September 8, 2024

सतबीर शर्मा। पहल टुडे।गुरुग्राम। डी.पी.जी. आईटीएम इंजीनियरिंग कॉलेज, सेक्टर 34 गुरुग्राम के प्रांगण में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस बड़े ही उत्साह से मनाया गया। इस अवसर पर कॉलेज के जनरल सेक्रेटरी श्री सुरेन्द्र गहलोत एडवोकेट एवं कॉलेज के डॉयरेक्टर प्रोफेसर आर सी कुहाड़ ने मुख्य अतिथि प्रोफेसर वी.के. जैन जी (वाइस चॉंसलर ऑफ नॉर्थ हिल यूनिवर्सिटी शिलांग) का स्वागत किया।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारत के महान वैज्ञानिक सर सी.वी. रमन के सम्मान में उनकी जयन्ती के उपलक्ष में प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी के दिन मनाया जाता है। देश के भौतिकी वैज्ञानिकों में से एक सीवी रमन द्वारा प्रचलित ‘रमन इफेक्ट’ की खोज की पुष्टि 28 फरवरी 1928 के दिन ही दिन की गयी थी, जिसके दो साल बाद में यानि वर्ष 1930 में उन्हें इस खोज के लिए नोबल पुरस्कार प्रदान किया गया था। इसी उपलक्ष में भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एनसीएसटीसी) द्वारा 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाए जाने की सलाह दी गयी थी।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर वी.के. जैन जी ने कहा कि हमारा देश स्वदेशी तकनीकि का उपयोग करके अपनी सभी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होता जा रहा है। हमारी स्वदेशी तकनीक हमारे आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष विकसित भारत में स्वदेशी तकनीकि विषय को ध्यान में रखते हुए यह विज्ञान दिवस मनाया जा रहा है। डॉयरेक्टर आर.सी कुहाड़ जी ने अपने सम्बोधन में यह स्पष्ट किया कि भारत की संस्कृति एवं सभ्यता में विज्ञान का समावेश पौराणिक काल से रहा है। पूरी दुनिया के वैज्ञानिक हमारी इस धरोहर का फायदा उठाते रहे हैं। भारत में प्राचीन प्राद्यौगिकियॉं आज भी उपयोगी हैं, जैसे धानुकर्म तकनीक, पारिस्थितिक और कृषि परंपराएं, आयुर्वेद एवं विभिन्न स्थानीय स्वास्थ्य सेवाएं, जल प्रबंधन आदि। भारत आज अत्याधुनिक तकनीकें भी तैयार कर रहा है जैसे 5जी तकनीक, ब्लॉक चेन, संवर्धित और आभासी वास्तविकता, रोबोटेक्स। भारत के पास एक वैश्विक प्राद्यौगिकी केंद्र में बदलने के लिए सभी सामग्रियां मौजूद हैं। वैज्ञानिक जागरूकता से जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है।
जनरल सेक्रेटरी श्री सुरेन्द्र गहलोत जी ने भारतीय वैज्ञानिकों की मुक्त कंठ से प्रसंसा की और कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों ने समय समय पर विभिन्न क्षेत्रों में अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रसिद्धि अर्जित की है। हमारे वैज्ञानिक उर्जा, जल संचयन, चिकित्सा एवं बायो-टेक्नोलॉजी जैसे अनेक क्षेत्रों में नवाचार लाने में सक्षम रहें हैं। हमारे अनुसंधान एवं अद्भुत अविष्कार न केवल भारत में अपितु विश्व में भी उल्लेखनीय रहे हैं।
इस अवसर पर कॉलेज के छात्र-छात्राओं के लिए पॉवर-प्वाइंट प्रजेन्टेशन प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें मुख्य अतिथि श्री वी.के जैन जी ने विजेता छात्र-छात्राओं को प्रमाण-पत्र और ट्रॉफी देकर सम्मानित किया। कॉलेज के रजिस्ट्रार प्रोफेसर टी.आर नरुला ने मुख्य अतिथि श्री वी.के जैन जी का आभार एवं धन्यवाद व्यक्त करते हुए छात्रों को पर्यावरण के अनुकूल विज्ञान एवं प्राद्योगिकी का विस्तार करने के लिए प्रेरित किया। कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की एचओडी डॉ सारिका ने इस कार्यक्रम का सुचारू रूप से संचालन करने के लिए अपनी टीम के सदस्यों आकांक्षा कुलश्रेष्ठा, डॉ सिम्पी मेहता, स्मृति द्विवेदी, कंचन चौधरी एवं निशा का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारी कर्नल ठाकरान, डीन एकेडेमिक डॉ मुकेश यादव, डॉ रिम्मी सिंह, नेहा माथुर, वंदना कौशिक, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के एचओडी अभि बंसल, भूदेव दीक्षित, लीना शर्मा, आदि उपस्थित रहे।

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