November 25, 2024
9

अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने एक ज्ञापन मुख्य विकास अधिकारी को देकर बताया कि सबसे ललितपुर बुंदेलखंड का पिछड़ा जनपद होने के साथ ही ललितपुर पथरीला इलाका है इस वजह से यहाँ जमीन का आकर्षण ज्यादा है, प्रत्येक वर्ष बरसात के मौसम में बादलों के घर्षण से उत्पन्न होने वाली आकाशीय बिजली (गाज) गिरने से प्रदेश भर में हजारों की संख्या में महिला, पुरूष व बच्चों के साथ ही मवेशी भी प्रकृति जनित अकाल मौत मारे जाते है। हमारे जनपद में ही यह आंकडा दर्जनों में पहुँच जाता है। इस प्रकृति जनित आपदा में हताहत होने वाले 90 प्रतिशत लोग ग्रामीण अंचलों के होते है। क्योंकि नगरीय क्षेत्र में ऊंची इमारतों पर गाज रोधी यन्त्र (तड़ित चालक) लगे होते है। जिनकी वजह से यह आकाशीय बिजली को यह अपनी ओर अपनी ओर आकर्षित कर लेते है। जिससे कि जनहानि की सम्भावनायें शहरों में कम होती है। जबकि आकाशीय बिजली गिरने से प्रकृति जनित अकाल मौतें गाँव में ज्यादा होतीं है। उनमें प्रशासन क्षतिपूर्ति के रूप में 4-7 लाख रूपये तक मृतक के आश्रित परिजनों को देती है। जबकि विडंबना यह है कि उससे कम कीमत में लगने वाले गाज रोधक यंत्र (तड़ित चालक) गाँव में नही लगाये जा रहे हैं। अनुरोध है कि हर गाँव में गाज रोधी यंत्र (तड़ित चालक) लगाये जायें सभी गाँव में सरकारी पंचायत भवन, स्कूल है इन पर अगर गाज रोधी यंत्र (तड़ित चालक) लगाये जायें तो प्रकृति जनित आपदा से होने वाली अकाल मौतों का आँकडा नहीं बढ़ेगा।
ज्ञापन देते समय करीम पप्पू राइन, राकेश जैन चोकाबाग, दीपक जैन आस्था, मोहित जैन, दीपक नारायण पाठक, ब्रजेश ताम्रकार, आरिफ पठान, दसरथ कुशवाहा, सुधीर श्रीवास्तव, इस्लाम साकी, सफीक बाबा, सूरज, सुरेंद्र सपेरा, पवन कुशवाहा, फूलचंद राय, दिलीप खटीक, धीरज कुशवाहा, सचिन नामदेव, देवेंद्र पाठक, शाहरुख खान, मोहनलाल, कृष्णकांत सोनी, मनीष सोनी, विश्वनाथ यादव, देवेंद्र राजा, प्रदीप साहू, रमेश, निहाल सेन, अमित गोयल आदि मौजूद रहे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *