गाज़ीपुर। भयंकर गर्मी और सूखे की मार झेल रहे लोगों को भले ही अब तक गर्मी से राहत नहीं मिली है लेकिन गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है।
आधा सावन बीतने के उपरांत यदा-कदा हो रही बरसात की सावनी फुहार ने भले ही प्राणियों में नवजीवन का संचार किया है, लेकिन अभी भी गर्मी से निजात नहीं मिली है। काफी कम क्षेत्रफल में लगायी गयी धान की फसल में भी अब हरियाली आने लगी है। बढ़ते प्राकृतिक तापमान और अंधाधुंध हो रही बिजली कटौती से जनजीवन अस्त्र-व्यस्त तो है लेकिन कभी कभार हो रही बरसात के बीच सुहाने मौसम का लुत्फ उठाते हुए लोग प्राकृतिक सौन्दर्य का आनन्द ले रहे हैं।
इतना ही नहीं बल्कि अब तो गंगा नदी का जलस्तर के लगातार बढ़ने से नदी किनारे बसेरा बनाए लोगों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। वर्तमान में जलस्तर सामान्य से नीचे हैं और लगातार बढ़ाव पर है। मंगलवार को अपरान्ह तीन बजे गंगा नदी का जलस्तर 59.500 मीटर रहा और गंगा का जलस्तर 5 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। यदि यही स्थिति रही तो कल तक जलस्तर, सामान्य जलस्तर 59.906 मीटर को पार कर जायेगा।
बताते चलें कि गंगा का सामान्य जलस्तर 59.906 मीटर होता है। वहीं चेतावनी बिंदु 61.550 मीटर, खतरा बिन्दु 63.105 मीटर तथा बाढ़ का उच्च स्तर 65.220 मीटर निर्धारित है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में बाढ़ का उच्च जलस्तर 64.530 मीटर, वर्ष 2021 बाढ़ का उच्च जलस्तर 64.680 मीटर, वर्ष 2022 बाढ़ का उच्च जलस्तर 64.390 मीटर तथा वर्ष 2023 में बाढ़ का उच्च जलस्तर 61.700 मीटर रहा है ।