हर्रैया सतघरवा ,बलरामपुर /विकास खंड हर्रैया सतघरवा अंतर्गत जंगल से सटे हुए ग्राम पंचायत चौधरीडीह के मजरे शिकारीपुरवा गांव मे एक पांच वर्षीय बालिका आरती पुत्री मंगलदेव की मौत तथा दर्जनों लोगो के बीमार होने की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में कैंप लगाकर इलाज शुरु किया।
शिकारीपुरवा गांव में करीब 70 घर है। गांव मे स्थित प्राथमिक विद्यालय है जिसमे लगे हैंडपंप से निकलने वाला पानी बदबू दे रहा है तथा दो नल गांव के अलग अलग स्थान पर लगे है,जिससे मैला पानी निकल रहा है।गांव गंदगी से पता हुआ है। गांव के नेहा पुत्री कर्ताराम 12 वर्ष.बाबू राम पुत्र सुंदर 55 वर्ष.सुनेहा पुत्री कर्ताराम 15 वर्ष.हरिराम पुत्र तीरथ 12 वर्ष,गूथे पुत्र पाले 54 वर्ष,किशनावती पुत्री अयोध्या 2 वर्ष,प्रिंस पुत्र पवन 2 वर्ष,अंजली पुत्री मनोज 11 वर्ष,अमृता पुत्री मनोज 5 वर्ष,सरिता पत्नी प्रेमा 26वर्ष,अयनांश पुत्र प्रेम 6 वर्ष,पाहु पुत्र नान्हु 56 वर्ष,सुखराजी पत्नी जगत राम 60 वर्ष,अनीता पत्नी मनोज 30 वर्ष,श्यामकली पत्नी श्यामता 60 वर्ष,शिवम् पुत्र पवन कुमार 15 माह,खनन पुत्र शंकर 50 वर्ष करीब 18 लोग बीमार हुए है।
बीमारी को गंभीरता से देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीम लगाकर निगरानी की जा रही है।चिकित्सकों ने एक-एक ग्रामीण का चेकअप किया तथा ओआरएस पैकेट व अन्य जरूरी दवाएं दी।एक सप्ताह से शिकारीपुरवा गांव मे पल्टी.दस्त. बुखार से दर्जनों लोग बीमार हैं।गांव में बीते दिन पांच वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। ज्यादातर लोग प्राइवेट अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे हैं।ग्रामीण सरकारी अस्पतालों में समुचित संसाधन न होने की बात कर रहे है इससे प्राइवेट अस्पतालों से ही उनका उपचार हो रहा है। गांवों में पल्टी.दस्त बुखार के रोगी बढ़ने की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई।मंगलवार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवपुरा के अधीक्षक डाक्टर प्रणव पांडे पूरी टीम के साथ गांव में पहुंचे। बीमार लोगों को दवा दी उन्होंने कहा कि प्राइवेट के बजाय सीएचसी में इलाज कराएं।ग्रामीणों ने शिकायत की चौधरीडीह गांव मे उप स्वास्थ्य केंद्र होते हुए वहां चिकित्सक नहीं बैठते हैं।अपराह्न मे शिकारीपुरवा गांव पहुंचे मुख्य चिकित्सा अधिकारी मुकेश कुमार रस्तोगी ने निरीक्षण कर समुचित इलाज के लिए ग्रामीणो को अस्वासन दिया।