November 21, 2024

पहल टुडे

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मारुति की सबसे महंगी गाड़ी होगी लॉन्च, फीचर्स और कितनी होगी कीमत नई दिल्ली देश की प्रमुख कार निर्माता मारुति की ओर से पांच जुलाई को भारतीय बाजार में नई एमपीवी लॉन्च की जाएगी। हम इस खबर में आपको बता रहे हैं कि कंपनी की ओर से इस एमपीवी में किस तरह के फीचर्स दिए जा सकते हैं और साथ ही इसकी संभावित कीमत क्या हो सकती है। भारतीय बाजार में पांच जुलाई को मारुति की सबसे महंगी और...
दिल्ली–एनसीआर में कमजोर हुआ मानसून, 41 के करीब पहुंचा पारा; अभी इतने दिन और सताएगी उमस भरी गर्मी नई दिल्ली राजधानी में बीते कुछ दिनों से मानसून के कमजोर होने से उमस भरी गर्मी लोगों को परेशान कर रही है। सोमवार की सबुह से ही सूरज की तपिश ने लोगों को बेहाल किया। दिन में भी गर्म हवाएं चलती रही। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि मंगलवार को हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन लोगों को फिर भी गर्मी से राहत मिलने की संभावना नहीं है। ऐसा ही हाल शनिवार सप्ताहांत तक बना रहेगा। इसके बाद ही तेज बारिश होने पर लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है। प्रादेशिक मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, सोमवार को अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, न्यूनतम तापमान 27.8 डिग्री रहा। वहीं, दिल्ली के पीतमपुरा इलाके में 40.5 डिग्री के साथ सर्वाधिक तापमान दर्ज किया गया। नजफगढ़ में 39.2 डिग्री और न्यूनतम तापमान 30.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, पूसा में 39.7 डिग्री व न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग के अनुसार मगंलवार को अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 28 रहने की आशंका है।  
कट्टर हिंदू का स्टीकर लगाने पर पड़ोसी ने की पिटाई नई दिल्ली शास्त्री पार्क इलाके में बाइक पर कट्टर हिंदू का स्टीकर लगाना एक युवक को भारी पड़ गया। पड़ोस में रहने वाले युवक ने उसे स्टीकर हटवाने की धमकी दी। स्टीकर नहीं हटाने पर आरोपी ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर उसकी जमकर पिटाई कर दी। घायल युवक को जग प्रवेश चंद अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। पीड़ित की शिकायत पर शास्त्री पार्क थाना पुलिस ने मारपीट सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है। पुलिस फरार आरोपियों की तलाश कर रही है। कमल अपने परिवार के साथ शास्त्री पार्क में रहता है। वह मेडिकल के सामान की डिलीवरी करता है। उसने अपनी बाइक पर कट्टर हिंदू का स्टीकर लगाया है। कमल का आरोप है कि 10 दिन पहले वह अपनी बाइक से जा रहा था। रास्ते में उसे पड़ोसी ललित सैनी मिला। ललित ने उसे स्टीकर हटाने को कहा। ऐसा नहीं करने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी। रविवार रात 11 बजे पीड़ित अपनी मोटरसाइकिल से घर आ रहा था। एफ ब्लॉक के पास ललित ने उसे पकड़ लिया और धमकाते हुए कहा कि स्टीकर नहीं हटाया है। आज तुम्हें सबक सिखाते हैं। उसके बाद आरोपी ने अपने दोस्तों को बुलाकर उसकी पिटाई कर दी। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।    
एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक का दावा, हाउस टैक्स के तौर पर पहली बार जमा हुए 1113 करोड़ रुपये नई दिल्ली आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि एमसीडी में उसकी सरकार...
बड़े चौधरी के बिना पहला लोस चुनाव, जयंत के कदम पर टिकीं सबकी निगाहें लखनऊ वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव ऐसा पहला चुनाव होगा जब रालोद बिना चौधरी अजित सिंह के इस चुनावी रण में कूदेगी। ऐसे में इस चुनाव को लेकर रालोद प्रमुख जयंत चौधरी के कदम पर सबकी निगाह है। हालांकि जयंत साफ कह रहे हैं कि वह विपक्ष में हैं और विपक्ष की अगली बड़ी बैठक में शिरकत करेंगे। बावजूद इसके यह चर्चाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले ही जयंत सत्ताधारी पार्टी की नैया में सवार हो जाएंगे या फिर विपक्ष में ही हुंकार भरेंगे। दरअसल चर्चाओं का यह बाजार 23 जून को पटना में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक के बाद ज्यादा गरम हुआ। इस बैठक में जयंत चौधरी शामिल नहीं हुए थे। हालांकि वह देश के बाहर थे और उन्होंने बाकायदा पत्र जारी कर इस बैठक का समर्थन किया था। बावजूद इसके सियासी गलियारों में यह चर्चा शुरू हो गई कि जयंत की नजदीकी एनडीए सरकार के साथ बढ़ रही है। हो सकता है कि वह लोकसभा चुनाव से पहले उनके पाले में खड़े नजर आएं। इससे पहले चाहे नगर निकाय का चुनाव हो या अन्य कई कार्यक्रम, जयंत और सपा प्रमुख अखिलेश यादव साथ साथ नजर नहीं आए। दोनों का गठबंधन होने के बावजूद साथ साथ न होना कई सवाल खड़े कर गया जिसे और मजबूत किया 23 जून को हुई पटना की बैठक ने। हालांकि जयंत ने जो पत्र इस बैठक को लेकर बिहार के सीएम और पटना बैठक के आयोजक नीतीश कुमार को लिखा था उससे यह लग रहा था कि वह पूरी तरह से विपक्ष के साथ हैं।
सिंचाई कर रहे दो किसानों की गोली मारकर हत्या, गांव में कई थानों की फोर्स लगाई गई सुल्तानपुर सुल्तानपुर जिले के कादीपुर के अखंडनगर थाना क्षेत्र के मरूई कृष्णदासपुर मे बीती देर रात खेत की सिंचाई कर रहे दो किसानों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटनास्थल पर तनाव के मद्देनजर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। एसपी सोमेन वर्मा ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया। मरूई कृष्णदासपुर गांव के ही खेत की सिंचाई कर रहे किसान धर्मराज मौर्य एवं विजय कुमार राजभर  गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए जिन्हें अखंड नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। जहां पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटनास्थल पर थानाध्यक्ष अखंडनगर, क्षेत्राधिकारी शिवम मिश्रा समेत कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई है। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में ले लिया है। घटनास्थल पर भारी भीड़ एकत्रित है। किसी भी बवाल की आशंका को लेकर जिला प्रशासन ने कई थानों की पुलिस बल को गांव में तैनात कर दिया है। घटना का कारण पुलिस जमीनी रंजिश बता रही है। हमलावरों की तलाश की जा रही है। सीओ कादीपुर शिवम मिश्रा ने बताया कि प्रथम दृष्टया भूमि विवाद सामने आ रहा है। पूरे मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।
अतीक– अशरफ की हत्या से जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई, 14 जुलाई तक टला मामला नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या और यूपी में मुठभेड़ों की स्वतंत्र जांच से जुड़ी दो याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कहा, फिलहाल हम व्यक्तिगत मुद्दों पर गौर करने के बजाये इस पर ध्यान दे रहे हैं कि क्या इसमें कोई व्यवस्थागत दिक्कत है। साथ ही, इन पर सुनवाई 14 जुलाई तक टाल दी। जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ के सामने आई इन दो याचिकाओं में से एक अतीक की बहन आयशा नूरी की तरफ से दाखिल की गई है। इसमें दोनों भाइयों की हिरासत में हत्याओं की जांच के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में आयोग गठित करने की मांग की गई है। वहीं, दूसरी जनहित याचिका राज्य में मुठभेड़ों की स्वतंत्र जांच के लिए वकील विशाल तिवारी की तरफ से दाखिल की गई थी। वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान पीठ को बताया कि राज्य सरकार ने एक दिन पहले ही विस्तृत स्थिति रिपोर्ट पेश की है। अदालत स्थिति रिपोर्ट पर गौर कर सकती है और मामले को सुनवाई के लिए तारीख तय कर सकती है। 30 जून को दायर अपनी स्थिति रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि वह अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मौत की गहन, निष्पक्ष और समय पर जांच सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि घटना के बाद गठित न्यायिक आयोग को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए और तीन महीने का समय दिया गया है।