भदोही। नेशनल हैंडलूम डे के अवसर पर बुधवार को
जूट आधारित कालीन के विकास पर कुछ अभिनव दृष्टिकोण के अंतर्गत जूट निगम कोलकाता एवं भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी) के संयुक्त तत्वावधान में नगर के स्टेशन रोड पर स्थित एक व्यवसायिक प्रतिष्ठान में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ मुख्य अतिथि डीएम विशाल सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
जिलाधिकारी विशाल सिंह ने सभी कालीन निर्यातकों से जूट कालीन व्यवसाय की प्रमुख अन्वेषण और विकास के लिए जेसीआई (कोलकाता) व आईआईसीटी (भदोही) के साथ मिलकर काम करने के लिए आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जूट को गोल्डन फाइबर कहा जाता है। कार्पेट के निर्माण के लिए अधिक से अधिक जूट का उपयोग करें। जूट का कालीन में उपयोग की पर्याप्त क्षमता है। इसके अलावा उन्होंने उद्देश्य की आवश्यक पूर्ति के लिए आईआईसीटी के निदेशक व जेसीआई के एमडी के साथ चर्चा करने का अवसर खोजने पर जोर दिया। उन्होंने जूट निर्मित कालीनों के उत्पाद को देखा और संतुष्टि व्यक्त की। आईआईसीटी के निदेशक प्रो.डॉ.आरके वार्ष्णेय ने बताया कि जूट कालीन की बेहतर खोज के लिए सभी संभावित प्रयास दिए जा रहे हैं। सभी निर्यातकों को उनके सभी प्रश्नों के उत्तर के लिए आईआईसीटी में आमंत्रित किया गया। उन्होंने कहा कि सभी का आईआईसीटी में स्वागत है। जेसीआई के एमडी ए.जॉली ने आईआईसीटी और कालीन उद्यमियों को सभी प्रकार के सहयोग के प्रति आश्वासन दिया। वहीं कल्याण मजूमदार द्वारा जूट फाइबर के उत्पादन और विभिन्न क्षेत्रों में इसके उपयोग पर एक पेपर प्रस्तुत किया।
इस मौके पर यादवेंद्र राय काका, असलम महबूब, पीयूष बरनवाल, रवि पाटोदिया, अरशद वजीरी, हाजी अशफाक अहमद अंसारी व आरके बोथरा आदि कालीन निर्यातक प्रमुख रूप से मौजूद रहें।