत को संवारो। मेम्बरे नूर पे मौलाना सैयद जीशान अमजदी, मौलाना फैसल अशरफी, मौलाना शाकिर रजा नूरी, रियाज़ अहमद बरकाती, अली हुसैन ने भी इस्लाही तकरीर की। शायर गुलाम नूर मोजज्सम, अब्दुर्रहीम नूरी, अशफ़ाक़ अहमद, अल्तमश अत्तारी, अरमान रजा ने नाते शहे अबरार सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम पढ़ी। हाफिज वारिस अली, हाफिज मो. नईम, हाफिज शहज़ाद आलम, हाफिज अब्दुल लतीफ, हाफिज अब्दुल अहद को नायबे रसूल हजरत अल्लामा व मौलाना सैयद अमीनुल कादरी ने अपने दस्ते मुबारक से जुब्बा-ए-दस्तार की सनद से नवाजा। इस मौके पर घोसियां नगर पंचायत अध्यक्ष पति लाएके सद एहतेराम इज्जत मआब आली जनाब अबरार अहमद ने आलमेदीन, शायरे इस्लाम व आए हुए सामेइन का शुक्रिया अदा कर मुबारकबाद दी। रौनके स्टेज पूर्व चेयरमैन नोमान अहमद, कारी कमरुज्जमा, मेराज अहमद, नफीस हबीबी, अब्दुल करीम, मौलाना मोबिन अहमद, मौलाना अब्दुल लतीफ शाह, मौलाना सरफराज, मौलाना अख्तर अली, हाफिज इरशाद अहमद, मेहमाने खुसूसी आफताब आलम बाबू भाई, मो. आरिफ, महताब आलम, हाजी अब्दुल हकीम, सलाहुद्दीन, नकीबे कांफ्रेंस तनवीरुद्दीन रहे तो कांफ्रेंस की सदारत फतह मोहम्मद हबीबी व सरपरस्ती मुख्तार अहमद हबीबी ने की।