ईवीएम के खिलाफ संगठन ने निकाला जुलूस किया विरोध प्रदर्शन
प्रदेश के 567 जिलों के जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन
तीसरा चरण:- 16 जनवरी, 2024 को 567 जिलों के जिलाधिकारी कार्यालय पर रैली प्रदर्शन
सोनभद्र। रावर्टसगंज नगर से जुलूस निकालते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में अपनी मांगों को लेकर ई वी एम के विरोध में एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन करते हुए चरणबद्ध आंदोलन तथा दिनांक 31 जनवरी, 2024 को केन्द्रीय चुनाव आयोग कार्यालय, नई दिल्ली पर विशाल महामोर्चा किया जाएगा।
भारत मुक्ति मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष, नई दिल्ली इनके आह्वान पर भारत मुक्ति मोर्चा के संयोजक लक्ष्मी नारायण ने बताया कि, ई वी एम के विरोध में चरणबद्ध आंदोलन के तहत ई वी एम हटाओ, बॅलेट पेपर लाओ और लोकतंत्र बचाओ” अभियान के अंतर्गत भारत के 567 जिलों के मुख्यालयों पर भारत मुक्ति मोर्चा के द्वारा भारत का लोकतंत्र बचाने के लिए ई वी एम के विरोध में चरणबद्ध आंदोलन आयोजित किया जा रहा है। भारत की सर्वोच्च न्यायपालिका ने विगत 8 अक्टूबर 2013 को एक ऐतिहासिक जजमेंट देकर कहा कि, केवल ई वी एम मशीन से मुक्त निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव नहीं हो सकता है इसलिए ई वी एम मशीन के साथ वीवीपीएटी मशीन लगाना अनिवार्य होगा। इसमें वीवीपीएटी के पर्चियां का 100% मिलान करने से ही मुक्त, निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव हो सकता है। मशीन वीवीपीएटी मशीन के संदर्भ में और एक महत्वपूर्ण मुद्दा, हमारे द्वारा ईवीएम मशीन के साथ वीवीपीएटी से निकलने वाली पर्चीयों का 100% मिलान करने की बात कही थी मगर कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी के माध्यम से 50% मिलान करने की केस को सुप्रीम कोर्ट में लाया गया और हमारे केस को क्लब करते हुए ईवीएम के साथ वीवीपीएटी का 1% मिलान करने का जजमेंट दिया गया। केवल 1% मिलान करने का निर्णय देने से देश में फिर से मुक्त, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव न होने का खतरा कायम रहा। यह असंवैधानिक एवं अलोकतांत्रिक निर्णय है। यह बहुत गंभीर बात है। यही वजह है की, ई वी एम मशीन के उपर से जनता का विश्वास खत्म हो गया है।मशीन में वोटर्स के वोटों का सत्यापन करने का प्रावधान ना होने की वजह से, अर्थात पारदर्शीता ना होने के कारण नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होने के साथ साथ लोकतंत्र की भी हत्या हो रही है। अभी तक देश के प्रमुख राजनैतिक दलों ने, सामाजिक संगठनाओं ने विविध संस्थाओं ने ई वी एम मशीन पर अविश्वास जताया है और सुप्रीम कोर्ट भी इस बात को मानता है। हाल ही में पांच राज्यों के चुनाव हुए उसमें ईवीएम के घोटाले से संबंधित 15,000 से 20,000 केसेस इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया के पोर्टल पर दर्ज है- (22 नवंबर 2023)। चुनाव आयोग ने अभी तक इन सवालों के जवाब नहीं दिए है। चुनाव आयोग इन सवालों के जवाब नहीं दे रहा है इसका मतलब चुनाव आयोग इन सवालों के प्रति असंवेदनशील है। चुनाव आयोग यह संवैधानिक संस्था है इसलिए चुनाव आयोग पर जवाबदेही का संवैधानिक सिद्धांत लागू होता है। अगर चुनाव आयोग जवाबदेही के संवैधानिक सिद्धांत को नहीं मानता है तो चुनाव आयोग तानाशाहा है। इन सभी बातों से यह सिद्ध होता है की चुनाव आयोग ही घोटाला करवा रहा है। यह चरणबद्ध आंदोलन निम्नलिखित मुद्दे के आधार पर किया जा रहा है। 1. टेक्नोलॉजिकल एडवांस्ड देशो में भी ई वी एम पर पाबंदी लगाई है तो भारत में ई वी एम को क्यों चलाया जा रहा है? 2. 3.5% अल्पसंख्यक ब्राह्मणों की जनाधार खोती हुई राष्ट्रीय पार्टियों को ई वी एम ने मदद की। 3- 8 अक्टूबर 2013 का सुप्रीम कोर्ट का लैंडमार्क जजमेंट।4- सुप्रीम कोर्ट का चुनाव आयोग के साथ मैनेजमेंट। 5- चुनाव आयोग के द्वारा पुरानी मशीनों का इस्तेमाल। 6. 2014 में वीवीपीएटी मशीन न के बराबर लगाया। 7. 2014 के लोकसभा चुनाव में घोटाला करने के सबूत। 8. चुनाव आयोग के विरोध में बामसेफ का कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट का केस। 9. EVM घोटाले को बरकरार रखने हेतु चुनाव आयोग के द्वारा नए रूल बनाए गए। 10. 2019 का लोकसभा चुनाव, बीजेपी का सबसे बड़ा घोटाला। 11. 01 जून 2019 चुनाव आयोग की प्रेस नोट। 12. VVPAT मशीन से निकलने वाली पर्चियां चुनाव आयोग ने 4 महीने में क्यों नष्ट कर दी ? 13. बीजेपी के द्वारा लोकसभा चुनाव पर करोड़ों रुपए का खर्चा। 14. EVM में घोटाला नहीं होता है यह चुनाव आयोग का झूठा दावा। 15. चुनाव आयोग को 112 लोगों के सवाल, जिसका चुनाव आयोग ने अभीतक जवाब नहीं दिया। 16. ईवीएम को लेकर अपोजिशन पार्टी की मीटिंग। 17. आरटीआई के द्वारा 20 लाख EVM मशीनों की मिसिंग का मामला। 18. ईवीएम को पेटेंट ना होना इसका मतलब ईवीएम पर विश्वास कैसे किया जाय।19. चुनाव आयोग की ECIL और BEL को गोपनीय सॉफ्टवेयर प्रोग्राम शेयर करने के लिए खुली छूट। 20. 3.5% ब्राह्मणों की 5-6 राष्ट्रीय पार्टियां। यह ज्ञापन जिलाधिकारी द्वारा राष्ट्रपति को दिया जा रहा है। इसलिए जिलाधिकारी द्वारा यह प्रति महामहिम राष्ट्रपति को भेजी गई है, इसकी प्रतिलिपि हमें दी जाए। इस मौके पर लक्ष्मी नाथ, प्रदीप शर्मा, ओमप्रकाश, त्रिभुवन कुमार ,मुकेश सिंह सहित आदि लोग मौजूद रहे।