November 24, 2024
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सोनभद्र। राबर्ट्सगंज नगर स्थित श्री राम जानकी मंदिर परिसर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन रविवार को शाम वृंदावन से पधारे आचार्य मनोहर कृष्ण जी महाराज ने कहा कि, भगवान नारायण ने मत्स्य रूप धारण कर राजा सत्यव्रत की रक्षा की। यदि सच्चे मन से जो भगवान का भजन करता है तो उसके ऊपर भगवान की कृपा अवश्य होती है। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की झांकी निकाली गई एवं बधाई गीत गाने के साथ ही बच्चों के खिलौने भी लुटाए गए। आचार्य जी ने सूर्यवंश के वंशावली का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि, राजा सत्यव्रत की रक्षा करने के लिए भगवान नारायण मत्स्यरूप धारण करके आए। मां गंगा सगर के पुत्रों पर कृपा करती हैं। भागीरथ के कठोर तपस्या से गंगा मृत्यु लोक में आई और सागर के 60000 पुत्रों को मुक्त किया । महाराज खटवांग ढाई घंटे में ही भगवान नारायण को प्राप्त कर लिया। हम और आप यदि सच्चे मन से घंटे दो घंटे भगवान का भजन करें तो भगवान हमारे ऊपर अवश्य कृपा करेंगे। भक्त के ऊपर भगवान के प्रति विश्वास होना चाहिए विश्वासो फलदायकः यदि विश्वास होगा तो आपको फल की प्राप्ति होगी। राम कथा का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि, महाराज दशरथ के ऊपर गुरुदेव एवं यज्ञ भगवान की कृपा से चार पुत्रों का जन्म हुआ। भगवान ने शबरी पर कृपा की शबरी भील जाति में थी आदिवासी होने के बाद भी भगवान जात पात नहीं देखते। भगवान भक्त के भाव को देखते हैं शबरी के अंदर भाव था कि भगवान आकर के मेरे यहां भोग लगाए भगवान जाकर के शवरी के यहां जूठ बेरो का भोग लगाया।
चंद्रवंश के वंशावली का वर्णन करते हुए आचार्य जी ने कहा कि, राजा रंग देव के राज्य में अकाल पड़ गया, भगवान स्वयं भिखारी का भेष धारण करके परीक्षा लेने के लिए आए और राजा रंग देव परीक्षा में पास हुए। भगवान कृष्ण अवतार की झांकी निकाली गई । भगवान श्रीकृष्ण के बालरूप का दर्शन करने को भक्तगणों का तांता लगा रहा। बधाई गीत गाने के साथ ही बच्चों के खिलौने आदि सामान लुटाए गए। अंत में आरती हुई और प्रसाद का वितरण किया गया।
कथा में ओम प्रकाश पाठक, महेंद्र प्रसाद शुक्ला, सोनभद्र बार एसोसिएशन अध्यक्ष पूनम सिंह एडवोकेट, पूर्व अध्यक्ष ओम प्रकाश राय एडवोकेट, पूर्व महामंत्री विनोद कुमार शुक्ला एडवोकेट, पूर्व महामंत्री श्रीनिवास मिश्र एडवोकेट, जेबी सिंह एडवोकेट, आशुतोष पाठक, विजय कुमार कानोडिया, सुशीला देवी, सुनील कुमार पाठक आदि भक्तगण मौजूद रहे।

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