जरवल/बहराइच। विकास खण्ड जरवल मे ब्लाक प्रमुख विपेंन्द्र वर्मा के लिए नई मुसीबत आन पड़ी है क्योंकि शुक्रवार को 13 क्षेत्र पंचायतो सदस्यों ने प्रमुख समेत तमाम विभागीय मंत्री से लेकर तमाम अधिकारियो को रजि. डाक द्वारा इस्तीफा दे जो दे चुके है।अब सप्ताह 10 दिन मे बड़ी संख्या मे और भी क्षेत्र पंचायत सदस्यों का इस्तीफा देने की कवायद भी शुरू है जो प्रमुख के लिए खतरे की घंटी से कम भी नहीं है।सूत्र बता रहे है कि क्षेत्र पंचायत सदस्यों की बैठक इस ब्लाक मे बुलाई ही नही जाती और बुलाई भी जाती है तो जिम्मेदार मानदेय तक नही देते जब की शासनादेश की माने तो तीन महीने में क्षेत्र पंचायतो की एक बैठक होन चहिए बताते चले
प्रदेश की योगी सरकार”सबका साथ,सबका विकास”के नीति अपना कर विकास कार्यों पर काम कर रही है।साथ ही सरकार सभी की बराबर भागीदारी लेकर कृत संकल्पित है।वही जरवल विकास खण्ड में अपनी उपेक्षा से नाराज दर्जनों क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने सामूहिक इस्तीफा दे भी दे चूके है।सूत्रो का कहना है कि योगी सरकार की “सबका साथ,सबका विकास”नीति को जमीन पर लाना तो जरूर चाहती है पर इसके विपरीत प्रशासनिक अधिकारियों की उपेक्षा से नाराज होकर अपना इस्तीफे को मुख्यमंत्री समेत,पंचायती मन्त्री, अपर मुख्य सचिव पंचायती राज, जिलाधिकारी, जिला पंचायत अध्यक्ष,वीडीओ और प्रमुख को भेज दिया है।सूत्र बता रहे हैं कि क्षेत्र पंचायत सदस्यों को भी जनता ने चुन कर हुए प्रतिनिधि बनाया है और क्षेत्र पंचायत सदन के सदस्य है।फिर भी जनमानस की अपेक्षा और उनकी मांग के अनुसार कार्य कराने हेतु क्षेत्र पंचायत की बैठकों में विकास कार्यों का प्रस्ताव को ठेंगा दिखाना भी सदस्यों को कम नागवार नही गुजर रहा।वैसे सूत्रो की माने तो जरवल के प्रमुख और बीडीओ से मिलकर उनके क्षेत्र के विकास कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर कराने आग्रह भी अनेको बार किया परन्तु उनके प्रस्ताव को जिम्मेदारों ने कूड़े की टोकरी में ही डाल दिया गया की जिस कारण क्षेत्र पंचायत सदस्यो की स्थित बड़ी ही दयनीय हो गई है जिससे तंग आकर भारी संख्या मे और भी तमाम क्षेत्र पंचायत सदस्यों का कुनबा अपना इस्तिफा सौंपने के मूड मे है जिसका पर्दे के पीछे से कंकरी मारी जा रही है।