मंगलाचरण उन्ही का होता है जिनका आचरण मंगल हो – ध्यानमूर्ति जी

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चोपन, सोनभद्र । नर्मदेश्वर महादेव श्री पराम्बा शक्ति पीठ चोपन में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिवस का शुभारंभ मंगलाचरण के साथ हुआ ध्यानमूर्ति जी ने कथा में बताया कि, मंगलाचरण उन्ही का होता है जिनका मंगल आचरण हो। कथा के अद्वतीय श्रोता और वक्ता दोनों के ही जन्म की कथा गुरु मां ने श्रवण करवाई। 17 पुराणों के लेखन के बाद भी श्री वेदव्यास जी के मन में जो असंतोष था नारद जी ने अपने पूर्व जन्म की कथा सुनाकर उसे दूर किया और वेद व्यास जी ने श्रीमद् भागवत पुराण की रचना की कुंती स्तुति भीष्म स्तुति परीक्षित जन्म की कथा परीक्षित को श्राप लगने के बाद स्वयं श्री शुकदेव जी पतिक्षित को कथा सुनाने गंगा तट पर आए। आज कथा के विश्राम के समय भगवान के लाडले भक्त बिदुर की कथा सुनाई की किस प्रकार प्रेम के वश में ठाकुर जी ने दुर्योधन के 56 भोग त्यागकर विदुर जी के घर जाकर केले के छिलकों का भोग लगाया कथा में विदुर विदुरानी और भगवान कृष्ण की मनमोहक झांकी के दर्शन का लाभ उपस्थित भक्तों ने प्राप्त किया। इस मौके पर विनोद सिंह, बारमती देवी, दीनदयाल सिंह, हंसराज शुक्ला, रघुराई भारती, आर पी राम, लालजी मिश्रा, जयशंकर पाण्डेय,लालबाबू सिंह, नागेंद्र आदि मौजूद रहे।

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