ललितपुर- बुंदेलखंड के प्रसिद्ध सिद्ध क्षेत्र पावागिरि जी में वात्सल्य मूर्ति मुनि सुव्रत सागर महाराज के आशीर्वाद से अनुमति त्याग प्रतिमाधारी बाल ब्रह्मचारी अशोक भैया लिधौरा के निर्देशन में शुक्रवार को सिद्ध चक्र महामंडल विधान, हवन एवं विश्व शांति महायज्ञ का शुभारम्भ देव आज्ञा एवं आचार्य निमंत्रण के बाद मंगल घटयात्रा से किया गया। तत्पश्चात मंडप शुद्धि, श्रीजी विराजमान, सकलीकरण का आयोजन किया गया। जिसमें सरोज सुभाष जैन, सुधा सुरेश जैन महायज्ञनायक, सपना सौरभ जैन सौधर्म इन्द्र, समता सुरेन्द्र जैन कुबेर इन्द्र, सोनाली विकास जैन श्रीपाल-मैंना सुंदरी, साधना प्रमोद, उर्मिला सुधीर, समता जितिन यज्ञनायक, अंजू नरेंद्र ईशान इन्द्र, पुष्पा अरविन्द सानतकुमार इंद्र, आशा संतोष माहेंद्र इन्द्र, रजनी प्रमोद ब्रह्म इन्द्र, सुनीता सुकमाल लांतव इन्द्र, नीलम जयकुमार शुक्र इन्द्र, अरुणा राजकुमार शतार इन्द्र, अंगूरी रमेश आणत इन्द्र, चंदा आनंद जैन प्राणत इन्द्र, कल्पना रविंद्र आणत इन्द्र, सुषमा विजय अच्युत इन्द्र, सीमा जिनेन्द्र प्रत्येन्द्र, कीर्ति प्रबल बाहुबली, स्वप्निल जैन भरत, हर्षिल जैन बालेन्द्र एवं श्रावक श्रेष्ठी अंगूरीबाई, प्रभा राजेंद्र जैन, उषा सुमेर चंद्र, गुलाब बाई राजकुमार, चंदा पवन जैन, उत्तमचंद्र, विकास जैन, संदीप कुमार, अक्षत जैन पवा की इन्द्र प्रतिष्ठा की गयी। ध्वजारोहण शशि सुरेशचंद्र एवं मीना सतीशचंद्र ने किया। रविवार को नित्यमय, अभिषेक शांतिधारा के उपरांत अतिशय युक्त चमत्कारी बाबा मूलनायक पारसनाथ स्वामी का मस्तिकाभिषेक के उपरांत विधान का आयोजन किया गया, जिसमें अहमेन्द्र जैन एन्ड पार्टी गंजवासौदा के मधुर संगीत में भक्ति पूर्वक 32 अर्घ समर्पित किये। इस मौक़े पर बाल ब्रह्मचारी अशोक भैया ने श्रीपाल मैना सुंदरी का वृत्तांत सुनाते हुए कहा कि विशुद्धि पूर्वक सिद्धों की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सोमवार को चौसठ रिद्धि विधान का भव्य आयोजन होगा। शनिवार को त्रिकाल चौबीसी के मूलनायक मुनिसुव्रत नाथ स्वामी का महामस्तिकाभिषेक किया गया। रात्रि में मंगल आरती एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये। जिसमें क्षेत्र प्रबंध समिति एवं सकल दिगम्बर जैन समाज का सक्रीय सहयोग रहा। संचालन क्षेत्र अध्यक्ष ज्ञानचंद्र पुरा ने किया। अंत में विशाल जैन पवा ने सभी का आभार व्यक्त किया।