May 18, 2024
एस के श्रीवास्तव विकास:पहल टुडे वाराणसी।आदमपुर थाना क्षेत्र के मुकीमगंज निवासिनी ज्योति यादव ने...
मुंबई । मुंबई के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता उद्धव ठाकरे से मुलाकात की है। बता दें कि उप मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार दोनों ने एक दूसरे के साथ मीटिंग की है। उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे
समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने बुधवार को घोषणा की कि वह “वंदे मातरम” का नारा नहीं लगाएंगे। उन्होंने छत्रपति संभाजी महाराज नगर में सांप्रदायिक स्थिति पर चर्चा के दौरान विधान सभा को सूचित किया कि उनका धर्म इस्लाम उन्हें राष्ट्रीय गीत गाने से रोकता है। आज़मी ने कथित तौर पर “वंदे मातरम” गीत बोलने से इनकार कर दिया और कहा कि उनका धर्म उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं देता है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि यदि भारत में रहना है तो ‘वन्दे मातरम्’ बोलना ही पड़ेगा। हम इसे नहीं कर सकते। भाजपा विधायकों द्वारा बयान पर कड़ी आपत्ति जताए जाने पर हंगामा मच गया। विवाद बढ़ने पर अबू आजमी ने कहा कि मैं ‘वंदे मंत्रम्’ का सम्मान करता हूं लेकिन मैं इसे पढ़ नहीं सकता क्योंकि मेरा धर्म कहता है कि हम ‘अल्लाह’ के अलावा किसी के सामने सिर नहीं झुका सकते। भाजपा का निशाना समाजवादी पार्टी नेता अबू आजमी के बयान पर बीजेपी के शहजाद पूनावाला ने कहा कि समाजवादी पार्टी I.N.D.I.A का हिस्सा है…और उसके विधायक महाराष्ट्र विधानसभा में कहते हैं कि मैं वंदे मातरम नहीं कहूंगा यह मेरे धर्म के खिलाफ है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि वो जाकर औरंगजेब के सामने सिर झुकाते हैं लेकिन वंदे मातरम कहने से कतराते हैं। उन्होंने सवाल किया कि जो लोग अपने नाम पर भारत रखते हैं, उनका काम हमेशा भारत विरोधी ही क्यों होता है? समाजवादी पार्टी नेता अबू आजमी के बयान पर एनसीपी विधायक रोहित पवार ने कहा कि मुझे उनके सटीक बयान की जानकारी नहीं है, हालांकि, कोई भी किसी भी धर्म का हो, सभी को देश से प्यार और सम्मान करना चाहिए। मेरा मानना है कि किसी को भी देश के खिलाफ नहीं बोलना चाहिए।” विधानसभा में क्या हुआ था भाजीनगर जिले में हुए दंगे का मुद्दा उठाते हुए आजमी ने कहा कि वंदे मातरम का नारा लगाना उन्हें अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा, कुछ लोग कहते हैं कि अगर भारत में रहना है तो वंदे मातरम बोलना ही होगा। हम ऐसा नहीं कर सकते। हम केवल एक ईश्वर में विश्वास करते हैं। आजमी के बयान पर भाजपा विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताई और इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने विधायकों से शांत रहने की अपील की और कहा, आजमी की टिप्पणियां विषय के लिए अप्रासंगिक हैं। उन्हें चर्चा के लिए सूचीबद्ध मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।’’ नार्वेकर की अपील के बाद भी हंगामा जारी रहा और इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी।
नोएडा। बैंकों में दो हजार के नोट बदलने की रफ्तार धीमी हो गई है। 24 जून से अब तक केवल 80 करोड़ ही जमा हुए हैं। जबकि पिछले माह यह आंकड़ा 250 करोड़ था। इसका कारण लगातार हो रही बारिश को भी माना जा रहा है। अहम है कि काफी समय से मौसम का हाल बेहाल चल रहा है। जबरदस्त बारिश से कई जगह बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई हैं। ऐसे में दो हजार के नोट बदलने का सिलसिला भी प्रभावित हुआ है। इस माह बैंकों में दो हजार के 80 करोड़ रुपये पहुंचे हैं, जिसमें से लगभग 50 करोड़ रुपए बैंकों में जमा हुए हैं। वहीं, 30 करोड़ रुपयों को लोगों ने बदलवाया है। लोगों ने गुलाबी नोटों को बदलवाने से ज्यादा जमा कराने में सहूलियत समझी है। वहीं एटीएम मशीनों के इस्तेमाल की बात की जाए तो जिले के 820 एटीएम से करीब 55 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। जो कि बैंकों में जमा हुई राशि से ज्यादा है। सेट्रल नोएडा से जमा हुई राशि इस माह 20 करोड़ रुपये है। बाकी राशि जिले के अन्य इलाकों से जमा हुई है। ग्रामीण इलाकों में इस माह अच्छा रिस्पॉन्स देखने को नहीं मिला है। इन इलाकों में कुल 8 करोड़ जमा हुए हैं। इससे पहले बैंकों ने जमा हुई राशि के आंकड़ें जारी किए हैं। लीड बैंक के मुताबिक इस दौरान 330 करोड़ रुपये की राशि जमा की गई है।अहम है कि 23 मई से लगातार दो हजार के नोटों को बदला जा रहा है। जिले की 35 बैंकों की 570 शाखाएं इसमें अहम भूमिका भी निभा रही हैं। साथ-साथ इसके लिए 600 अतिरिक्त कर्मचारियों का सहारा भी लिया जा रहा है। लीड बैंक मैनेजर विदुर भल्ला ने अमर उजाला से बातचीत में बताया कि इस बार कम ट्रांजेक्शन का कारण लगातार बारिश का होना है। जुलाई में जबरदस्त बारिश का असर बैंकों के ट्रांजेक्शन पर भी पड़ा है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी जैसी स्थिति इस बार देखने को नहीं मिली। बैंकों द्वारा अनुमान लगाया गया था कि शुरुआती पहले माह में अच्छी खासी रकम खातों में जमा कराई जाएगी। लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला है। 400 करोड़ जमा होने का था अनुमान इस माह 150 करोड़ जमा होने का अनुमान था। पिछले माह 250 करोड़ तक बैंकों में जमा हो गए
मानेसर। मानेसर थाना क्षेत्र में बैंक खाते से 85 हजार रुपये निकालने का मामला सामने आया है। पीड़ित का कहना है कि उसने न तो किसी लिंक पर क्लिक किया और न ही किसी को अपना पासवर्ड दिया। मोबाइल पर मैसेज आने के बाद उसे पता चला कि उसके खाते से पैसे निकल गए हैं। मानेसर थाना पुलिस मामला दर्ज कर जांच कर रही है। पुलिस को दी शिकायत में सेक्टर-84 निवासी शिवजीत सिंह ने कहा कि जालसाज ने उनके दो अलग-अलग बैंक खातों से 85 हजार रुपये निकाले गए। उनके फोन पर जब मैसेज आया तो उन्हें ठगी का पता चला। जबकि उनके द्वारा किसी को किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं दी गई थी। पुलिस मामला दर्ज कर जांच कर रही है।
20 जुलाई को शुरू होने वाले मानसून सत्र से पहले सरकार ने बुधवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जो सत्र शुरू होने से पहले प्रथागत है। इसका उद्देश्य सभी दलों को एक साथ लाना और उनकी चिंताओं को दूर करना है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की। इससे एक दिन पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने अपने 39 सदस्य दलों के साथ नई दिल्ली में बैठक की। दूसरी ओर, 26 दलों वाला विपक्ष पहले से ही बेंगलुरु में दो दिवसीय बैठक में लगा हुआ था। इस बैठक का उद्देश्य एक भाजपा विरोधी मोर्चा बनाना था और जिसने खुद को भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) भी कहा।  
गोरखपुर सावन का आधा माह गुजरने के बाद मंगलवार से मलमास शुरू हो गया। सावन में बारिश की फुहारों का इंतजार कर रहे लोगों को मायूसी मिली। अब वह मलमास में बारिश की आस लगाए हुए हैं। हालांकि मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़े पर गौर करें तो अभी दो-तीन बारिश के आसार कम ही दिखाई दे रहे हैं। आधा जुलाई माह गुजरने के बाद भी मानसून का ट्रैक कमजोर बना हुआ है। इसका असर यह है कि लोग गर्मी और उमस से बेहाल हैं। सुबह से ही जेठ की गर्मी जैसा अहसास हो रहा है। मंगलवार को दिन में अधिकतम तापमान 33.6 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 27.1 डिग्री सेल्सियस रहने से दिन के साथ रात में भी लोग गर्मी से परेशान रहे। सावन का आधा माह गुजरने के बाद मंगलवार से मलमास शुरू...
लखनऊ समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव के लिहाज से यूपी में विपक्षी गठबंधन की कमान अपने पास रखना चाहती है। विपक्षी मोर्चा ”इंडिया” के बंगलुरु सम्मेलन में जातिवार जनगणना पर भी सभी दल सहमत दिखे। रालोद ने गठबंधन कायम रखने के लिए छोटे दलों का भरोसा न तोड़ने की नसीहत बड़े दलों को दी तो अपना दल (कमेरावादी) ने ओबीसी हितों को आगे रखकर चुनाव मैदान में कूदने का सुझाव दिया।इंडिया (समावेशी भारतीय राष्ट्रीय जनवादी गठबंधन) के बंगलुरु सम्मेलन में सबसे पहले इस बात पर सहमति बनी कि विभिन्न राज्यों में घटक दलों में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इन मतभेदों को दरकिनार करते हुए भाजपा को हराने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ना है। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के भी संबोधन का फोकस यही था कि हम एक होकर आगे बढ़ेंगे। सपा के प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल ने कहा कि जिस राज्य में जो क्षेत्रीय शक्ति मजबूत है, उसी के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव लड़ा जाए। जाहिर है कि सपा गठबंधन सहयोगियों के बीच यूपी में सीटों के बंटवारे में अपना हाथ ऊपर रखना चाहती है। रालोद के जयंत चौधरी के मन में यह आशंका दिखी कि राष्ट्रीय दल चुनाव से पहले छोटे क्षेत्रीय दलों का साथ तो ले लेते हैं, लेकिन चुनाव के बाद उनकी तरफ अपेक्षित ध्यान नहीं देते। सूत्रों के मुताबिक, जयंत ने बैठक में कहा कि बड़े दलों को यह प्रयास करना चाहिए कि उन पर भरोसा कायम रहे। ऐसा न हो कि चुनाव बाद छोटे दलों को साइड लाइन करने की कोशिश की जाए। अपना दल (कमेरावादी) के राष्ट्रीय महासचिव पंकज निरंजन ने कहा कि अन्य पिछड़े वर्गों की आकांक्षाओं पर इंडिया को खरा उतरना होगा। चुनाव के साझा कार्यक्रम में यह कहना होगा कि हम जातिवार जनगणना के समर्थन में हैं। सत्ता मिलने पर यह करके दिखाएंगे, ताकि सबको उनकी आबादी के अनुपात में देश के संसाधनों में हिस्सा मिल सके। उधर, इंडिया का मंगलवार को सम्मेलन शुरू होने पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी और अपना दल (कमेरावादी) की अध्यक्ष कृष्णा पटेल का स्वागत किया। दोनों पहली बार इस बैठक में शामिल हुए थे। 20 लोकसभा सीटों पर मान सकती है कांग्रेस इंडिया के बंगलुरू में हुए दूसरे सम्मेलन में सीटों के बंटवारे के फार्मूले पर सीधे कोई बातचीत नहीं हुई, लेकिन नेताओं ने अलग-अलग इन मुद्दों पर चर्चा जरूर की। माना जा रहा है कि यूपी में गठबंधन के तहत कांग्रेस 15-20 लोकसभा सीटों पर मान सकती है। शेष सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे की जिम्मेदारी सपा