सोनभद्र। जिलाधिकारी श्री चन्द्र विजय सिंह ने बुधवार को राजकीय पौधशाला, लोढ़ी में जिला खनिज निधि से निर्मित मशरूम उत्पादन इकाई तथा राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत द्वारा निर्मित 1000 वर्गमीटर में बने पॉली हाउस का निरीक्षण किया। जिला खनिज निधि से निर्मित मशरूम इकाई में मशरूम उत्पादन हेतु कम्पोस्ट बैग तैयार किये गये है, इस दौरान जिलाधिकारी ने मशरूम उत्पादन इकाई के संचालन के सम्बन्ध में जिला उद्यान अधिकारी से जानकारी प्राप्त की तो उनके द्वारा बताया गया कि प्रति चैम्बर में 1600 बैग रखे जाते है, जिसमें प्रति बैग 2 किलोग्राम बटन मशरूम का उत्पादन होता है। जनपद के कृषकों को प्रशिक्षण के माध्यम से मशरूम उत्पादन के लिए उद्यान विभाग द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है, तथा लागत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। प्रति यूनिट 20.00 लाख खर्च होते है, जिस पर 0 8.00 लाख रूपये का अनुदान दिया जाता है। मशरूम समान्यतः ठण्डे तापक्रम में उत्पादित किया जाता है, जो माह अक्टूबर व नवम्बर से लेकर माह जनवरी व फरवरी तक झोपड़ियों में उत्पादित किया जा सकता है, इस समय बाजार मूल्य सामान्यतः 100 से 150 प्रति किलोग्राम होता है, परन्तु माह मार्च के बाद मशरूम का उत्पादन केवल वातानूकूलित चैम्बर में ही किया जा सकता है, इस समय मूल्य लगभग 250 से 300 प्रति किलोग्राम होता है। इस दौरान जिलाधिकारी ने उद्यान अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि, अधिक से अधिक स्वयं सहायता समूह की महिलाओं तथा एफ०पी०ओ० को प्रशिक्षित कर मशरूम का उत्पादन बढ़ाया जाये तथा उत्पादित मशरूम जिसमें प्रोटीन की मात्रा अत्यधिक होती है उसे मिड डे मील में स्कूलों के माध्यम से बच्चों को उपलब्ध कराया जाये। इस दौरान पॉली हाउस द्वारा विपरित मौसम में खीरा, खरबूजा तथा रंगीन शिमला मिर्च का उत्पादन करते हुए कृषकों को पॉली हाउस लगाने हेतु प्रेरित करने के लिए जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया। पॉली हाउस के निर्माण में भी उद्यान विभाग द्वारा लागत का 50 प्रतिशत अनुदान के रूप में उपलब्ध कराया जाता है।