रामघाट(बुलंदशहर) वन विभाग द्वारा शमशान घाट सिद्धवरी बरखंडेश्वर मंदिर टीले वाली माता मंदिर को जाने वाली रास्ता को बंद किये जाने पर ग्राम प्रधान सहित ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।ग्राम प्रधान ने उप जिलाधिकारी एवं रामघाट थाना प्रभारी को शिकायती पत्र देकर कार्यवाही की मांग की है।
आपको बता दें डिबाई ब्लाक के गांव रामघाट निवासी ग्राम प्रधान रेनू शर्मा लक्ष्मण शर्मा अनुज मित्तल क्षेत्र पंचायत सदस्य हिमांशु शर्मा शिवम भारद्वाज सहित सैकड़ो ग्रामीणों ने उप जिलाधिकारी डिबाई एवं रामघाट थाना प्रभारी को दिए गए प्रार्थना पत्र में कहा है कि रामघाट में प्राइवेट बस अड्डे से लेकर गंगा घाट के शमशान घाट तक तथा, वनखंडेश्वर मंदिर व टीले वाली माता के मंदिर तक ब्लॉक प्रमुख ग्राम प्रधान विधायक द्वारा खड़ंजे के निर्माण कार्य कराए थे जो उन रास्तों के खडंजो को वन विभाग के कर्मचारीयों ने ध्वस्त कर रास्तों को बंद कर दिया है।
शर्मा ने कहा है सिद्धबरी मंदिर पर एक 500 वर्ष पुराना बरगद का पेड़ है इस पेड़ को वाट निकिल सर्वे ऑफ इंडिया प्रयागराज सेंटर के वैज्ञानिकों ने इस बरगद के पेड़ को 500 वर्ष पुराना सिद्ध किया है। इसको देखने के लिए दूर दराज से लोग यहां आते हैं। इस पेड़ के नीचे कई साधु संतों ने तपस्या की है बनखंडेश्वर मंदिर के शिव मंदिर व टीले वाली माता मंदिर पर साधु संत निवास करते हैं
उन्होंने कहा है रामघाट के शमशान घाट पर अतरौली अलीगढ़ जरगवां गंगागढ़ मलहपुर चिरौरी रामपुर बझैडा़ धारकपुर नगला शुमाली बागी नगला आदि गांव के अंतिम संस्कार करने के लिए यहां आते हैं उनकी रास्ता को बंद किये जाने पर साधु संतों सहित ग्राम प्रधान ग्रामीण जनता व भक्तजनों में वन विभाग के अधिकारियों के प्रति आक्रोश व्याप्त है।ग्राम प्रधान रेनू शर्मा सहित सैकड़ो ने साधु संतों व ग्रामीण जनता की समस्या को देखते हुए उप जिलाधिकारी डिबाई एवं,रामघाट थाना प्रभारी को शिकायती पत्र देकर जांच कर कानून कारवाई करने की मांग की है।