भदोही। रमजान शरीफ के आखिरी अशरे में पहली शबे कद्र यानी रमजान शरीफ की 21वीं शब को मोहल्ला कोट बाड़ा स्थित अशरफी मस्जिद में सबीने का एहतेमाम किया गया। इस दौरान पूरी रात हुफ्फाज-ए-कराम ने एक क़ुरआन शरीफ को मोकम्मल किया। रात भर हाफिजों ने क़ुरआन को पढा और मुक्तदियों ने खुश अल्हानी के साथ सफ ब सफ खड़े होकर सुनते रहे। इस दौरान हाफिज जीशान, हाफिज ज़ाहिद, हाफिज अर्श, हाफिज रिजवान, हाफिज शहज़ाद अशरफी, हाफिज अब्दुल माबूद, हाफिज दानिश, हाफिज मेराज, हाफिज अब्दुल्लाह, हाफिज नुरुल हसन, हाफिज अरफ़ात हुसैन मिस्बाही, हाफिज अब्दुर्रहमान व हाफिज अशफ़ाक़ रब्बानी ने कुराआन शरीफ को मोकम्मल सुनाया। सबीना मोकम्मल होने के बाद हाफिज अशफ़ाक़ रब्बानी ने परवरदिगार की बारगाह में दुआ की तो वहीं अपने मुल्क में अमनो अमां के लिए भी दुआ की। ज्ञात हो कि भदोही में सबीना उस्तादुल हुफ्फाज मरहूम अल्हाज हाफिज अब्दुल हमीद साहब के दौर से शहर के ज्यादातर मस्जिदों में शुरू हुई जो आज भदोही सहित हिदुस्तान के गोशे-गोशे में उस्तादुल हुफ्फाज अल्हाज मरहूम हाफिज अब्दुल हमीद के शागिर्द द्वारा पढ़ाई जा रही है। वहीं यह सिलसिला उनके पोते काजी-ए-शहर उस्तादुल हुफ्फाज अल्हाज हाफिज परवेज उर्फ अच्छे मियां की सरपरस्ती में बदस्तूर जारी है। आज काजी-ए-शहर के सरपरस्ती में भदोही ही नही अन्य जनपदों के मस्जिदों में उस्तादुल हुफ्फाज अल्हाज हाफिज अब्दुल हमीद साहब के महकते हुए गुलशन के फूल क़ुरआने हकीम को सुनाते हुए नजर आ रहे है। हर मस्जिदों में तरावीह व सबीना इसी महकते हुए गुलशन के फूल सुनाते हुए नजर आ रहे है।