ललितपुर। स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के तहत केन्द्र व प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षा अनुसार शुक्रवार को दीपचंद चौधरी महाविद्यालय में प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया। अभियान के पूर्व सभी प्राध्यापकों व छात्र- छात्राओं ने प्लास्टिक और ांबीतं की साफ़ सफ़ाई की एवं छात्र- छात्राओं को जागरूक किया।
भारत में प्लास्टिक प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन गया है। हाल ही में एक अध्ययन से पता चला है कि भारत अब वैश्विक प्लास्टिक प्रदूषण में सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, जो लगभग 20ः वैश्विक प्लास्टिक उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार है। भारत हर साल लगभग 9.3 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न करता है, जिसका एक बड़ा हिस्सा अनएकत्रित रहता है और खुले में जलाया जाता है, जिससे हानिकारक विषाक्त गैसें निकलती हैं।
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. जे. एस. तोमर ने कहा कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के निर्देशों का पालन करना आवश्यक है अन्यथा दंडात्मक कार्रवाई भी हो सकती है। पर्यावरण संरक्षण सभी की नैतिक जिम्मेदारी भी है। समय से नहीं चेते तो इसके दुष्परिणाम भुगतने के लिए हम सभी को तैयार रहना होगा।
आदित्य कुमार भारतीय ने कहा कि धरती को बचाना है तो प्लास्टिक का उपयोग बंद करना होगा, तथा कचरा न फ़ैले तभी पर्यावरण में बढ़ रहे प्रदूषण को रोका जा सकता है। सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में लोगों ने शपथ लिया ली थी कि हम प्लास्टिक का उपयोग नहीं करेंगे और अन्य लोगों को भी प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिए प्रेरित करेंगे।
इस मौक़े पर प्रबंधतंत्र की ओर से प्रदीप चौधरी, प्रवीण चौधरी, गौरव चौधरी, विकास चौधरी, प्रणव चौधरी, महाविद्यालय स्टाफ से डॉ आर .के. राजन , प्रो. ब्रजेश पटेरिया , पी .टी.आई अतुल सोनी, प्रो .आदित्य मिश्रा, प्रो.एकता शर्मा, प्रो.नीतू शर्मा , प्रो.चेलसी जैन, प्रो.अभिषेक रावत , प्रो.रोहित रावत, डॉ रमेंद्र कुमार, प्रो.आकाश रॉय, प्रो. पूनम सोनी, शुभि जैन, शिवंगी शिंघाई, प्रो. संस्कृति सोनी, प्रो. अनुराग पटेरिया , प्रो. नीलेश निरंजन , प्रो. सुविज्ञ जैन, प्रो.बृजेन्दु दास प्रो. विनय गोस्वामी ,मिनी जैन, भगवानदस आदि मौजूद रहें।