डिबाई(बुलंदशहर) लोधी क्षत्रिय एम्पलाइज एसोसिएशन (लक्ष्य) डिबाई-नरोरा द्वारा भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम की प्रणेता व प्रथम बलिदानी वीरांगना और रामगढ़ की रानी अवंतीबाई लोधी के बलिदान दिवस अवसर पर भीमपुर दोराहा स्थित अवंतीबाई की विशाल प्रतिमा पर फूलमाला अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। तदोपरांत लक्ष्य कार्यालय गोमतीधाम डिबाई में वैदिक यज्ञ और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।अंग्रेजी शासन की दमनकारी राज्य हड़पने की नीति का विरोध करते हुये मध्यप्रदेश की रामगढ़ रियासत की महारानी अवंतीबाई 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़ीं और 20 मई 1858 को अंग्रेजों से युद्ध करते हुये वीरगति को प्राप्त हुईं। उस समय रानी की आयु मात्र 26 वर्ष थी। इस प्रकार वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की प्रथम बलिदानी महिला के नाम से इतिहास में अमर हो गईं। लक्ष्य समिति के अध्यक्ष इं. सोमवीर सिंह लोधी, सचिव राजकुमार लोधी, कोषाध्यक्ष हुकम सिंह लोधी के साथ समिति के अन्य सदस्य और क्षेत्र के अनेक गणमान्य नागरिक अवंतीबाई चौक भीमपुर पर एकत्रित हुये और उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद प्रमोद गुप्ता आर्य के पांडित्य में लक्ष्य कार्यालय पर यज्ञोपरांत एक श्रद्धाजंलि सभा का आयोजन किया। श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता स्वामी अमृतानंद सरस्वती ने की और मुख्य अतिथि का दायित्व निर्वहन जिला आर्य समाज अध्यक्ष गंगा प्रसाद निराला ने किया। श्रद्धांजलि सभा में प्रमुख वक्ताओं के रूप में समिति के संरक्षक पी पी सिंह, उपाध्यक्ष हरिओम वर्मा, हरवीर सिंह मथुरिया, होडल सिंह आर्य व कृष्ण राष्ट्रवादी अपने विचार रखे। इसके अतिरिक्त सभा में महेंद्र सिंह लोधी, नारंगी लाल राजेंद्र कुमार, महिपाल सिंह, तेज सिंह आर्य, डोरी लाल, ज्ञान प्रकाश लोधी, कन्हैया लाल, रोहित लोधी, भूदेव सिंह वर्मा, अनिल कुमार सिंह और सूरज पाल सिंह सहित नगर के अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही।