महराजगंजतराई (बलरामपुर ) /तराई क्षेत्र में लगातार पड़ रही गर्मी से मानसून आने के बाद जहां लोगों को राहत मिली है। किसानों के फसलों को फायदा हुआ है। वहीं अब क्षेत्र वासियों को बाढ़ का डर भी सताने लगा है। पहाड़ी क्षेत्र में रात को हुई बारिश से सुबह खरझार नाले में उफान आ गया। पहले ही बरसात में खरझार नाला उफ़नाने से तराई वासियों को बरसात मे और भी भीषण बाढ़ का दंस झेलना पड़ेगा।क्षेत्र में हर साल पहाड़ी नालों की बाढ़ से लगभग 20 गांव प्रभावित होते हैं लेकिन जिम्मेदार समय रहते हैं इसका उपाय करना मुनासिब नहीं समझते। बाढ़ खंड के कार्य क्षेत्र में पडने वाले पहाड़ी नाला खरझार के तट पर बना तटबंध जर्जर है। तटबंध की मरम्मत कराने में जिम्मेदार अधिकारी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं । ऐसे में मानसून सत्र शुरू होने पर 20 गांव की लगभग दस हजार आबादी को बाढ़ का कहर झेलना पड़ेगा। पहाड़ी नाला हेंगहा, धोबैनिया व खरझार नाले तराई क्षेत्र से होकर राप्ती नदी में समाहित होते हैं। पहाड़ी नालों की बाढ़ का पानी क्षेत्र के साहेबनगर, रामगढ़मैटहवा,शांतिनगर,विजयीडीह,लोहेपानिया, महादेव गोसाई, लहेरी, दांदव, रुपनगर, जगरामपुरवा, सुगानगर, बनकटवा समेत बीस गाँव के लोग हर साल प्रभावित होते हैं। ग्रामीणों की माने तो खरझार नाले के पश्चिमी तट पर बना तटबंध पुल के समीप पूरी तरह से जर्जर है। समय रहते ही अगर जर्जर तटबंध का मरम्मत कार्य नहीं कराया गया तो आने वाले समय में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।स्थानीय निवासी ग्राम प्रधान तुलाराम यादव, ग्राम प्रधान जीने, धनीराम वर्मा रामकुमार कैलाश यादव, राजेंद्र वर्मा, आदि लोगों ने तटबंध मरम्मत कराये जाने की मांग जिलाधिकारी से की है।सहायक अभियंता बाढ़ खंड बलरामपुर रजनीकांत ने बताया कि शीघ्र ही तटबंध के मरम्मत का कार्य कराया जाएगा।