उरई। जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में बुधवार देर शाम जिला शिक्षा अनुश्रवण समिति व निपुण टास्क फोर्स की मासिक समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने ऑपरेशन कायाकल्प के तहत दिव्यांग शौचालय व टाईलीकरण आदि निर्माण की प्रगति कम होने नाराजगी प्रकट करते हुए जिला विकास अधिकारी समस्त खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया कि खंड विकास अधिकारी एवं खंड शिक्षा अधिकारी आपसी समन्वय स्थापित करते हुए अधूरे कार्यों को समयबद्ध रूप से गुणवत्ता से पूरा कराएं, अधूरे निर्माण कार्यों को समयबद्ध रूप से गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए यदि कहीं कोई बाधा उत्पन्न हो रही है तो उसे उनके संज्ञान में लाया जाए, जिन विद्यालय में दिव्यांग शौचालय व टायलीकरण काम अधूरा है वहाँ खंड शिक्षा अधिकारी व खंड विकास अधिकारी स्वयं अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण करते हुए युद्ध स्तर पर गुणवत्ता युक्त कार्य को पूरा कराएं।उन्होंने कहा कि जिला टास्क फोर्स एवं ब्लॉक टास्क फोर्स के सदस्य अनिवार्य रूप से विद्यालय के निरीक्षण को पूर्ण करते हुए अपनी अद्यतन आख्या बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से भिजवाए। उन्होंने कहा कि खंड शिक्षा अधिकारी अपने आवंटित ब्लॉक में अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण को बढ़ाते हुए उपस्थित को सत प्रतिशत सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास करें। अभियान के दौरान कम अटेंडेंस वाले बच्चों के घर घर दस्तक देकर उनकी उपस्थिति सुनिश्चित कराई जाए, विद्यालयों के शैक्षिक व भौतिक गुणवत्ता के साथ किसी भी प्रकार का समझौता न किया जाए। उन्होंने कहा कि जुलाई माह के अंत तक अभियान चलाकर निर्धारित तिथियां पर दिव्यांग विद्यार्थियों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी कराए जाने के लिए विकासखंडवार शिविर लगाकर दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि समेकित शिक्षा के तहत जनपद में कुल लक्ष्य 2723 के सापेक्ष 2821 का चिन्हांकन एवं नामांकन विभिन्न परिषदीय विद्यालयों में कराया गया है। 50 अति गंभीर दिव्यांग बच्चे जो स्कूल आने में अक्षम व असमर्थ हैं, को होम बेस्ट एजुकेशन स्पेशल एजुकेटर्स के द्वारा दिया जा रहा है। इन बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु 50 होम बेस्ट किट क्रय किए जाने के निर्देश दिए। कुल 180 दिव्यांग बालिकाओं को डीबीटी के माध्यम से स्टाइपेंड दिए जाने हेतु निर्देशित किया। इसके तहत प्रत्येक दिव्यांग बालिकाओं को ₹2000 प्रति वर्ष दिया जाना है। उन्होंने कहा कि 75 गंभीर दिव्यांग बच्चों को एस्कार्ट एलाउंस दिया जाना है, इसके तहत प्रत्येक दिव्यांग बच्चों को 6000 प्रतिवर्ष दिया जाना है। उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि आरटीई के अंतर्गत छात्र-छात्राओं को लॉटरी के माध्यम से विद्यालय आवंटित किए गए थे, ऐसे समस्त छात्र-छात्राओं को विद्यालयों में प्रवेश दिया जाए, जो विद्यालय प्रवेश में आनाकानी करते हैं ऐसे विद्यालय की मान्यता समाप्त की जाए। उन्होंने निपुण भारत मिशन के तहत शासन से लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसे समय से पूरा करें। सभी विद्यार्थियों को निपुण विद्यार्थी, विद्यालय को निपुण विद्यालय तथा विकास खंडों को निपुण विकासखंड बनाने के साथ ही जिले को भी निपुण बनाया जाए। बेसिक शिक्षा अधिकारी व सभी एआरपी विद्यालयों का निरंतर भ्रमण कर निपुण भारत अभियान के सभी मानकों को पूरा कराएं। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी राजेंद्र कुमार श्रीवास, जिला विकास अधिकारी सुभाष चंद्र त्रिपाठी, बेसिक शिक्षा अधिकारी चन्द्र प्रकाश, जिला पंचायत राज अधिकारी राम अयोध्या प्रसाद आदि सहित सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे।