September 20, 2024

पहल टुडे

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शिक्षा मंत्रालय और अबू धाबी के शिक्षा एवं ज्ञान विभाग (एडीईके) ने खाड़ी देश में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली का परिसर स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दौरे के दौरान समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह कदम आईआईटी को वैश्विक बनाने के अभियान का हिस्सा है। आईआईटी दिल्ली दूसरा आईआईटी है जिसने देश के बाहर परिसर स्थापित करने की घोषणा की है। आईआईटी मद्रास ने पिछले हफ्ते तंजानिया के जंजीबार में अपना परिसर स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यह जानकारी देते हुए ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में आईआईटी दिल्ली का अबू धाबी परिसर स्थापित करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर से भारतीय शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण का एक नया अध्याय शुरू होगा।’’उन्होंने कहा, ‘‘नए भारत के नवोन्मेष और विशेषज्ञता का उदाहरण यूएई स्थित आईआईटी दिल्ली परिसर, भारत और यूएई की दोस्ती की इमारत होगा। यह एनईपी (नयी शिक्षा नीति) में की गई परिकल्पना के अनुसार पारस्परिक समृद्धि और विश्व कल्याण, दोनों के लिए ज्ञान की शक्ति का लाभ उठाने के मकसद से एक नया खाका तैयार करेगा।’’ परास्नातक पाठ्यक्रम अबू धाबी परिसर में अगले साल जनवरी से उपलब्ध कराए जाएंगे, जबकि स्नातक स्तर के कार्यक्रम सितंबर से उपलब्ध होंगे। शैक्षणिक कार्यक्रम और अध्यापन पद्धति आईआईटी दिल्ली के अनुसार होगी और डिग्री भी आईआईटी दिल्ली द्वारा ही दी जाएगी। आईआईटी दिल्ली ने एक बयान में कहा, ‘‘2022 की शुरुआत में दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के बीच हुए समग्र आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) में संयुक्त अरब अमीरात में एक आईआईटी परिसर की स्थापना की परिकल्पना की गई थी। शिक्षा मंत्रालय ने देश के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अपने प्रयासों को उचित समय पर लागू करने के लिए आईआईटी दिल्ली को चिह्नित किया।’’ आईआईटी दिल्ली-अबू धाबी को आईआईटी दिल्ली का एक शोध केंद्र वाला परिसर बनाने की परिकल्पना की गई है जो स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान करेगा।
बैंकॉक। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि म्यांमा की स्थिति के कारण भारत-म्यांमा-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग एक बहुत कठिन परियोजना रही है और इसे फिर से शुरू करने के तरीके ढूंढना सरकार की प्राथमिकता है। जयशंकर मेकोंग गंगा सहयोग (एमजीसी) तंत्र के विदेश मंत्रियों की 12वीं बैठक में भाग लेने और बिम्सटेक (बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल)के विदेश मंत्रियों की सम्मेलन में भाग लेने के लिए थाईलैंड में हैं। जयशंकर ने यहां बैंकॉक पहुंचने के तुरंत बाद भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए थाईलैंड और भारत के बीच कनेक्टिविटी (संपर्क) के बारे में बात की। Ads by जयशंकर ने कहा, ‘‘आज हमारे सामने असल चुनौती, जिस पर हम काम कर रहे हैं, वह यह है कि हम थाईलैंड के बीच सड़क संपर्क कैसे बनाएं। हमारे पास पूर्वोत्तर भारत से होकर गुजरने वाली यह परियोजना है, यदि हम म्यांमा से गुजरने वाली एक सड़क बनाते हैं और वह सड़क थाईलैंड की ओर से बनाई जाने वाली सड़क से जुड़ती है।’’ उन्होंने कहा कि बेहतर सड़क संपर्क से माल की आवाजाही, लोगों की आवाजाही में भारी बदलाव आएगा। विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ लेकिन, यह बहुत कठिन परियोजना रही है। मुख्य रूप से म्यांमा की स्थिति के कारण यह एक बहुत ही कठिन परियोजना रही है। यह आज हमारी प्राथमिकताओं में से एक है कि इस परियोजना को कैसे फिर से शुरू किया जाए, इसे कैसे चालू किया जाए और इसे कैसे बनाया जाए क्योंकि परियोजना के बड़े हिस्से का निर्माण किया जा चुका है।’’ गौरतलब है कि भारत, थाईलैंड और म्यांमा लगभग 1,400 किलोमीटर लंबे राजमार्ग पर काम कर रहे हैं, जो तीनों देशों को जमीन के जरिए दक्षिण-पूर्वी एशिया से जोड़ेगा और तीनों देशों के बीच व्यापार, कारोबार, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यटन संबंधों को बढ़ावा देगा। भारत-म्यांमा-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना का 70 प्रतिशत काम पूरा किया जा चुका है।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) की नई ऊर्जा, पेट्रोरसायन...
आभूषणों की खुदरा विक्रेता कंपनी सेंको गोल्ड ने शुक्रवार को शेयर बाजार में मजबूती...
भोजन में अगर प्याज न हो, तो खाने का स्वाध अधूरा होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्याज सिर्फ खाने का स्वाद नहीं बढ़ाती बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। हालांकि कई लोग प्याज का सेवन करते हैं। कुछ लोग कच्चा प्याज सलाद के तौर पर खाते हैं, तो कई लोग सब्जियों में प्याज का इस्तेमाल करते हैं। वहीं कुछ लोग प्याज के रस का भी सेवन करते हैं। बता दें कि प्याज के रस का सेवन करने से सेहत संबंधी विकास के खतरे को कम करता है। प्याज में पोटेशियम, मैंगनीज, विटामिन सी, बी6 और कॉपर आदि जैसे जरूरी विटामिन और मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा प्याज में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीइन्प्फ्लमेटरी गुण भी पाए जाते हैं। वजन घटाने से लेकर हाई बीपी, डायबिटीज आदि को कंट्रोल करने के लिए प्याज के रस का सेवन किया जाता है। प्याज का रस दिल को स्वस्थ रखने के लिए रामबाण इलाज है। यह हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको प्याज के रस के सेवन से होने वाले फायदों और सेवन के तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं। प्याज के रस के फायदे प्याज में एंटीऑक्सीडेंट गुण सूजन से लड़ने में सहायक होता है। साथ ही यह ट्राइग्लिसराइड्स को भी कम करता है। प्याज का रस कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा प्याज के रस के सेवन से इसके एंटीइंफ्लेमेटरी गुण हाई बीपी को कम करने और रक्त के थक्कों से बचाव में मदद करता है। बता दें कि यह स्थितियां दिल संबंधी बीमारियों के जोखिमों में से एक है। रोजाना प्याज का रस पीने से वजन प्रबंधन में भी मदद मिलती है और ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहता है। प्याज का रस दिल को स्वस्थ रखने में कई तरह से सहायक होता है। ऐसे पिएं प्याज का रस प्याज का रस पीने के लिए 3-4 प्याज लेकर उन्हें मोटे-मोटे टुकड़ों में काट लें। अब इन टुकड़ों को ब्लेंडर में डालकर ब्लेंड कर लें। जब इसका स्मूथ पेस्ट बन जाए तो छलनी के रस को छानकर एक बर्तन में निकाल लें। जो पेस्ट बच जाए उसका इस्तेमाल आप सब्जी में कर लें। इस रस का सुबह खाली पेट सेवन करना चाहिए। प्याज के रस का सेवन करने से न सिर्फ दिल स्वस्थ रहता है, बल्कि अन्य स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं।   ReplyForward
जब भी बालों की केयर की बात होती है तो हम उसमें ऑयल को जरूर शामिल करते हैं। अक्सर नारियल से लेकर सरसों के तेल से बालों में चंपी की जाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि ऑर्गन ऑयल भी बालों के लिए उतना ही लाभकारी है। इसे बतौर हेयर सीरम हेयर केयर रूटीन में शामिल किया जा सकता है। आप घर पर ही ऑर्गन ऑयल की मदद से हेयर सीरम बना सकते हैं। यह ना केवल बालों में फ्रिज को कंट्रोल करेगा और उन्हें अधिक मैनेजेबल बनाएगा, बल्कि इससे डैमेज्ड बालों को रिपेयर करने में भी मदद मिलेगी। साथ ही साथ, यह हीट और हीट स्टाइलिंग टूल के लिए एक बैरियर की तरह भी काम करेगा। जोजोबा ऑयल अपने मॉइश्चराइजिंग गुणों के लिए जाना जाता है। इसलिए इसे ऑर्गन ऑयल के साथ मिक्स करके आप एक बेहतरीन हेयर सीरम तैयार कर सकती हैं। आवश्यक सामग्री– – 2 बड़े चम्मच ऑर्गन ऑयल – 1 बड़ा चम्मच जोजोबा तेल – लैवेंडर, रोज़मेरी, या पेपरमिंट ऑयल की 5-10 बूंदें हेयर सीरम बनाने का तरीका– – हेयर सीरम तैयार करने के लिए एक छोटी कटोरी में ऑर्गन ऑयल और जोजोबा तेल मिलाएं। – अब आप इसमें अपनी पसंद के लैवेंडर, रोज़मेरी, या पेपरमिंट जैसे एसेंशियल ऑयल को इसमें डालें और मिक्स करें। – ये एसेंशियल ऑयल न केवल एक सुखद सुगंध जोड़ते हैं बल्कि इससे आपके बालों और स्कैल्प को भी अतिरिक्त लाभ मिलता है। – इस मिश्रण को अच्छी तरह से हिलाएं और एक छोटी एयरटाइट कंटेनर में इसे रखें। – कांच की ड्रॉपर बोतल का इस्तेमाल करना अच्छा विचार हो सकता है।...
यूनिट अमेरिका के टेक्सास में वाहन निर्माता की गीगाफैक्ट्री से बाहर निकला। इस बहुप्रतीक्षित...