वाराणसी/-वाराणसी क्षेत्र में गर्मी के बढ़ने के साथ ही देसी फ्रिज की डिमांड बढ़ गई है।बाजारों में मटकों का बाजार भी लगने लगा है।कुछ सालों में इन मटकों की मांग शहरी इलाके में कम हो गई थी मगर अब फिर से इसकी मांग होने लगी है।आज भी ग्रामीण इलाकों में ज्यादातर लोग मटके का ही पानी पीते हैं।गंगापुर इलाके में कुमार जाति के लोग मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करते हैं।इसके एवज में उन्हें उतने पैसे तो नहीं मिल पाते हैं।मिट्टी के बर्तन बनाना उनकी मजबूरी है क्योंकि इन कुम्हार जाति के लोगों पूर्वज जमाने से से मिट्टी के बर्तन,दिया,मटका,गमला,हंड्डी आदि बनाते हुए आ रहे है।ऐसे में सरकार को ऐसी छोटे-छोटे उद्योग की तरफ ध्यान देकर इन्हें बढ़ावा देने की जरूरत है,जिससे की इन गरीब परिवार को जीवनयापन करने में कोई कठिनाई का सामना न करना पड़े।कुम्हार सोमरू प्रजापति,चम्मन प्रजापति,राजेश प्रजापति,बृजेश प्रजापति ने बताया कि इस गर्मी के सीजन में मटके की मांग बढ़ जाती है।हम लोग इसे बनाकर थोक व्यापारियों को दे देते है। यहां उन लोग सौ से डेढ़ सौ तक इसे बेच देते है।फ्रिज के पानी पीने का जो स्वाद है उससे ज्यादा स्वाद मिट्टी से बनी हुई मटके का है।बाजार में फ्रिज आने से हमारे व्यवसाय में ज्यादा फर्क नहीं आया,गर्मी के सीजन में मटकों की डिमांड बढ़ जाती है।