हापुड़ राजनीतिक एवं समाजसेवी सलीम प्रधान ने जानकारी देते हुए बताया रमजान का पूरा महीना मोमिनों के लिए खुदा की तरफ से अजमत, रहमत और बरकतों का महीना है पार्क मुकसद खुदा की दरगाह में फिरता सदका निकाला जाता है ईद का त्यौहार खुशियों की नई सौगात लाता है !रमजान के महीने में अल्लाह की इबादत के सिवा कुछ नहीं करना चाहिए। रमजान का महीना मुसलमानों के लिए सभी महीनों से अफजल महीना हे। प्रधान सलीम राजपुर ने आगे बताते हुए कहा की अल्लाह ने इस मुबारक महीने को तीन अशरों में तक्सीम किया है। रोजेदारो ने रमजान के पहले अशरे में अल्लाह की रहमत के लिए ज्यादा से ज्यादा इबादत की और इसी तरह रमजान के दूसरे अशरे में अल्लाह से अपने गुनाहों की रो-रोकर माफी मांगी और रमजान का तीसरा अशरा जहन्नम की आग से अल्लाह की पनाह माँगने की । रमजानुल मुबारक में मुसलमानों की के फियत ही बदल जाती है। वैसे तो रोजाना पांच वक्त की नमाज पढ़ना हर मोमिन के लिए फर्ज है, लेकिन इस महीने की फजीलत ही अलग है। इस महीने में मुसलमान रोजा रख रहे हैं और पाबंदी से पांच वक्त की नमाज के आलावा तरावीह की नमाज भी अदा करते हैं। इस्लाम में रहने वाले हर मुसलमान को सच्चे दिल से दीन दुखियों गरीबों और मुसलमानों की मदद दिल खोलकर करनी चाहिए रमजान के महीने में महिलाएं दोहरी इबादत करती हैं पूरे परिवार को लजीज खाना बनाना होता है और रोजदार पांच वक्त की नमाज अदा करनी होती हैं !