ललितपुर- संसार से मुक्ति तभी मिलेगी जव आप उनके बताए मार्ग पर चलेंगे। सभी मौत के मेहमान हैं भगवान भागने से नहीं जागने से उनकी राह पर चलने उन्हें मानने से मिलते हैं। जिनधर्म प्रभाविका आर्यिका सृष्टिभूषण माता जी ने जैन अटा मंदिर में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए कहा जैसा आप बीज बोते हो वैसा फल लिगा। त्योहार आने पर आप घर की सफाई करते हैं इसी प्रकार आपको मन आत्मा की सफाई भी करना चाहिए तभी भगवान कानिर्वाण मोक्ष कल्याण बनाना सार्थक होगा। राम, रावण, कृष्ण और कंस के नाम राशि एक थी किन्तु उनकी मति अलग होने के कारण उनकी गति वैसी प्राप्त हुई। हाथी सिंह मरीचि की पर्याय से सभी प्राणी तीर्थंकर बने हैं।
आर्यिका श्री ने कहा इस संसार समुद्र से तिरने पार होने के लिए सम्यक दर्शन सम्यक ज्ञान और सम्यक चारित्र ही सहारा है और इस संसार में डूबने के लिए मिथ्या दर्शन, मिथ्या ज्ञान और मिथ्या चारित्र कारथ है। संसार में आप इसी कारण भ्रमण कर रहे हैं मानव पर्याय में भी तीन अवस्था बचपन जवानी और बुढपा आता है आपको धर्म के प्रति श्रद्धावान होने चाहिए श्रद्धा दर्शन ज्ञान और चारित्र के माध्यम से ही आप संसार से पार हो सकते हैं। धर्मसभा का शुभारम्भ आचार्य विद्यासागर महाराज एवं आचार्य श्री विद्याभूषण सन्मतिसागर महाराज के चित्र के सम्मुख दीपप्रज्जवलित कर श्रेष्ठीजनों ने किया। मंगलाचरण श्रीमती अनीता मोदी ने गुरूवंदना कर किया। धर्मसभा में आर्यिका विजज्ञस्सा श्री एवं आर्यिका विश्वयश मति माता जी के साथ ब्रहमचारिणी रूवी दीदी विराजमान रही। इस मौके पर प्रमुख रूप से समाज श्रेष्ठी शीलचंद अनौरा, अखिलेश गदयाना, मनोज बबीना, अक्षय अलया, डा सुनील जैन संचय, डा राकेश जैन मडावरा, धन्यकुमार जैन एड, मोनू जैन झरावटा, शिक्षक पुष्पेन्द्र जैन, अमित जैन सर्राफ, वैद्य महेन्द्र सराफ, चंदन सिंघई, अनंत सराफ, पुष्पेन्द्र जैन अनोरा, संतोष जैन गोयल एड चंचल पहलवान, आदि मौजूद रहे।