सोनभद्र। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संपूर्ण भारत सहित कुल 17 देशों में मातृत्व के भाव को सशक्त बनाने का कार्य करने वाले संगठन विश्व मांगल्य सभा के बैनर तले शुक्रवार को सोनभद्र जिला मुख्यालय पर मातृशक्ति की बैठक संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए विश्व मांगल्य सभा काशी प्रांत की सचिव किरन गोरे ने संगठन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि, देश व समाज के उत्थान के लिए मातृत्व शक्ति का मजबूत होना आवश्यक है। गोरे ने माताओं बहनों को संस्कार, सेवा, सदाचार से खुद को सामर्थ्यवान बनाने की अपील किया। बैठक को संबोधित करते हुए विश्व मांगल्य सभा काशी प्रांत की संयोजिका डाक्टर भारती मिश्रा ने बच्चों में बचपन से ही संस्कारों का संचार करने के महत्व को बताते हुए कहा कि, बच्चों के अच्छे संस्कार से देश व समाज का उत्थान तो होता ही है साथ ही घर परिवार भी उन्नति करता है। डाक्टर भारती मिश्रा ने बच्चों को धर्म और संस्कार के गांठ से बांधने की बात कही। बैठक को संबोधित करते हुए विश्व मांगल्य सभा काशी प्रांत धर्म संस्कृति शिक्षा विभाग की संयोजिका सुनीति शुक्ला ने घरों में दखल दे रही पश्चिमी सभ्यता पर चिंता जताते हुए उपस्थित माताओं बहनों से खुद को भारतीय संस्कृति के अनुसार ढालने की अपील किया। सुनीति शुक्ला ने कहा कि, पहले घरों में कार्य करने वाली महिलाएं खुद को गृहणी बतातीं थीं जो अब हाउस वाइफ बतातीं हैं। उन्होंने बताया कि, घर जिसका ऋणी होता है उसे गृहणी कहते हैं। विश्व मांगल्य सभा काशी महानगर सह सचिव पुष्पा दीक्षित ने बैठक में उपस्थित मातृशक्ति को धन्यवाद ज्ञापित किया। बैठक का संचालन आरती पाण्डेय ने किया। इस मौके पर आशा सिंह, रागिनी देवी, सरिता देवी, प्रीति, तारा, मनचली, संध्या कुमारी, अनामिका, सुमन, कुमकुम, कृतिका, नेहा, शशिबाला, वंदना यादव, गीता, निशा, सरिता, नेहा, काजल, प्रतिमा वर्तिका पाण्डेय सहित सैकड़ों माताओं बहनों ने भाग लिया।