बहराइच l भारत – नेपाल सीमा की सुरक्षा में तैनात 59 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल नानपारा के द्वारा कैलाश चन्द रमोला कमांडेंट, 59वीं वाहिनी के नेतृत्व में ‘ए’ समवाय लौकाही पार्टी कमांडर निoसाo मदन लाल के साथ अन्य-04 मय पर्सनल आर्म्स के साथ गश्त के लिए रवाना हुए । अचानक सोर्स से पता चला कि नदी के रास्ते नेपाल तरफ से लकड़ी बहती हुई भारत के तरफ आ रही है । जिसके आधार पर पार्टी कमांडर मदन लाल द्वारा ‘ई’ समवाय के प्रभारी के साथ उक्त सूचना को साझा कर गश्ती दल बुलाया गया । दोनों गश्त पार्टी करमोना घाट भादा नदी सीमा स्तम्भ स० 671/1 के लिए रवाना हुई । ई-समवाय की गश्त पार्टी जब सीमा स्तम्भ संख्या – 671/1 के पास पहुंची तो वहां कुछ भी हरकत नजर नहीं आयी जिसके उपरांत गश्त पार्टी नदी किनारे – किनारे जाँच पड़ताल करते हुए ‘ए’ समवाय लौकाही के गश्ती दल के साथ संपर्क किया एवं ई समवाय के दूसरी गश्त कमांडर उपo निo साo करमचंद के द्वारा बताया गया की नदी से अधिक मात्रा में लकड़ी बहकर सीमा स्तम्भ 672/1 से 500 मी० की दुरी पर नदी के किनारे पर है। तत्पश्चात, पार्टी कमांडर मदन लाल गश्ती दल के साथ नदी किनारे से होते हुए मौके पर पहुँचकर लकड़ी की छानबीन किया तो पता चला कि सेमहल और गूलर की लकड़ी पानी में तैर रही है। जिसके बाद जवानों के अथक प्रयास से लकड़ी को नदी से बाहर निकाला गया एवं निकाले गये लकड़ी की गिनती की गयी एवं साथ ही साथ इसकी सूचना अपने मुख्यालय एवम वन विभाग ककरहा रेंज को दिया। जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लकड़ी की माप ली गयी तथा मौके पर जब्ती सूची बनाकर दिनांक- 29/02/2024 को ककरहा फारेस्ट रेंज प्रभारी को सुपुर्द किया गया। जप्त की गई लकड़ियों के बारे में रेंज अधिकारी ककरहा कनौजिया ने बताया कि एसएसबी ने नदी में बहते हुए जप्त किया है अभी इसका कोई स्वामित्व नहीं मिला है जांच की जा रही है। वही इस तरह नेपाल से भारत नदी के सहारे आ रही लकड़ियों के विषय में संदिग्ध होता है कि कहीं अवैध तरीके से नेपाल में काटकर लकड़ियां भारत लाकर तो नहीं बेची जा रही एसएसबी के द्वारा इस तरह की सतर्कता बहुत ही महत्वपूर्ण है ।