देश में मूसलाधार बारिश हो रही है। नदियों का जलस्तर बढ़ गया है और कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। हिमाचल और अन्य पड़ोसी राज्यों में बाढ़ ने सबसे हिंसक तरीके से तबाही मचाई है और जानमाल को नुकसान पहुंचाया है। इस समय यह जानना जरूरी है कि क्या आपकी कार या बाइक का इंश्योरेंस बाढ़, भूकंप या अन्य किसी प्राकृतिक कारण से हुए नुकसान को कवर करता है। यहां हम आपको इसकी जानकारी दे रहे हैं। इस समय भारत एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है। इस मौसम में अन्य कई वजहों के अलावा भारी वर्षा के कारण उत्तरी इलाकों के प्रमुख जगहों में बाढ़ आ गई है। सोशल मीडिया पर चौंकाने वाली तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं। जिनमें हिमाचल प्रदेश में कारें, बाइक और यहां तक कि घर भी बहते दिख रहे हैं। इस बाढ़ ने सैकड़ों कारों और बाइकों को नुकसान पहुंचाया है, लेकिन सभी को मोटर बीमा के तहत कवर नहीं किया जाएगा। क्या कार इंश्योरेंस बाढ़ से होने वाले नुकसान को कवर करता है? कार बीमा बाढ़ से हुए नुकसान को कवर करता है या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने किस तरह का इंश्योरेंस कवर चुना है। भारत में, आम तौर पर दो तरह के इंश्योरेंस कवर उपलब्ध हैं – कॉम्प्रीहेंसिव और थर्ड-पार्टी कवर। और यह आपके द्वारा चुनी गई पॉलिसी और कवरेज ऑप्शंस पर निर्भर करता है। भारत में सभी कॉम्प्रीहेंसिव कार बीमा पॉलिसियाँ प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कवर करने के लिए बाध्य हैं, जिसमें बाढ़, भूकंप, आग या कुछ और शामिल हो सकते हैं। और इस कवरेज का दावा करने के लिए आपको कोई अतिरिक्त राशि का भुगतान नहीं करना होगा। कॉम्प्रीहेंसिव और थर्ड–पार्टी बीमा कवर के बीच फर्क? थर्ड–पार्टी बीमा थर्ड-पार्टी बीमा, को लाइबिलिटी इंश्योरेंस भी कहा जाता है। यह कार बीमा का एक बुनियादी और कानूनी रूप से जरूरी है। यह उस दुर्घटना में अन्य लोगों (तीसरे पक्ष) को होने वाले नुकसान और चोटों को कवर करता है जहां आपकी गलती है। इस बीमा ये चीजें शामिल है: थर्ड–पार्टी संपत्ति को नुकसान आपके कारण हुई दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हुए दूसरे पक्ष के वाहन या संपत्ति की मरम्मत या रिप्लेसमेंट को कवर करता है। तीसरे पक्ष की शारीरिक चोट दुर्घटना में शामिल दूसरे पक्ष को लगी चोटों के लिए चिकित्सा खर्च और मुआवजे को कवर करता है। थर्ड-पार्टी बीमा आपके वाहन को हुए नुकसान या आपको होने वाली किसी भी चोट को कवर नहीं करता है। यह सिर्फ दूसरों को होने वाले नुकसान और चोटों के लिए सुरक्षा प्रदान करता है। कॉम्प्रीहेंसिव बीमा...
BMW (बीएमडब्ल्यू) ने भारतीय बाजार में X5 (एक्स5) एसयूवी को फेसलिफ्ट अवतार में लॉन्च कर दिया है। इसका उत्पादन स्थानीय स्तर पर चेन्नई में बीएमडब्ल्यू ग्रुप प्लांट में किया जाएगा। X5 को दो ट्रिम्स – xLine और M स्पोर्ट में बेचा जाएगा। इस लग्जरी एसयूवी को पेट्रोल या डीजल इंजन में पेश किया जाएगा और इसमें स्टैंडर्ड तौर पर एक्सड्राइव ऑल-व्हील ड्राइव होगा। BMW X5 की कीमत 93.90 लाख रुपये से शुरू होती है और 1.06 करोड़ रुपये तक जाती है। दोनों कीमतें एक्स-शोरूम हैं। लुक और डिजाइन वाहन निर्माता ने X5 के लाइटिंग एलिमेंट्स को अपडेट किया है। यह अब ब्लू एक्सेंट के साथ मैट्रिक्स एडेप्टिव एलईडी हेडलाइट्स के साथ आती है। X5 फेसलिफ्ट में एक ऑप्शनल स्टाइलिश ग्रिल (केवल 40i पेट्रोलपर) के साथ एक नया डिजाइन किया हुआ बम्पर मिलता है। बीएमडब्ल्यू की आइकॉनिक किडनी ग्रिल में अब ऐसी लाइटें लगी हैं जिन्हें चालू किया जा सकता है। नई बीएमडब्ल्यू एक्स5 एक्सलाइन वैरिएंट में सैटिन एल्युमीनियम ट्रिम में रूफ रेल्स और एक्सटीरियर लाइन के साथ स्टैंडर्ड तौर पर आती है। कार में अलॉय व्हीकल्स का एक नया सेट है जिसकी साइज 21 इंच है। एम स्पोर्ट पैकेज में एक ज्यादा आक्रामक फ्रंट एप्रन, रूफ रेल्स और हाई-ग्लॉस ब्लैक में शैडोलाइन, डार्क शैडो में एक रियर एप्रन और एक ट्रैपेजॉइडल शेप में एक्जॉस्ट पाइप शामिल हैं। इंटीरियर और फीचर्स X5 फेसलिफ्ट के इंटीरियर में एक नया बीएमडब्ल्यू वाइडस्क्रीन कर्व्ड डिस्प्ले ट्विन-स्क्रीन पैनल है जिसमें बीएमडब्ल्यू के आईड्राइव 8 ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाली एक 14.9 इंच की टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट स्क्रीन और 12.3 इंच का डिजिटल ड्राइवर डिस्प्ले मिलता है। यह एक पर्सनल असिस्टेंट, वायरलेस स्मार्टफोन इंटीग्रेशन के साथ आता है और ओटीए अपडेट को सपोर्ट करता है। ड्राइव सिलेक्टर की जगह अब एक ग्लास टॉगल स्विच है। साथ ही इसमें हार्मन कार्डन म्यूजिक सिस्टम, एक हेड-अप डिस्प्ले (एम स्पोर्ट ट्रिम्स पर) और एम्बिएंट लाइटिंग, हीटिंग फंक्शन के साथ स्पोर्ट सीटें और एम स्पोर्ट ट्रिम में वेंटीलेटेड सीट्स मिलती हैं। बीएमडब्ल्यू ने इस कार में ड्राइवर एसिस्ट सिस्टम भी शामिल किया है, जिसमें एडेप्टिव क्रूज कंट्रोल, 360-डिग्री कैमरे के साथ पार्किंग एसिस्ट, रिवर्स एसिस्ट, स्मार्टफोन के जरिए रिमोट पार्किंग और ड्राइव रिकॉर्डिंग जैसे फीचर्स शामिल हैं। साथ ही इसमें छह एयरबैग, डायनामिक स्टेबिलिटी कंट्रोल और अन्य कई फीचर्स भी दिए गए हैं। इंजन, गियरबॉक्स और स्पीड X5 फेसलिफ्ट को पावर देने वाला 3.0-लीटर, स्ट्रेट-सिक्स इंजन का एक सेट है जो ट्विन-टर्बोचार्ज्ड है। पेट्रोल इंजन 375 बीएचपी का पावर और 520 एनएम का पीक जेनरेट करता है। यह महज 5.4 सेकंड में 0-100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकता है। डीजल इंजन 282 बीएचपी का पावर और 650 एनएम का पीक टॉर्क जेनरेट करता है। यह 6.1 सेकंड में 0-100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकता है। दोनों इंजनों में 48V इलेक्ट्रिक मोटर है जो 10...
(किआ इंडिया) ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए आंध्र प्रदेश में अनंतपुर प्लांट...
मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत को शनिवार...
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस ने 2017 के निकाय...
शिक्षा मंत्रालय और अबू धाबी के शिक्षा एवं ज्ञान विभाग (एडीईके) ने खाड़ी देश में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली का परिसर स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दौरे के दौरान समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह कदम आईआईटी को वैश्विक बनाने के अभियान का हिस्सा है। आईआईटी दिल्ली दूसरा आईआईटी है जिसने देश के बाहर परिसर स्थापित करने की घोषणा की है। आईआईटी मद्रास ने पिछले हफ्ते तंजानिया के जंजीबार में अपना परिसर स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यह जानकारी देते हुए ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में आईआईटी दिल्ली का अबू धाबी परिसर स्थापित करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर से भारतीय शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण का एक नया अध्याय शुरू होगा।’’उन्होंने कहा, ‘‘नए भारत के नवोन्मेष और विशेषज्ञता का उदाहरण यूएई स्थित आईआईटी दिल्ली परिसर, भारत और यूएई की दोस्ती की इमारत होगा। यह एनईपी (नयी शिक्षा नीति) में की गई परिकल्पना के अनुसार पारस्परिक समृद्धि और विश्व कल्याण, दोनों के लिए ज्ञान की शक्ति का लाभ उठाने के मकसद से एक नया खाका तैयार करेगा।’’ परास्नातक पाठ्यक्रम अबू धाबी परिसर में अगले साल जनवरी से उपलब्ध कराए जाएंगे, जबकि स्नातक स्तर के कार्यक्रम सितंबर से उपलब्ध होंगे। शैक्षणिक कार्यक्रम और अध्यापन पद्धति आईआईटी दिल्ली के अनुसार होगी और डिग्री भी आईआईटी दिल्ली द्वारा ही दी जाएगी। आईआईटी दिल्ली ने एक बयान में कहा, ‘‘2022 की शुरुआत में दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के बीच हुए समग्र आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) में संयुक्त अरब अमीरात में एक आईआईटी परिसर की स्थापना की परिकल्पना की गई थी। शिक्षा मंत्रालय ने देश के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अपने प्रयासों को उचित समय पर लागू करने के लिए आईआईटी दिल्ली को चिह्नित किया।’’ आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी को आईआईटी दिल्ली का एक शोध केंद्र वाला परिसर बनाने की परिकल्पना की गई है जो स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान करेगा।
बैंकॉक। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि म्यांमा की स्थिति के कारण भारत-म्यांमा-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग एक बहुत कठिन परियोजना रही है और इसे फिर से शुरू करने के तरीके ढूंढना सरकार की प्राथमिकता है। जयशंकर मेकोंग गंगा सहयोग (एमजीसी) तंत्र के विदेश मंत्रियों की 12वीं बैठक में भाग लेने और बिम्सटेक (बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल)के विदेश मंत्रियों की सम्मेलन में भाग लेने के लिए थाईलैंड में हैं। जयशंकर ने यहां बैंकॉक पहुंचने के तुरंत बाद भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए थाईलैंड और भारत के बीच कनेक्टिविटी (संपर्क) के बारे में बात की। Ads by जयशंकर ने कहा, ‘‘आज हमारे सामने असल चुनौती, जिस पर हम काम कर रहे हैं, वह यह है कि हम थाईलैंड के बीच सड़क संपर्क कैसे बनाएं। हमारे पास पूर्वोत्तर भारत से होकर गुजरने वाली यह परियोजना है, यदि हम म्यांमा से गुजरने वाली एक सड़क बनाते हैं और वह सड़क थाईलैंड की ओर से बनाई जाने वाली सड़क से जुड़ती है।’’ उन्होंने कहा कि बेहतर सड़क संपर्क से माल की आवाजाही, लोगों की आवाजाही में भारी बदलाव आएगा। विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ लेकिन, यह बहुत कठिन परियोजना रही है। मुख्य रूप से म्यांमा की स्थिति के कारण यह एक बहुत ही कठिन परियोजना रही है। यह आज हमारी प्राथमिकताओं में से एक है कि इस परियोजना को कैसे फिर से शुरू किया जाए, इसे कैसे चालू किया जाए और इसे कैसे बनाया जाए क्योंकि परियोजना के बड़े हिस्से का निर्माण किया जा चुका है।’’ गौरतलब है कि भारत, थाईलैंड और म्यांमा लगभग 1,400 किलोमीटर लंबे राजमार्ग पर काम कर रहे हैं, जो तीनों देशों को जमीन के जरिए दक्षिण-पूर्वी एशिया से जोड़ेगा और तीनों देशों के बीच व्यापार, कारोबार, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यटन संबंधों को बढ़ावा देगा। भारत-म्यांमा-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना का 70 प्रतिशत काम पूरा किया जा चुका है।
महाराष्ट्र पुलिस ने पालघर में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है, जो कथित...
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) की नई ऊर्जा, पेट्रोरसायन...
सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से छह कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में...