दिल्ली पुलिस ने घरों को टारगेट करके लाखों – करोड़ों की चोरी करने वाले एक ऐसे गैंग को पकड़ा है,,जो एक साथ सीरीज में ऑटो लेकर चलते थे। पुलिस को गच्चा देने के लिए रास्ते में एक ऑटो गायब कर देते, क्योंकि उसी ऑटो में चुराई गई लाखों की ज्वेलरी, कैश और अन्य सामान भरा होता था। चुराए गई ज्वेलरी को खुद के रखे हुए मशीन में गलाकर उसे फिर आगे डिस्पोजल करते थे। यह गैंग जेल में नए-नए रंगरूटों से संपर्क करके उन्हें भर्ती करता था और एक रात के 7000 से 1,0000 का भुगतान करता था। सफदरजंग सबडिवीजन की पुलिस टीम ने मास्टरमाइंड सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिसमें से एक की पहचान रंजीत उर्फ सोनू, दूसरे की सोनू उर्फ चिड़िया मार और तीसरे की सौरभ के रूप में हुई है। यह तीनों दिल्ली के संगम विहार, कापसहेड़ा और हरियाणा के बल्लभगढ़ के रहने वाले हैं। इनके पास से 80 आइटम गोल्ड और सिल्वर की ज्वेलरी बरामद की गई है। जिसकी कीमत एक करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है। पुलिस ने वह मशीन भी बरामद किया है, जिसमें यह गोल्ड ज्वेलरी रखकर गला देते थे। इस गैंग का पता लगाने के लिए पुलिस को तकरीबन 50 दिन का समय लगा और 400 से ज्यादा सीसीटीवी, 100 से ज्यादा ऑटो ड्राइवर से पूछताछ की। तब जाकर इस गैंग का खुलासा किया जा सका। डीसीपी रोहित मीणा में बताया की 9 फरवरी और 16 मार्च को साउथ वेस्ट दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में चोरी की दो बड़ी वारदात हुई थी। इस वारदात को सुलझाने के लिए एसीपी रणवीर सिंह की देखरेख में टीम बनाई गई और इस टीम ने फिर सीसीटीवी फुटेज और टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पता लगाना शुरू किया था। जिसमे पुलिस को ऑटो के बारे में पता चला। कई ऑटो एक साथ चलता और बीच में से एक गायब हो जाता था। इन्होंने चोरी के ज्वैलरी और अन्य सामान रखने के लिए उत्तम नगर में किराया का कमरा ले रखा था।