नानपारा/बहराइच l नगर के कालीकुंडा मंदिर में अस्थाई सरोवर में तड़के लगभग 5 बजे से ही छठ व्रती महिलाओं का आना शुरू हो गया आस्था के लिए महिलाएं पानी में घंटों खड़ी रहीं काफी इंतजार के बाद छठ व्रती महिलाओं ने भगवान सूर्य देव को अर्घ्य दिया।
शुक्रवार की सुबह सूर्य उदय हुआ तो पानी में खड़े व्रती महिलाओं के चेहरों पर भी खुशियाँ बिखर गई। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य देकर कलश और वेदी का विसर्जन कर व्रत को पूरा किया । आशीर्वाद और प्रसाद का दौर अर्घ्य देने के बाद अस्थाई सरोवर पर किया गया एवं बुजुर्गो से आशीर्वाद लिया गया। सूर्य देव व छठी मैया से मनोइच्छा पूर्ति के लिए आराधना करते 36 घंटे का निर्जला व्रत छठ मैया का प्रसाद खा कर पूरा किया। पानी से निकलने के बाद महिलाओं ने एक-दूसरे की मांग में सिंदूर लगाकर सुहाग देने की परम्परा निभाई। मान्यता हैं की अखण्ड सौभाग्य होने के लिए लम्बा सिंदूर व्रत पूरा करने के बाद एक-दूसरे को सुहाग देते हुए महिलाओं की नाक से मांग तक सिंदूर लगाया जाता हैं । छठ का व्रत रखने वाली महिलाओं ने बताया कि पति की दीर्घायु के लिए लम्बा सिंदूर लगाया जाता है। मान्यता है कि जितना लम्बा सिंदूर होगा उतनी ही लम्बी पति की आयु होगी।