भदोही। सीतामढ़ी स्थित महर्षि वाल्मीकि आश्रम में चल रहे नव दिवसीय रामकथा का सोमवार को समापन हो गया। इस रामकथा का आयोजन लव कुश जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में किया गया था। यह मेला आदिकाल से भव्यता के साथ आयोजित होता आ रहा है और इस बार भी आषाढ़ शुक्ल पक्ष नवमी के दिन इसका समापन हुआ।
मेला क्षेत्र में सुबह से शाम तक श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। लाखों की संख्या में श्रद्धालु इस मेले में भाग लेने पहुंचे और विभिन्न कार्यक्रमों का आनंद लिया। मेले में विशेष रूप से युगल जोड़ें आकर्षित हुए। जो मेले में लगे झूलों का आनंद लेते देखे गए। इसके अलावा मेले में महिलाओं के परिधानों की दुकानों पर भी भारी भीड़ देखी गई। महिलाओं ने विभिन्न प्रकार के परिधानों की खरीदारी की और लगे बाजार का लुत्फ उठाया। मेला क्षेत्र में लगे चाट-पकौड़ी के दुकानों पर भी लोगों की लंबी कतारें देखी गईं। विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेते हुए लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था। नव दिवसीय राम कथा के दौरान विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने भक्तिभाव से रामकथा का श्रवण किया और अपने मन को शांति प्रदान की। इस दौरान आयोजित किए गए प्रवचनों ने भी श्रद्धालुओं के मनोबल को ऊंचा किया। मेला क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। स्थानीय प्रशासन ने मेले के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पूरी तैयारी की थी। यातायात व्यवस्था भी सुचारू रूप से संचालित की गई। ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। समापन समारोह के दौरान महर्षि वाल्मीकि आश्रम के प्रमुख संतों ने सभी श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया और उन्हें धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। श्रद्धालुओं ने भी आश्रम के संतों का आशीर्वाद लिया और अगले वर्ष फिर से मेले में भाग लेने का संकल्प लिया। इस प्रकार भदोही के सीतामढ़ी में आयोजित नव दिवसीय रामकथा और भव्य मेला संपन्न हुआ। श्रद्धालुओं की अपार भीड़ धार्मिक उत्साह और सांस्कृतिक गतिविधियों ने इस मेले को विशेष बना दिया। मेले का समापन श्रद्धालुओं के मन में असीम संतोष और भक्ति की भावना के साथ हुआ।