ललितपुर- विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत् आचार संहिता को देखते स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार दिनांक 24 माॅर्च 2024 को होली पड़ने के कारण विश्व क्षयरोग दिवस दिनांक 24.03.2024 के स्थान पर 28.03.2024 को मनाये जाने के निर्देष प्राप्त थे। जिसके क्रम में दिनांक 28 मार्च 2024 को के0पी0एस0 डिग्री काॅलेज ककरूआ ललितपुर में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिला क्षयरोग अधिकारी डाॅ0 राम नरेश सोनी ने का कि प्रधानमंत्री भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक भारत को टी0बी0 मुक्त बनाने का संकल्प लिया है और देष को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिये हर दिन नये-नये प्रयास किये जा रहे हैं और कहा कि महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से क्षयरोगियों को गोद लेने की प्रक्रिया प्रारंभ की गयी है यह एक अच्छी पहल है इससे समाज में बहुत ही धनात्मक ऊर्जा का संचार होगा उन्होंने कहा कि हम सभी का प्रयास है कि क्षयरोगी जल्दी से स्वस्थ हों और स्वस्थ होकर अन्य लोगों की भांति समाज की मुख्य धारा में जीवनयापन कर सकें। तथा इस वर्ष विष्व क्षयरोग दिवस 2024 की थीम पर भी चर्चा की गयी। इस अवसर पर डाॅ0 जे0एस0 बक्शी परामर्श दाता टी0बी0 क्लीनिक ने बताया कि क्षयरोग को तपेदिक या टीबी भी कहा जाता है यह बीमारी प्राचीन काल से ही चली आ रही है और लाइलाज बीमारियों में शुमार थी किन्तु वर्तमान समय में टी0बी0 का पूर्ण इलाज संभव है नियमित दवा खाने से यह बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जाती है। यदि इस बीमारी को प्रारंभिक अवस्था में नहीं रोका गया तो यह जानलेवा साबित हो सकती है। समय से इलाज नहीं लेने पर यह बीमारी धीरे-धीरे व्यक्ति को मारती है इसलिये लक्षण महसूस होते ही समय से इलाज शुरू हो जाना चाहिए। उन्होेंने बताया कि विष्व का हर चैथा रोगी भारतीय है और भारत का हर पांचवा क्षयरोगी उत्तर प्रदेष से है। विश्व के कुल टी0बी0 रोगियों का 30 प्रतिषत टी0बी0 रोगी भारत में पाया जाता हैं तथा उनमे से लगभग 4 लाख मरीज प्रतिवर्ष मर जाते हैं। प्रधानमंत्री भारत सरकार द्वारा वर्ष 2018 में भारत को वर्ष 2025 तक टी0बी0 मुक्त करने की घोषणा की गयी है। जिसके अंतर्गत वर्ष 2015 की तुलना में टी0बी0 रोग में 90 प्रतिषत मृत्यु दर को कम करना, 80 प्रतिषत नये टी0बी0 रोगियों को कम करना तथा टी0बी0 रोग से ग्रसित परिवारों में टी0बी0 के कारण होने वाले धन की बर्बादी में शून्य प्रतिषत की कमी लाना है। पी0पी0एम0 काॅर्डिनेटर आदेश श्रीवास्तव ने अपने सम्बोधन में बताया कि 24 माॅर्च को क्षयरोग दिवस इसलिये मनाया जाता है क्योंकि इस दिन जर्मन के फिजीषियन एवं माइक्रो बाॅयोलाॅजिस्ट सर राबर्ट कोच ने 24 माॅर्च 1982 को टीबी के जीवाणु की खोज की थी। यह खोज आगे इसके इलाज में बहुत सहायक बनी इसलिये विश्व भर में टीबी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिये विश्व क्षयरोग दिवस के रूप में 24 माॅर्च को चुना गया। गोष्ठी में यह भी बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा संचालित की जा रही निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत क्षयरोगियों को दिनांक 01 अप्रैल 2018 से इलाज के दौरान पोषण सहायता प्रदान करने हेतु रू0 500/- (रूपया पांच सौ मात्र) का इन्सेंटिव प्रतिमाह प्रति रोगी की सहायता, उपचार के दौरान प्रदान की जाती है। इस अवसर पर जिला क्षयरोग अधिकारी डाॅ0 आर.एन.सोनी, परामर्षदाता टीबी डाॅ0 जे0एस0 बक्सी, डिग्री काॅलेज की प्रबंधक डाॅ0 लतिका सुडेले, प्राचार्य डाॅ0 राजेन्द्र प्रकाश, अध्यापकगण, छात्र-छात्रायें, जिला क्षयरोग नियंत्रण केन्द्र के आदेश श्रीवास्तव पीपीएम काॅर्डिनेटर, उपस्थित रहे। संगोष्ठी का संचालन दीपक जैन अध्यापक ने किया। अंत में सभी का आभार व्यक्त करते हुये प्राचार्य ने संगोष्ठी का समापन किया।